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कोटा में रोलाना गांव बना टापू, दो महीनों से कटा हुआ है पंचायत मुख्यालय से संपर्क - kota news

कोटा के सांगोद में बरसात के कारण लोगों का जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. सूबे में भारी बरसात के कारण गांव को जोड़ने वाली एकमात्र पुलिया पर पानी की चादर चल रही है. ऐसे में वहां रह रहे लोगों का अन्य गांव से संपर्क पूरी तरह टूट चूका है.

kota news, कोटा न्यूज
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Published : Sep 26, 2019, 3:14 PM IST

सांगोद (कोटा). क्षेत्र के रोलाना गांव के ग्रामीण इन दिनों नरकीय जीवन जीने को मजबूर हो रहे हैं. गांव में तेज बारिश होते ही गांव को जोड़ने वाली पुलिया पर पानी आ जाता है. जिससे वहां के स्थानीय लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. वहीं पानी के कारण इस क्षेत्र में करीब दो महीना से पंचायत मुख्यालय से संपर्क टूटा हुआ है.

रोलाना गांव बना टापू

ऐसे में ग्रामीण गजेंद्र सिंह ने बताया कि भारी बरसात में गांव का संपर्क अन्य गांवों से कट जाता है. पुलिया की ऊंचाई कम होने से पिछले दो महीने से यहां पर बनी उजाड़ नदी की पुलिया पर तीन फीट तक पानी की चादर चल रही है. ऐसे में आने-जाने वाले ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

पढ़े: जयपुर: आरएएस की नई सूची जारी...नगर निगम को मिली पांच उपायुक्तों की सौगात

वहीं दूसरी ओर निरंजन शर्मा ने बताया कि गांव में बीमार होने के बावजूद भी रास्ते के अभाव में लोग घर पर रहने को मजबूर है. बीमार होने पर गांव वालों का भगवान ही एक मात्र सहारा होता है. इस गांव में सड़क नहीं होने के कारण इसका किसी दूसरे गांव से संपर्क टूट जाता है. वहीं यहां पर कार्यरत शिक्षकों को भी पानी से होकर ही स्कूल तक जाना पड़ता है. यहां से काफी संख्या में बच्चे कुन्दनपुर अध्यन करने जाते हैं. ऐसे में पुलिया सकरी होने के वजह से उनको पानी में से होकर ही गुजरना पड़ता है.

सांगोद (कोटा). क्षेत्र के रोलाना गांव के ग्रामीण इन दिनों नरकीय जीवन जीने को मजबूर हो रहे हैं. गांव में तेज बारिश होते ही गांव को जोड़ने वाली पुलिया पर पानी आ जाता है. जिससे वहां के स्थानीय लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. वहीं पानी के कारण इस क्षेत्र में करीब दो महीना से पंचायत मुख्यालय से संपर्क टूटा हुआ है.

रोलाना गांव बना टापू

ऐसे में ग्रामीण गजेंद्र सिंह ने बताया कि भारी बरसात में गांव का संपर्क अन्य गांवों से कट जाता है. पुलिया की ऊंचाई कम होने से पिछले दो महीने से यहां पर बनी उजाड़ नदी की पुलिया पर तीन फीट तक पानी की चादर चल रही है. ऐसे में आने-जाने वाले ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

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वहीं दूसरी ओर निरंजन शर्मा ने बताया कि गांव में बीमार होने के बावजूद भी रास्ते के अभाव में लोग घर पर रहने को मजबूर है. बीमार होने पर गांव वालों का भगवान ही एक मात्र सहारा होता है. इस गांव में सड़क नहीं होने के कारण इसका किसी दूसरे गांव से संपर्क टूट जाता है. वहीं यहां पर कार्यरत शिक्षकों को भी पानी से होकर ही स्कूल तक जाना पड़ता है. यहां से काफी संख्या में बच्चे कुन्दनपुर अध्यन करने जाते हैं. ऐसे में पुलिया सकरी होने के वजह से उनको पानी में से होकर ही गुजरना पड़ता है.

Intro:Body:सांगोद (कोटा)
मोतीलाल सुमन
रोलाना गांव बना टापू ,दो महीनों से कटा हुआ है पंचायत मुख्यालय से संपर्क।

क्षेत्र के रोलाना गांव के ग्रामीण इन दिनों नरकीय जीवन जीने को मजबूर हो रहे है। तेज बारिश होते ही गाँव को जोड़ने वाली पुलिया पर पानी आ जाता है । ग्रामीण गजेंद्र सिंग ने बताया कि बरसात में गाँव का संपर्क अन्य गाँवो से कट जाता है पुलिया की ऊँचाई कम होने से पिछले दो माह से यहाँ बनी उजाड़ नदी की पुलिया पर तीन फीट तक पानी की चादर चल रही ऐसे में आने जाने वाले ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वही दूसरी ओर निरंजन शर्मा ने बताया कि गांव में बीमार होने के बावजूद भी रास्ते के अभाव में लोगो की घर पर ही रहना मजबूरी बनी हुई है, बीमार होने पर गांव वालों का भगवान ही एक मात्र सहारा है। चुकी इस गांव का किसी दूसरे गांव से संपर्क सड़क नही होने के कारण यहां पर कार्यरत शिक्षकों को भी पानी से होकर ही गुजरना पड़ रहा है ।यहां से काफी संख्या में बच्चे कुन्दनपुर अध्यन करने जाते है। ऐसे में उनको पानी मे से होकर ही गुजरना पड़ता है पुलिया सकरी होने से
उनको पानी मे फिसलने का खतरा भी बना रहता है ।
बाईट गजेंद्र सिंह स्थानीय निवासी
बाईट निरंजन शर्मा स्थानीय निवासी
फ़ोटो रोलाना गांव में पानी से होकर स्कूल पड़ाने जाते शिक्षकConclusion:
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