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नागौरः डीटीओ कार्यालय में ऑटोमैटिक ड्राइविंग ट्रैक का काम शुरू, मनमर्जी से लाइसेंस जारी करने पर लगेगी रोक - Automatic driving track in Nagaur

नागौर के जिला परिवहन अधिकारी कार्यालय परिसर में ऑटोमैटिक ड्राइविंग ट्रैक का काम शुरू हो गया है. यह ट्रैक अगले 6 महीने में बनकर पूरा हो जाएगा. काम पूरा पूरा होने के बाद ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने में मनमर्जी पर रोक लगने की उम्मीद है.

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ऑटोमैटिक ड्राइविंग ट्रैक का काम शुरू
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Published : Mar 11, 2020, 10:46 PM IST

नागौर. जिला परिवहन अधिकारी कार्यालय परिसर में ऑटोमैटिक ड्राइविंग ट्रैक बनाने का काम शुरू हो गया है. यहां दुपहिया और चौपहिया वाहन के लिए ऑटोमैटिक ड्राइविंग ट्रैक बनाया जा रहा है. 6 महीने में यहां इसका काम पूरा होने की उम्मीद है.

ऑटोमैटिक ड्राइविंग ट्रैक का काम शुरू

जिला परिवहन अधिकारी ओमप्रकाश चौधरी ने बताया कि ऑटोमैटिक ड्राइविंग ट्रैक के लिए जिला परिवहन अधिकारी कार्यालय में ही दो बीघा जमीन आवंटित की गई है. यहां दुपहिया और चौपहिया वाहनों के लिए अलग-अलग ड्राइविंग ट्रैक बनेंगे. इस पूरे प्रोजेक्ट पर करीब 70 लाख रुपए खर्च होंगे.

डीटीओ चौधरी का कहना है कि चौपहिया वाहनों के लिए अंग्रेजी वर्णमाला के एच और 8 अंक के आकर में ड्राइविंग ट्रैक बनाया जाएगा. जिस पर चालकों को वाहन चलाकार ट्रायल देना होगा. इसके अलावा एक पुल नुमा ढांचा भी बनाया जाएगा. इसके अलावा दुपहिया वाहन चालकों के ट्रायल के लिए भी अलग ट्रैक होगा. जहां ये ट्रैक बनाए जा रहे हैं. उनके बीचों बीच एक कंट्रोल रूम भी बनेगा. जिस पर अत्याधुनिक तकनीक से युक्त उपकरण लगाए जाएंगे.

ये पढ़ेंः जयपुर के ब्यूना विस्ता रिसॉर्ट में ठहरे मध्य प्रदेश के विधायक की बिगड़ी तबीयत, मौके पर बुलाई गई मेडिकल टीम

उन्होंने बताया कि सार्वजनिक निर्माण विभाग ने इसके लिए टेंडर जारी किए थे. जिसके आधार पर काम शुरू कर दिया गया है. यह काम पूरा करने के लिए छह महीने की समयावधि तय की गई है. जिला परिवहन अधिकारी का कहना है कि ऑटोमैटिक ड्राइविंग ट्रैक पर ट्रायल होने से ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी और मनमर्जी से लाइसेंस जारी करने जैसी गड़बड़ियों पर प्रभावी अंकुश लगाया जा सकेगा.

नागौर. जिला परिवहन अधिकारी कार्यालय परिसर में ऑटोमैटिक ड्राइविंग ट्रैक बनाने का काम शुरू हो गया है. यहां दुपहिया और चौपहिया वाहन के लिए ऑटोमैटिक ड्राइविंग ट्रैक बनाया जा रहा है. 6 महीने में यहां इसका काम पूरा होने की उम्मीद है.

ऑटोमैटिक ड्राइविंग ट्रैक का काम शुरू

जिला परिवहन अधिकारी ओमप्रकाश चौधरी ने बताया कि ऑटोमैटिक ड्राइविंग ट्रैक के लिए जिला परिवहन अधिकारी कार्यालय में ही दो बीघा जमीन आवंटित की गई है. यहां दुपहिया और चौपहिया वाहनों के लिए अलग-अलग ड्राइविंग ट्रैक बनेंगे. इस पूरे प्रोजेक्ट पर करीब 70 लाख रुपए खर्च होंगे.

डीटीओ चौधरी का कहना है कि चौपहिया वाहनों के लिए अंग्रेजी वर्णमाला के एच और 8 अंक के आकर में ड्राइविंग ट्रैक बनाया जाएगा. जिस पर चालकों को वाहन चलाकार ट्रायल देना होगा. इसके अलावा एक पुल नुमा ढांचा भी बनाया जाएगा. इसके अलावा दुपहिया वाहन चालकों के ट्रायल के लिए भी अलग ट्रैक होगा. जहां ये ट्रैक बनाए जा रहे हैं. उनके बीचों बीच एक कंट्रोल रूम भी बनेगा. जिस पर अत्याधुनिक तकनीक से युक्त उपकरण लगाए जाएंगे.

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उन्होंने बताया कि सार्वजनिक निर्माण विभाग ने इसके लिए टेंडर जारी किए थे. जिसके आधार पर काम शुरू कर दिया गया है. यह काम पूरा करने के लिए छह महीने की समयावधि तय की गई है. जिला परिवहन अधिकारी का कहना है कि ऑटोमैटिक ड्राइविंग ट्रैक पर ट्रायल होने से ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी और मनमर्जी से लाइसेंस जारी करने जैसी गड़बड़ियों पर प्रभावी अंकुश लगाया जा सकेगा.

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