नागौर. जिले में दूसरे राज्यों से प्रवासियों के आने का सिलसिला जारी है. इसके साथ ही कोरोना संक्रमण के मामलों में भी लगातार इजाफा हो रहा है. कई मामलों में सामने आ रहा है कि बाहर से आने वाले लोग अपनी ट्रेवल हिस्ट्री छिपाकर अपने परिजनों के साथ दूसरे लोगों के लिए भी खतरा बढ़ा रहे हैं. लेकिन कई लोगों ने अपने आप को अन्य लोगों से दूर रखने के लिए अपने स्तर पर ही खास इंतजाम किए हैं.
मेड़ता सिटी के रहने वाले भींवराज 19 मई को मैसूर से अपने घर लौटे और होम क्वारेंटीन हैं. अपने आप को परिवार के बाकी लोगों से दूर रखने के लिए छोटे भाई के खाली मकान में रह रहे हैं. बाहर से मकान पर ताला लटका है. परिवार का कोई भी व्यक्ति अब इस मकान में प्रवेश नहीं करता है. खाने-पीने का सामान भी भींवराज छत से रस्सी के सहारे बाल्टी लटकाकर ले रहा है. बाकि परिवार सामने ही अलग घर में रहता है. जब कोई जरूरत होती है तो भींवराज आवाज लगाकर बुला लेते हैं.
मेड़ता सिटी के वार्ड नंबर चार में होम क्वारेंटीन लोगों की निगरानी करने वाली आंगनबाड़ी सहायिका संपत पुरी का कहना है कि कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे को देखते हुए कई लोग खुद ही सरकारी निर्देशों की पालना कर रहे हैं उन्हीं में एक भींवराज भी है.
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सरकारी आंकड़े बताते हैं कि कोरोना काल में देश के अलग-अलग हिस्सों से एक लाख से ज्यादा लोग नागौर जिले में लौटेंगे. यदि बाहर से आने वाला हर व्यक्ति इसी तरह एहतियात बरते तो नागौर में कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ते आंकड़ों पर जल्द काबू पाया जा सकता है