रामगंजमंडी (कोटा). मुकुन्दरा हिल्स टाइगर रिजर्व में बाघ की तलाश लगातार जारी है. शनिवार को वन विभाग की टीम ने 82 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र और आस-पास के क्षेत्र में मॉनिटरिंग की. लेकिन, बाघ के कोई साक्ष्य नजर नहीं आए. ये बाघ पिछले महीने 19 अगस्त को कैमरा ट्रैप हुआ था. लेकिन, इसके बाद से नजर नहीं आया और ना ही इससे संबंधित साक्ष्य मिल पाए हैं.
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बाघ के लगातार 30 दिन तक नजर नहीं आने ने अब वन विभाग को गहरी चिंता में डाल दिया है. बारिश थमने के इतने दिन बाद भी बाघ का नजर नहीं आने के बाद तरह तरह की शंकाएं पैदा हो रही है. पहले बारिश में बाघ की मॉनिटरिंग भी प्रभावित हो रही थी. ऐसे में वन विभाग अब सभी बिंदुओं विचार करते हुए बाघ के साक्ष्य ढूंढ रहा है, जिससे कि बाघ के बारे में वास्तविक स्थिति का पता लग जाए. इस मामले में विभाग के मुख्यवन संरक्षक एसआर यादव ने बताया कि बाघ का नहीं मिलना चिंता का विषय है । विभाग की ओर से बाघ को तलाशने के पूरे प्रयास कर रहे हैं.
गौरतलब है कि बाघिन एमटी-4 भी काफी दिनों तक नहीं नजर नहीं आई थी, लेकिन 6 सितंबर को इसके पैरों के निशान मिल गए थे और फिर अगले ही दिन इसकी साइटिंग हो गई थी. लेकिन, बाघ की साइटिंग नहीं हुई है. दूसरी ओर बाघिन का इलाज जारी है. विभाग के चिकित्सक उसकी निगरानी कर रहे हैं. टाइगर रिजर्व के फील्ड डारेक्टर औक मुख्य वन संरक्षक एसआर यादव ने बताया कि बाघिन एमटी -4 के स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है.
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वहीं, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण ( एनटीसीए ) की टीम भी शनिवार शाम कोटा पहुंची. टीम ने टाइगर रिजर्व को लेकर विभाग के अधिकारियों से चर्चा की. उन्होंने जाना कि टाइगर रिजर्व में कितने बाघ हैं और कब-कब आए हैं. इनकी स्थिति सहित हर बात बिंदु पर चर्चा की गई. एनटीसीए से आई टीम में 3 सदस्य आए हैं. ये रविवार को टाइगर रिजर्व का निरीक्षण कर रहे हैं.