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नागौर में अविवाहित नाबालिग छात्रा ने दिया बच्ची को जन्म, परिजनों ने किया अपनाने से इनकार

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Published : Feb 28, 2020, 8:06 AM IST

Updated : Feb 28, 2020, 2:31 PM IST

नागौर के लाडनूं में गुरुवार को 12वीं कक्षा की एक अविवाहित छात्रा ने बच्ची को जन्म दिया है. छात्रा अध्ययनरत है और कुछ दिनों बाद ही बोर्ड परीक्षाएं भी होनी हैं. किंतु इसी बीच ऐसी घटना सामने आ जाने से पूरा परिवार परेशान है.

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अविवाहित छात्रा ने दिया बच्ची को जन्म

लाडनूं (नागौर). जिले के लाडनूं के राजकीय चिकित्सालय में गुरुवार को 12वीं कक्षा की एक अविवाहित छात्रा ने बच्ची को जन्म दिया है. अस्पताल प्रबंधक ने लड़की के परिजनों पर लड़की और बच्चे की देखभाल ना करने का आरोप लगाते हुए, नागौर जिला कलक्टर दिनेश कुमार यादव, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष कुन्दन सिह और जेएलएन अस्पताल के पीएमओ को बुलाकर जच्चा बच्चा के स्वास्थ्य और कानूनी पहलू के बारे में चर्चा की.

अविवाहित छात्रा ने दिया बच्ची को जन्म

मामले पर छात्रा के पिता से मिली जानकारी अनुसार ये बालिका उनकी सबसे बड़ी संतान है. वो मजदूरी का काम करके अपने परिवार का निर्वहन करते हैं जबकि माता गृहणी हैं. बालिका के पिता को तीन महीने पहले ही कुछ शक हुआ था, लेकिन उसकी माता द्वारा के दवाई दिए जाने की बात कहने पर इसे नजरअंदाज कर दिया.

गुरुवार सुबह बालिका के पिता अपनी मजदूरी पर चले गए थे. कुछ देर बाद उन्हें बच्ची की तबीयत ज्यादा खराब होने की खबर मिली. जिसके बाद वो उसे गांव के अस्पताल दिखाने ले गए. जहां, चिकित्सकों ने बालिका को लाडनूं और सुजानगढ़ के बड़े अस्पताल में दिखाने की बात कही. परिजन बालिका को लेकर लाडनूं आए, जहां चिकित्सकों की सलाह पर सोनोग्राफी जांच कराई गई. सोनोग्राफी रिपोर्ट में जैसे ही बच्ची के पेट मे भ्रूण होने की खबर मिली तो परिजनों के होश उड़ गए.

प्रसव पीड़ा होने के बाद राजकीय अस्पताल में बालिका का प्रसव कराया गया, जहां बालिका ने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया है. लेकिन अस्पताल प्रशासन के संज्ञान में आया कि परिजनों द्वारा बच्चे की देखभाल में आनाकानी की जा रही है. ऐसी स्थिति में सांडवा थाना पुलिस को सूचना दी गई. जहां, जांच अधिकारी ने पहुंचकर जानकारी जुटाई.

पढ़ें. स्पेशल: हुक्मरानों से आस लगाए बैठे सिलिकोसिस के मरीज, यहां 80 गांवों में बरपा कहर

वहीं, जिला कलेक्टर को भी इस मामले से अवगत कराया गया. जिसके बाद कलेक्टर दिनेश कुमार यादव ने बाल कल्याण समिति के अधिकारियों के साथ विभिन्न पहलूओं पर चर्चा की. शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ सुशील बाकोलिया ने बताया कि यदि बच्चा लावारिस हालत में पालनाघर मे मिलता है या बच्चे के परिजन उसे नहीं अपनाते तो ऐसी स्थिति में बच्चे को समाज कल्याण विभाग के सुपुर्द किया जाता है. उन्होंने बताया कि फिलहाल जिला कलेक्टर के निर्देश पर सभी पहलुओं पर ध्यान दिया जा रहा है. वहीं, बालिका कि सुरक्षा को देखते हुए अस्पताल में एक पुलिस जवान की डयुटी भी लगाई गई है.

लाडनूं (नागौर). जिले के लाडनूं के राजकीय चिकित्सालय में गुरुवार को 12वीं कक्षा की एक अविवाहित छात्रा ने बच्ची को जन्म दिया है. अस्पताल प्रबंधक ने लड़की के परिजनों पर लड़की और बच्चे की देखभाल ना करने का आरोप लगाते हुए, नागौर जिला कलक्टर दिनेश कुमार यादव, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष कुन्दन सिह और जेएलएन अस्पताल के पीएमओ को बुलाकर जच्चा बच्चा के स्वास्थ्य और कानूनी पहलू के बारे में चर्चा की.

अविवाहित छात्रा ने दिया बच्ची को जन्म

मामले पर छात्रा के पिता से मिली जानकारी अनुसार ये बालिका उनकी सबसे बड़ी संतान है. वो मजदूरी का काम करके अपने परिवार का निर्वहन करते हैं जबकि माता गृहणी हैं. बालिका के पिता को तीन महीने पहले ही कुछ शक हुआ था, लेकिन उसकी माता द्वारा के दवाई दिए जाने की बात कहने पर इसे नजरअंदाज कर दिया.

गुरुवार सुबह बालिका के पिता अपनी मजदूरी पर चले गए थे. कुछ देर बाद उन्हें बच्ची की तबीयत ज्यादा खराब होने की खबर मिली. जिसके बाद वो उसे गांव के अस्पताल दिखाने ले गए. जहां, चिकित्सकों ने बालिका को लाडनूं और सुजानगढ़ के बड़े अस्पताल में दिखाने की बात कही. परिजन बालिका को लेकर लाडनूं आए, जहां चिकित्सकों की सलाह पर सोनोग्राफी जांच कराई गई. सोनोग्राफी रिपोर्ट में जैसे ही बच्ची के पेट मे भ्रूण होने की खबर मिली तो परिजनों के होश उड़ गए.

प्रसव पीड़ा होने के बाद राजकीय अस्पताल में बालिका का प्रसव कराया गया, जहां बालिका ने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया है. लेकिन अस्पताल प्रशासन के संज्ञान में आया कि परिजनों द्वारा बच्चे की देखभाल में आनाकानी की जा रही है. ऐसी स्थिति में सांडवा थाना पुलिस को सूचना दी गई. जहां, जांच अधिकारी ने पहुंचकर जानकारी जुटाई.

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वहीं, जिला कलेक्टर को भी इस मामले से अवगत कराया गया. जिसके बाद कलेक्टर दिनेश कुमार यादव ने बाल कल्याण समिति के अधिकारियों के साथ विभिन्न पहलूओं पर चर्चा की. शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ सुशील बाकोलिया ने बताया कि यदि बच्चा लावारिस हालत में पालनाघर मे मिलता है या बच्चे के परिजन उसे नहीं अपनाते तो ऐसी स्थिति में बच्चे को समाज कल्याण विभाग के सुपुर्द किया जाता है. उन्होंने बताया कि फिलहाल जिला कलेक्टर के निर्देश पर सभी पहलुओं पर ध्यान दिया जा रहा है. वहीं, बालिका कि सुरक्षा को देखते हुए अस्पताल में एक पुलिस जवान की डयुटी भी लगाई गई है.

Last Updated : Feb 28, 2020, 2:31 PM IST
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