कोटा. राजस्थान की धरती पर अपनी मिट्टी पर बलिदान होने वालों की बड़ी फेहरिस्त है. लेकिन इस धरती ने समय-समय पर ऐसे लोगों को पैदा किया है. जिन्होंने देश के लिए अपना बलिदान देने वालों के लिए अपना सबकुछ छोड़ दिया हो.
कुछ शताब्दियों पहले भामाशाह ने राणा प्रताप के लिए जीवनभर की पूंजी दे दी तो आज के समय में मुर्तजा ने देश के लिए काम आए सीआरपीएफ के जवानों के परिजनों के लिए 110 करोड़ रुपये की बड़ी रकम देने की घोषणा कर दी. लेकिन इतनी बड़ी रकम देने वाले मुर्तजा अली का जीवन भी बड़ी खासियतों से भरा है.
भले ही मुर्तजा आज मुंबई में अच्छे साइंटिस्ट हो पर इसके पीछे भी एक रोचक कहानी है. मुर्तजा अली जन्म से ही नेत्रहीन है. देश में शिक्षा के क्षेत्र में ख्याति प्राप्त कोटा सिटी से उन्होंने अपनी शिक्षा पूरी की. मूल रूप से कोटा से जुड़े मुर्तजा ने कॉमर्स कॉलेज से ग्रेजुएशन किया है. मुर्तजा का पारिवारिक व्यवसाय ऑटोमोबाइल का था. लेकिन नेत्रहीनता के कारण उन्हें इस व्यवसाय में काफी नुकसान हुआ.
एक बार जब मुर्तजा अली पेट्रोल पंप पर गये तो एक युवक द्वारा मोबाइल कॉल रिसिव करते समय आग लग जाने की घटना घटित हो गई. इसकी वजह जानने के लिए उन्होंने फ्यूल बर्न रेडियेशन टेक्नोलॉजी का इजाद भी कर दिया. इस नई तकनीक की खासियत यह है कि इसमें बिना जीपीएस, कैमरा अथवा अन्य किसी उपकरण के बिना गाड़ी को ट्रेस किया जा सकता है. और इसी तकनीक ने उन्हें काफी अमीर भी बना दिया.
मुर्तजा के 110 की राशि पुलवामा के शहीदों के परिजनों को देने की घोषणा के बाद से हर तरफ उनके इस कारनामे की तारीफ की जा रही है. फिलहाल मुर्तजा का कहना है कि वे पीएमओ से मेल आने का इंतजार कर रहे है. और शहीदों के लिए सहायता राशि जल्द से जल्द पीएम मोदी को चैक या डीडी की रूप में सौंपना चाहते है.