कोटा. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने रविवार को शंभूपुरा इलाके में सभा को संबोधित करते हुए गहलोत सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि राजस्थान में विकास केवल भ्रष्टाचार, दलित-महिला अत्याचार और बेरोजगारी का हुआ है. वसुंधरा राजे ने राज्य सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि राज्य में योजनाओं को बदलने और कांग्रेस के आपसी झगड़े का विकास हुआ है.
इस दौरान राजे ने कहा कि साल 2023 के विधानसभा चुनाव में कमल खिलाना है और ऐसा ही 2024 के लोकसभा में करना है. उन्होंने कहा कि खरगोश कछुए को कमजोर समझ लेने की भूल कर लेता है. ऐसी चूक हमें नहीं करनी चाहिए, क्योंकि कांग्रेस सत्ता प्राप्ति के लिए कुछ भी कर सकती हैं. कोटा में इस जनसभा को पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल ने आयोजित किया. साथ ही कार्यक्रम के दौरान हाड़ौती के अलावा प्रदेश भाजपा के कई बड़े नेता पहुंचे.
एयरपोर्ट के मुद्दे पर कोटा के नेताओं कोसाः जनसभा को संबोधित करने के दौरान वसुंधरा राजे ने कोटा में एयरपोर्ट के मुद्दे पर भी स्थानीय नेताओं पर निशाना साधा. उन्होंने बिना नाम लिए ओम बिरला और शांति धारीवाल पर हमला बोला. राजे ने कहा कि 5 सालों से कोटा से समाचार आ रहे है कि अब एयरपोर्ट की फाइल आगे बढ़ गई है, निर्माण शुरू हो जाएगा, पैसे जमा हो गए हैं, लेकिन जमीनी धरातल पर कोई काम अभी तक नहीं हो पाया है. उन्होंने कहा कि 5 साल में एयरपोर्ट जमीन पर उतर जाता.
वाजपेयी की कविता से कमल खिलाने की अपील कीः वसुंधरा राजे ने जनसभा में अपने भाषण की शुरुआत कविता से की. इसके बाद हाड़ौती के दिग्गजों को राजे ने याद किया. उन्होंने कविता बोलते हुए कहा कि...
"आओ फिर से दिया जलाएं, भरी दुपहरी में अंधियारा,
सूरज परछाई से हारा अंतर तम का नेह निचोड़ें,
बुझी हुई बाती सुलगाएं,आओ फिर से दिया जलाएं.
आओ फिर से कमल खिलाएं".
पीएम मोदी के 9 साल के कार्यकाल की तारीफः वसुंधरा ने पीएम नरेंद्र मोदी सरकार के 9 साल के कार्यकाल की तारीफ की. उन्होंने कहा कि विश्व में भारत को देखने का नजरिया बदल गया है. भारत की तरफ आंख उठाकर देखने वाले देश भी नजरें झुका कर खड़े हैं. हर जगह पर पहले हम मदद मांगा करते थे और आज भारत मजबूत स्थिति में पहुंच गया है कि मदद लोगों तक पहुंचा रहा है. भारत की गिनती जहां पहले निचले दर्जे के देशों में हुआ करती थी, वहीं अब सबसे ऊपर गिना जाता है. भारत जिन देशों से सलाह लेता था, अब उन्हें सलाह बांट रहा है.
ईआरसीपी पर अशोक गहलोत ने ही लगवाए हैं ब्रेकः वसुंधरा ने कहा कि प्रदेश के 13 जिलों की किस्मत ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट के जरिए बदलने की हमने कोशिश की थी, लेकिन अशोक गहलोत सरकार के आते ही उस पर भी ब्रेक लग गया है. वहीं, मध्यप्रदेश में इसी योजना के आगे के चरण में 3 बांध भी बना लिए हैं. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का सपना नदी जोड़ने की योजना के तहत यह योजना हमने बनाई. कांग्रेस के वर्तमान सरकार ने राजनीति में उलझा कर इसे छोड़ दिया. उन्होंने कहा कि हमारे शासन में इसी क्रम में झालावाड़ में आहू और चंवली नदी को भी जोड़ा था, झालावाड़ के 31 गांव लाभांवित हुए.
वसुंधरा राजे ने आरोप लगाते हुए कहा कि बारां जिले की परवन परियोजना में भी राहुल गांधी को बुलाकर सितंबर 2013 में शिलान्यास करवा दिया गया, लेकिन कांग्रेस के 5 साल में कोई काम नहीं हुआ है. इस योजना के जरिए 2 लाख बीघा जमीन और 950 गांवों को पानी का आज भी इंतजार है. हमारे जल स्वालंबन योजना के चलते आज गांवों और कस्बों में भी पानी पहुंच गया है.
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बिजली ही नहीं खरीद पा रही है सरकारः वसुंधरा राजे ने गहलोत सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि प्रदेश की सरकार महंगाई राहत के नाम पर बिजली के बिल फ्री करने की बात कर रही है, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है. आम जनता को 100 यूनिट फ्री देने की बात करने वाली कांग्रेस सरकार बिजली भी नहीं खरीद पा रही है. ऐसे में आने वाले दिनों में लोगों को बिजली भी नहीं मिल पाएगी. दूसरी तरफ, चार दर्जन किसान अब तक प्रदेश में आत्महत्या कर चुके हैं. करीब 19000 किसानों की जमीन कुर्क हो गई, हाड़ौती के चारों जिलों के भी 800 किसान हैं.
शक्ति प्रदर्शन में नहीं मिला चार विधायकों का साथः वसुंधरा राजे के शक्ति प्रदर्शन में हाड़ौती के 10 में से 6 विधायक मौजूद थे, जबकि भाजपा के चार विधायक कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए हैं. कार्यक्रम में मौजूद विधायकों में झालावाड़ के चारों विधायक जिनमें खुद वसुंधरा राजे, गोविंद रानीपुरिया, कालूराम मेघवाल और नरेंद्र नागर मौजूद थे. जबकि बारां से एकमात्र विधायक प्रताप सिंह सिंघवी और कोटा से कल्पना देवी पहुंची थी. वहीं, केशोरायपाटन से चंद्रकांता मेघवाल, रामगंजमंडी से मदन दिलावर, कोटा उत्तर से संदीप शर्मा और बूंदी से अशोक डोगरा मौजूद नहीं थे. संगठन के लोगों ने इस कार्यक्रम से पूरी तरह से दूरी बनाए रखी है. कोटा शहर देहात के अलावा बूंदी जिले के जिला अध्यक्ष और कार्यकारिणी भी समारोह में नहीं पहुंची थी, जबकि बारां जिला अध्यक्ष जगदीश मीणा सहित कई नेता पहुंचे थे.
दावे के मुताबिक नहीं पहुंचे सांसद-विधायकः कार्यक्रम में दावा किया गया था कि 2 दर्जन विधायक और 11 सांसद पहुंचे हैं, हालांकि एकमात्र सांसद वसुंधरा के बेटे दुष्यंत सिंह ही पहुंचे थे. वही विधायक भी इतनी बड़ी संख्या में नजर नहीं आए. 2018 में चुनाव लड़ चुके और हार का मुंह देख चुके, कई चेहरे भी कार्यक्रम में मौजूद थे. अधिकांश नेता वसुंधरा गुट के ही कार्यक्रम में पहुंचे थे, विरोधी गुट के नेता कार्यक्रम में नजर नहीं आए.
गुंजल सभा स्थल से मथुराधीश के लिए हुए पैदल रवानाः रैली को लेकर भारी हुजूम लोगों का उमड़ा. बड़ी संख्या में लोग कार्यक्रम में मौजूद थे. सैकड़ों की संख्या में बसें, जीप, कार, ट्रैक्टर ट्रॉली और दुपहिया वाहन स्थल पर पहुंचे. इन बसों के चलते ट्रैफिक जाम जैसे हालात हो गए और नेशनल हाईवे 52 कई बार जाम होता रहा. रैली में प्रहलाद गुंजल ने शपथ ली थी कि पूरा पांडाल भर जाने पर वह पैदल ही सभा स्थल से मथुराधीश भगवान के दर्शन के लिए आएंगे. ऐसे में वो पैदल ही वहां से 15 किलोमीटर दूर मथुराधीश के दर्शन के लिए रवाना हो गए.
चित्तौड़गढ़ में वरिष्ठ नेताओं से की मुलाकातः इससे पहले वसुंधरा राजे ने चित्तौड़गढ़ में पूर्व मंत्री श्री चंद कृपलानी सहित पार्टी के तमाम नेताओं से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने पार्टी के कई वरिष्ठ लोगों से गेस्ट हाउस के बाहर मुलाकात की और उनसे आगामी चुनाव को लेकर फीडबैक मांगा. राजे ने कृपलानी के साथ चित्तौड़गढ़ विधायक चंद्रभान सिंह आक्या, कपासन विधायक अर्जुनलाल जीनगर, बड़ीसादड़ी विधायक ललित ओस्तवाल के साथ अलग कमरे में गुप्त बैठक की. करीब 1 घंटे तक मंत्रणा के बाद पूर्व मुख्यमंत्री बाहर आई. यहां मौजूद कार्यकर्ताओं ने वसुंधरा राजे का स्वागत किया.