नागौर. लॉकडाउन के दौरान गेहूं वितरण में की गई अनियमितता के चलते नागौर जिले के 9 राशन विक्रेताओं के खिलाफ रसद विभाग, नागौर ने बड़ी कार्रवाई की है. विभाग ने डीलर को जारी प्रधिकार पत्र तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिए है, वहीं तीन अलग-अलग थानों में मुकदमे दर्ज कराए गए है.
जिला रसद अधिकारी पार्थ सारथी ने बताया कि, लॉकडाउन के दौरान गेहूं वितरण में की गई अनियमितता के कारण उचित मूल्य दुकानदारों के प्रधिकार पत्र निलंबित किए गए है. इसमें मेड़ता के 2 दुकानदार, डेगाना के 6 दुकानदार और जायल के खाटू बड़ी इलाके में संचालित 1 उचित मूल्य दुकानदार के प्रधिकार पत्र निलंबित किए गये हैं.
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रसद अधिकारी सारथी ने बताया कि वर्तमान में कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते राशन डीलरों को संक्रमण से बचाने के लिए पोस मशीन से ओटीपी और ओटीपी नहीं होने की स्थिति में उचित कारण अंकित करते हुए रजिस्टर से बांटने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन डेगाना उपखंड के 6 राशन विक्रेताओं ने मार्च माह का जो उपभोक्ताओं को नहीं देखकर बिना ओटीपी के ऑनलाइन पोस मशीन से वितरण कर गेहूं का गबन कर लिया.
इस गबन को गंभीरता से लेते हुए रसद विभाग की ओर से डेगाना के 6 उचित मूल्य दुकानदारों के विरुद्ध संबंधित पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज कराई. साथ ही डीलरों को जारी प्रधिकार पत्र तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया है. वहीं मेड़ता उपखंड के 2 राशन विक्रेताओं को जारी प्रधिकार पत्र तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया है. खाटू बड़ी इलाके के राशन डीलर को जारी प्रधिकार पत्र भी तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया है.
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लॉकडाउन के चलते वैसे खाने-पीने की सामग्री को लेकर विकट स्थिति है. ऐसे में राशन डीलर का बिना सामग्री दिए उनके खाते का गेहूं का वितरण दिखाना भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है. मेड़ता, डेगाना, खाटू बड़ी थाना पुलिस मामले दर्ज होने पर पूरे मामले की जांच कर रही है.