कोटा. सरकार बदलने का असर साफ दिखने लगा है. कोटा के नगर विकास न्यास के अधिकारी भी शासन के रुख से कदम मिलाते नजर आ रहे हैं. भाजपा पार्टी ज्यों ही सत्ता में आई, अवैध मांस की दुकानों के खिलाफ सबसे पहले कार्रवाई शुरू हो गई. चुनाव नतीजों के एक दिन बाद ही जयपुर के हवामहल के विधायक बालमुकुंद आचार्य ने भी इसके खिलाफ मोर्चा खोलकर मार्केट भ्रमण किया था और अवैध मांस की दुकानें हटाने को लेकर चेतावनी दी थी. अब कोटा दक्षिण के विधायक संदीप शर्मा भी अवैध मांस की दुकानों के खिलाफ हैं. इस पर नगर विकास न्यास कार्रवाई करता भी नजर आ रहा है. बीते दो दिनों में करीब डेढ़ दर्जन से ज्यादा अवैध मांस की दुकानों को हटाया जा चुका है. इस कार्रवाई में कुछ अवैध नॉनवेज रेस्टोरेंट भी शामिल हैं.
अवैध रूप से कब्जे को हटाया : पुलिस उप अधीक्षक आशीष भार्गव का कहना है कि नगर विकास न्यास के वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर ही अभियान चलाया गया है. पहले खुले में मांस बेचने वालों को चेतावनी दी गई थी, लेकिन इसके बाद भी दुकानदार नहीं माने. इनमें से कुछ लोगों ने अवैध रूप से कब्जे भी किए हुए थे, जिन्हें हटाया गया है. पुलिस उपाधीक्षक भार्गव का यह भी कहना है कि इस तरह की कार्रवाई आने वाले दिनों में भी लगातार जारी रहेगी. इसके लिए यूआईटी का पूरा जाप्ता मौके पर जाकर कार्रवाई करेगा.
इसी क्रम में शुक्रवार को भी नगर विकास न्यास के पुलिस उपाधीक्षक आशीष भार्गव, तहसीलदार हेमराज मीणा, रामनिवास मीणा और सहायक अभियंता नितिन नागर के नेतृत्व में टीम बालाजी मार्केट पहुंची, जहां पर अवैध मांस की दुकानों पर पीला पंजा चलाया गया. इस दौरान नगर विकास न्यास का पूरा अतिक्रमण निरोधक दस्ता मौजूद रहा. यहां तक की पुलिस बल और होमगार्ड के जवान भी शामिल थे. कुछ लोगों ने विरोध भी किया, लेकिन यूआईटी ने कार्रवाई लगातार जारी रखी.