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रिवरफ्रंट देखने के चक्कर में घायल हुए व्यक्ति ने तोड़ा दम, आक्रोशित परिजनों ने नहीं उठाया शव - चंबल हेरिटेज रिवरफ्रंट की दीवार से गिरकर घायल

करीब 6 दिन पहले चंबल हेरिटेज रिवरफ्रंट की दीवार से गिरकर घायल हुए व्यक्ति की मौत हो गई. घायल होने के बाद उसका उपचार करवाया जा रहा था.

injured man died during treatment
घायल हुए व्यक्ति ने तोड़ा दम
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 16, 2023, 7:03 PM IST

चंबल रिवरफ्रंट देखते समय घायल हुए व्यक्ति ने इलाज के दौरान तोड़ा दम

कोटा. चंबल नदी पर चंबल हेरिटेज रिवरफ्रंट को 6 दिन पहले देखने आया एक व्यक्ति दीवार से गिर गया था. शुक्रवार रात को उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई. इसके बाद मृतक के परिजनों ने आक्रोश में शव उठाने से इनकार कर दिया. परिजनों ने धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया है.

दरअसल, रिवरफ्रंट देखने के चक्कर में एक व्यक्ति 10 सितंबर दोपहर को रामपुरा मुक्ति धाम के पीछे गिर गया था. परिजनों ने आरोप लगाया था कि वहां रेलिंग नहीं लगाई हुई थी. इसीके चलते हादसा हुआ. उसे कोटा के एमबीएस अस्पताल में भर्ती करवाया हुआ था. उसने उपचार के दौरान शुक्रवार रात को दम तोड़ दिया. इस पर परिजन आक्रोशित हो गए. साथ ही उन्होंने शव उठाने से इनकार कर दिया है. एहतियात मोर्चरी के बाहर जाब्ता तैनात किया गया है. करीब 6 घंटे से लगातार इस मामले में कशमकश चल रही है.

पढ़ें: Rajasthan Assembly Election 2023: गजेंद्र सिंह शेखावत बोले-गहलोत सरकार ने बिना वैधानिक स्वीकृति के खर्च डाले 1850 करोड़ रुपए

मामले के अनुसार वल्लभबाड़ी राजीव गांधी कच्ची बस्ती निवासी 48 वर्षीय तुलसीराम बैरवा पड़ोसी की मौत होने के बाद रामपुरा शमशान घाट पहुंचा था. जहां से शमशान के पीछे ओगड़ की बगीची के नजदीक रिवरफ्रंट देखने के लिए गया था. इस दौरान रिवरफ्रंट के हिस्से में रेलिंग नहीं लगाने के चलते वह फीट की ऊंचाई से नीचे गिर गया. उसके सिर में गंभीर चोट आई थी. जिससे उसे बेहोशी की हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

पढ़ें: Chambal Heritage Riverfront: गुंजल का दावा: सीएम का दौरा रद्द करने का मतलब सरकार ने रिवरफ्रंट को माना नियम विरुद्ध

मृतक तुलसीराम बैरवा के भाई सतीश का कहना है कि जो अधिकारी रिवरफ्रंट के निर्माण को देख रहे थे, उनकी लापरवाही से हादसा हुआ है. करोड़ों के रिवरफ्रंट का निर्माण करवाया है, लेकिन पीछे की तरफ रेलिंग नहीं लगवाई, जिसके चलते हादसा हुआ. इस मामले में उचित मुआवजा इस परिवार को मिलना चाहिए, क्योंकि यह तुलसीराम पर ही परिवार निर्भर था. इस मुद्दे पर पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल का कहना है कि मंत्री शांति धारीवाल की जिद्द के चलते एक और मौत कोटा में हुई है. अभी तक दो दर्जन से ज्यादा लोग इस विकास की भेंट चढ़ गए हैं. भाजपा नेता राकेश जैन का भी कहना है कि प्रशासन को मृतक के परिजनों को मुआवजा देना चाहिए. इस मामले में यूआईटी की लापरवाही भी सामने आ रही है.

चंबल रिवरफ्रंट देखते समय घायल हुए व्यक्ति ने इलाज के दौरान तोड़ा दम

कोटा. चंबल नदी पर चंबल हेरिटेज रिवरफ्रंट को 6 दिन पहले देखने आया एक व्यक्ति दीवार से गिर गया था. शुक्रवार रात को उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई. इसके बाद मृतक के परिजनों ने आक्रोश में शव उठाने से इनकार कर दिया. परिजनों ने धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया है.

दरअसल, रिवरफ्रंट देखने के चक्कर में एक व्यक्ति 10 सितंबर दोपहर को रामपुरा मुक्ति धाम के पीछे गिर गया था. परिजनों ने आरोप लगाया था कि वहां रेलिंग नहीं लगाई हुई थी. इसीके चलते हादसा हुआ. उसे कोटा के एमबीएस अस्पताल में भर्ती करवाया हुआ था. उसने उपचार के दौरान शुक्रवार रात को दम तोड़ दिया. इस पर परिजन आक्रोशित हो गए. साथ ही उन्होंने शव उठाने से इनकार कर दिया है. एहतियात मोर्चरी के बाहर जाब्ता तैनात किया गया है. करीब 6 घंटे से लगातार इस मामले में कशमकश चल रही है.

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मामले के अनुसार वल्लभबाड़ी राजीव गांधी कच्ची बस्ती निवासी 48 वर्षीय तुलसीराम बैरवा पड़ोसी की मौत होने के बाद रामपुरा शमशान घाट पहुंचा था. जहां से शमशान के पीछे ओगड़ की बगीची के नजदीक रिवरफ्रंट देखने के लिए गया था. इस दौरान रिवरफ्रंट के हिस्से में रेलिंग नहीं लगाने के चलते वह फीट की ऊंचाई से नीचे गिर गया. उसके सिर में गंभीर चोट आई थी. जिससे उसे बेहोशी की हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

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मृतक तुलसीराम बैरवा के भाई सतीश का कहना है कि जो अधिकारी रिवरफ्रंट के निर्माण को देख रहे थे, उनकी लापरवाही से हादसा हुआ है. करोड़ों के रिवरफ्रंट का निर्माण करवाया है, लेकिन पीछे की तरफ रेलिंग नहीं लगवाई, जिसके चलते हादसा हुआ. इस मामले में उचित मुआवजा इस परिवार को मिलना चाहिए, क्योंकि यह तुलसीराम पर ही परिवार निर्भर था. इस मुद्दे पर पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल का कहना है कि मंत्री शांति धारीवाल की जिद्द के चलते एक और मौत कोटा में हुई है. अभी तक दो दर्जन से ज्यादा लोग इस विकास की भेंट चढ़ गए हैं. भाजपा नेता राकेश जैन का भी कहना है कि प्रशासन को मृतक के परिजनों को मुआवजा देना चाहिए. इस मामले में यूआईटी की लापरवाही भी सामने आ रही है.

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