कोटा. शहर के कोचिंग एरिया में बीते साल दूषित पानी से कोचिंग छात्रों के बीमार होने का मामला सामने आया था. इसमें करीब 70 से 80 छात्र हेपेटाइटिस ए का शिकार हो गए थे. इनमें से कुछ छात्र अस्पताल में भी भर्ती हुए थे. वहीं, एक छात्र की मौत का मामला भी अक्टूबर 2022 में सामने आया था. इस मामले में राज्य मानव अधिकार आयोग ने भी प्रसंज्ञान लिया था. इसके साथ ही केंद्र से भी टीम कोटा पहुंची थी. टीम ने भी कई जगह से नमूने लिए थे. इसी मामले में करीब छह महीने बाद चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग ने जवाहर नगर थाने में मुकदमा दर्ज करवाया है. इसमें कोचिंग संस्थान प्रबंधकों और पानी की सप्लाई करने वाले सप्लायरों पर मुकदमा दर्ज किया गया है. ये सप्लायर्स टैंकरों के जरिए संस्थान में पानी की सप्लाई करते थे.
पूरे मामले पर पुलिस उपाधीक्षक द्वितीय अमर सिंह राठौड़ ने बताया कि तलवंडी डिस्पेंसरी के प्रभारी डॉ. दीपेश तिवारी ने मुकदमा दर्ज करवाया है. इसमें पानी सप्लायर जगदंबा व महाकाल के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया. जबकि कोचिंग संस्थान के समुन्नत और सत्यार्थ बिल्डिंग के प्रबंधकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया. इस पूरे मामले में जांच पड़ताल की जाएगी कि कौन-कौन संस्थान में उस समय प्रबंधन देख रहा था.
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कैथून निवासी छात्र की हुई थी मौत - बीते साल 14 अक्टूबर को उपचार के दौरान मूलतः कोटा जिले के कैथून निवासी 18 वर्षीय वैभव राय की हेपेटाइटिस ए से मौत हो गई थी. वह कोटा के जवाहर नगर इलाके के एक हॉस्टल में रहकर नीट यूजी की तैयारी कर रहा था. इस मामले में बताया गया था कि दूषित पानी के चलते वह बीमार हो गया और करीब 2 सप्ताह अस्पताल में भर्ती रहा. उसके ब्रेन में भी सूजन की शिकायत आ गई थी. इसके अलावा भी कई छात्र बीमार हुए थे, जिस पर राज्य मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान ले लिया था. साथ ही चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने पानी के नमूने लेकर आए थे, जिनकी रिपोर्ट दूषित आने पर मुकदमा दर्ज करवाया गया है.