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बिरला का संसद में ट्रैक रिकार्ड...86 फीसदी हाजिरी और सवाल भी खूब पूछे

कोटा-बूंदी लोकसभा सीट से सांसद ओम बिरला लोकसभा के स्पीकर बन गए. ईटीवी भारत ने 16वीं लोकसभा में सांसद रहते हुए ओम बिरला की ओर से पूछे गए प्रश्नों को खंगाला तो सामने आया कि उन्होंने कुल 655 प्रश्न पूछे हैं. उनकी लोकसभा में उपस्थिति 86 फीसदी रही है. राजस्थान विधानसभा में भी बिरला का ट्रैक रिकॉर्ड काफी अच्छा है. विधानसभा के कार्यकाल में उन्होंने 500 सवाल पूछे थे.

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Published : Jun 19, 2019, 11:56 AM IST

सांसद ओम बिरला बने लोकसभा अध्यक्ष

कोटा. कोटा-बूंदी लोकसभा सीट से ओम बिरला 16वीं लोकसभा में पहली बार सांसद चुने गए थे. उनका संसद में इस पूरे पांच साल के कार्यकाल में उपस्थिति और प्रश्न पूछने का ट्रैक रिकॉर्ड काफी अच्छा है. बिरला की संसद में उपस्थिति 86 फीसदी रही है. प्रश्न उठाने की बात की जाए तो उन्होंने संसद में 45 मंत्रालयों से 655 प्रश्न पूछे हैं, जिनमें 40 तारांकित और 615 अतारांकित प्रश्न है. जबकि संसद में प्रश्न पूछने के मामले में राष्ट्रीय औसत 285 और राज्य का औसत 382 है.

कुछ ऐसा रहा सांसद ओम बिरला का संसद में ट्रैक रिकार्ड

बताया जाता है यह राष्ट्रीय औसत 360 अधिक और राज्य के औसत से 250 अधिक प्रश्न सांसद बिरला ने सदन में पूछे है. इसके बाद वे 17वीं में लोकसभा के लिए भी कोटा-बूंदी लोकसभा सीट से सांसद निर्वाचित हुए. राजस्थान विधानसभा में छह बार रहे सदन के सितारे राजस्थान की कोटा दक्षिण सीट से विधायक रहते हुए 13वीं विधानसभा में 500 से ज्यादा प्रश्न ओम बिरला ने पूछे थे. विधान सभा में बहस के दौरान सक्रिय रूप से हिस्सा लेने के लिए बिरला को सम्मान मिला और उनका नाम 'सदन के सितारे' में छह बार शामिल किया गया.

कोटा के इन मुद्दों को उठाया 16वीं लोक सभा में ओम बिरला ने. सदन में राष्ट्रीय और राज्य स्तर के कई मुद्दों के साथ कोटा से जुड़े मुद्दे भी उन्होंने बखूबी उठाए थे, जिनमें कोटा के कोचिंग संस्थान में पढ़ने वाले बच्चों को जीएसटी से मुक्ति, बूंदी को वन क्षेत्र से मुक्ति दिलाना, किसानों की खड़ी फसल को जंगली जानवर खराब करने एवं उस हालात में किसानों को मुआवजा, खेतों में बाड़ा बंदी के लिए वित्तीय सहायता, कोटा में बंद हुई इंस्ट्रूमेंट लिमिटेड को दोबारा शुरू करने की मांग भी सदन में रखी थी.

बिरला चुनाव के पहले अपनी उपलब्धियों गिनाते थे. उनमें कहते थे कि हैंगिंग ब्रिज दुर्घटना के बाद उसका काम बंद पड़ा था. लेकिन सांसद रहते हुए उन्होंने दिल्ली में नेशनल हाइवे अथॉरिटी और परिवहन मंत्रालय के सामने इस बात को रखा, जिससे हैंगिंग ब्रिज का निर्माण जल्दी पूरा हुआ. यह कोटा के लिए राहत लेकर आया और शहर हैवी ट्रैफिक से होने वाली दुर्घटनाओं से मुक्त हुआ है.

इसी तरह उनका कहना है कि उन्होंने मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल में प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक का निर्माण करवाया है, जिससे कोटा ही नहीं वरन हाड़ौती संभाग के लोगों को सुपर स्पेशियलिटी की सेवाएं मिलेगी. कोटा के लोगों के लिए पासपोर्ट सेवा केंद्र शुरू करवाया, जिससे लोगों को पासपोर्ट बनवाने के लिए जयपुर जाने से मुक्ति मिली.

मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व को विकसित करवाने के प्रयास केंद्र सरकार के माध्यम से की है, जिससे कोटा सहित हाड़ौती में पर्यटन एक रोजगार के रूप में विकसित हो. कोटा शहर को स्मार्ट सिटी में चेंज करवाया और बूंदी शहर को वन क्षेत्र से मुक्ति दिलाई. पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना में कोटा जिले को शामिल करवाया. साथ ही 760 करोड़ रुपए की स्वीकृति से कालीसिंध नदी पर बना बांध का निर्माण शुरू हुआ है. इससे सिंचाई के लिए पानी क्षेत्र की जनता को मिलेगा.

कोटा. कोटा-बूंदी लोकसभा सीट से ओम बिरला 16वीं लोकसभा में पहली बार सांसद चुने गए थे. उनका संसद में इस पूरे पांच साल के कार्यकाल में उपस्थिति और प्रश्न पूछने का ट्रैक रिकॉर्ड काफी अच्छा है. बिरला की संसद में उपस्थिति 86 फीसदी रही है. प्रश्न उठाने की बात की जाए तो उन्होंने संसद में 45 मंत्रालयों से 655 प्रश्न पूछे हैं, जिनमें 40 तारांकित और 615 अतारांकित प्रश्न है. जबकि संसद में प्रश्न पूछने के मामले में राष्ट्रीय औसत 285 और राज्य का औसत 382 है.

कुछ ऐसा रहा सांसद ओम बिरला का संसद में ट्रैक रिकार्ड

बताया जाता है यह राष्ट्रीय औसत 360 अधिक और राज्य के औसत से 250 अधिक प्रश्न सांसद बिरला ने सदन में पूछे है. इसके बाद वे 17वीं में लोकसभा के लिए भी कोटा-बूंदी लोकसभा सीट से सांसद निर्वाचित हुए. राजस्थान विधानसभा में छह बार रहे सदन के सितारे राजस्थान की कोटा दक्षिण सीट से विधायक रहते हुए 13वीं विधानसभा में 500 से ज्यादा प्रश्न ओम बिरला ने पूछे थे. विधान सभा में बहस के दौरान सक्रिय रूप से हिस्सा लेने के लिए बिरला को सम्मान मिला और उनका नाम 'सदन के सितारे' में छह बार शामिल किया गया.

कोटा के इन मुद्दों को उठाया 16वीं लोक सभा में ओम बिरला ने. सदन में राष्ट्रीय और राज्य स्तर के कई मुद्दों के साथ कोटा से जुड़े मुद्दे भी उन्होंने बखूबी उठाए थे, जिनमें कोटा के कोचिंग संस्थान में पढ़ने वाले बच्चों को जीएसटी से मुक्ति, बूंदी को वन क्षेत्र से मुक्ति दिलाना, किसानों की खड़ी फसल को जंगली जानवर खराब करने एवं उस हालात में किसानों को मुआवजा, खेतों में बाड़ा बंदी के लिए वित्तीय सहायता, कोटा में बंद हुई इंस्ट्रूमेंट लिमिटेड को दोबारा शुरू करने की मांग भी सदन में रखी थी.

बिरला चुनाव के पहले अपनी उपलब्धियों गिनाते थे. उनमें कहते थे कि हैंगिंग ब्रिज दुर्घटना के बाद उसका काम बंद पड़ा था. लेकिन सांसद रहते हुए उन्होंने दिल्ली में नेशनल हाइवे अथॉरिटी और परिवहन मंत्रालय के सामने इस बात को रखा, जिससे हैंगिंग ब्रिज का निर्माण जल्दी पूरा हुआ. यह कोटा के लिए राहत लेकर आया और शहर हैवी ट्रैफिक से होने वाली दुर्घटनाओं से मुक्त हुआ है.

इसी तरह उनका कहना है कि उन्होंने मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल में प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक का निर्माण करवाया है, जिससे कोटा ही नहीं वरन हाड़ौती संभाग के लोगों को सुपर स्पेशियलिटी की सेवाएं मिलेगी. कोटा के लोगों के लिए पासपोर्ट सेवा केंद्र शुरू करवाया, जिससे लोगों को पासपोर्ट बनवाने के लिए जयपुर जाने से मुक्ति मिली.

मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व को विकसित करवाने के प्रयास केंद्र सरकार के माध्यम से की है, जिससे कोटा सहित हाड़ौती में पर्यटन एक रोजगार के रूप में विकसित हो. कोटा शहर को स्मार्ट सिटी में चेंज करवाया और बूंदी शहर को वन क्षेत्र से मुक्ति दिलाई. पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना में कोटा जिले को शामिल करवाया. साथ ही 760 करोड़ रुपए की स्वीकृति से कालीसिंध नदी पर बना बांध का निर्माण शुरू हुआ है. इससे सिंचाई के लिए पानी क्षेत्र की जनता को मिलेगा.

Intro:कोटा बूंदी लोकसभा सीट से सांसद ओम बिरला अब लोकसभा के स्पीकर होंगे. ईटीवी भारत में 16वीं लोकसभा में सांसद रहते हुए ओम बिरला की ओर से पूछे गए प्रश्नों को खंगाला तो सामने आया कि उन्होंने कुल 655 प्रश्न पूछे हैं. उनकी लोकसभा में उपस्थिति 86 फ़ीसदी रही है. राजस्थान विधानसभा में भी बिरला का ट्रैक रिकॉर्ड काफी अच्छा है देर में विधानसभा के कार्यकाल में उन्होंने 500 सवाल पूछे थे.


Body:कोटा. कोटा बूंदी लोकसभा सीट से ओम बिरला सोलवीं लोकसभा में पहली बार सांसद चुने गए थे. उनका संसद में इस पूरे 5 साल के कार्यकाल में उपस्थिति और प्रश्न पूछने का ट्रैक रिकॉर्ड काफी अच्छा है. बिरला की संसद में उपस्थिति 86 फ़ीसदी रही है. प्रश्न उठाने की बात की जाए तो उन्होंने संसद में 45 मंत्रालयों से 655 प्रश्न पूछे हैं. जिनमें 40 तारांकित और 615 अतारांकित प्रश्न है. जबकि संसद में प्रश्न पूछने के मामले में राष्ट्रीय औसत 285 और राज्य का औसत 382 है. बताया जाता है यह राष्ट्रीय औसत 360 अधिक और राज्य के औसत से 250 अधिक प्रश्न सांसद बिरला ने सदन में पूछे है. इसके बाद वे 17वीं में लोकसभा के लिए भी कोटा बूंदी लोकसभा सीट से सांसद निर्वाचित हुए. राजस्थान विधानसभा में छह बार रहे सदन के सितारे राजस्थान की कोटा दक्षिण सीट से विधायक रहते हुए 13वीं विधानसभा में 500 से ज्यादा प्रश्न ओम बिरला ने पूछे थे. विधान सभा में बहस के दौरान सक्रिय रूप से हिस्सा लेने के लिए बिरला को सम्मान मिला और उनका नाम "सदन के सितारे" में 6 बार शामिल किया गया. कोटा के इन मुद्दों को उठाया सोलवीं लोक सभा में ओम बिरला ने सदन में राष्ट्रीय और राज्य स्तर के कई मुद्दों के साथ कोटा से जुड़े मुद्दे भी उन्होंने बखूबी उठाए थे. जिनमें कोटा के कोचिंग संस्थान में पढ़ने वाले बच्चों को जीएसटी से मुक्ति, बूंदी को वन क्षेत्र से मुक्ति दिलाना, किसानों की खड़ी फसल को जंगली जानवर खराब करने एवं उस हालात में किसानों को मुआवजा, खेतों में बाड़ा बंदी के लिए वित्तीय सहायता, कोटा में बंद हुई इंस्ट्रूमेंट लिमिटेड को दोबारा शुरू करने की मांग भी सदन में रखी थी.


Conclusion:बिरला चुनाव के पहले अपनी उपलब्धियों गिनाते थे, उनमें कहते थे कि हैंगिंग ब्रिज दुर्घटना के बाद उसका काम बंद पड़ा था, लेकिन सांसद रहते हुए उन्होंने दिल्ली में नेशनल हाईवे अथॉरिटी और परिवहन मंत्रालय के सामने इस बात को रखा. जिससे हैंगिंग ब्रिज का निर्माण जल्दी पूरा हुआ. यह कोटा के लिए राहत लेकर आया और शहर हेवी ट्रेफिक से होने वाली दुर्घटनाओं से मुक्त हुआ है. इसी तरह उनका कहना है कि उन्होंने मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल में प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक का निर्माण करवाया है. जिससे कोटा ही नहीं वरन हाड़ौती संभाग के लोगों को सुपर स्पेशियलिटी की सेवाएं मिलेगी. कोटा के लोगों के लिए पासपोर्ट सेवा केंद्र शुरू करवाया. जिससे लोगों को पासपोर्ट बनवाने के लिए जयपुर जाने से मुक्ति मिली. मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व को विकसित करवाने के प्रयास केंद्र सरकार के माध्यम से की है. जिस से कोटा सहित हाड़ौती में पर्यटन एक रोजगार के रूप में विकसित हो. कोटा शहर को स्मार्ट सिटी में चेंज करवाया और बूंदी शहर को वन क्षेत्र से मुक्ति दिलाई. पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना में कोटा जिले को शामिल करवाया. साथ ही 760 करोड रुपए की स्वीकृति से कालीसिंध नदी पर बना बांध का निर्माण शुरू हुआ है. जिससे सिंचाई के लिए पानी क्षेत्र की जनता को मिलेगा.
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