सांगोद (कोटा). भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) झालावाड़ की टीम ने कोटा की सांगोद तहसील के ग्राम पंचायत में ट्रैप की कार्रवाई को अंजाम दिया है. टीम ने ग्राम पंचायत के सरपंच मनीष कुमार नागर और वार्ड पंच धनराज को 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है. आरोपी सरपंच मनीष कुमार पेंडिंग काम करने के एवज में वार्ड पंच धनराज के जरिए परिवादी से रिश्वत की मांग कर रहा था.
झालावाड़ के एडिशनल एसपी एसीबी भवानी शंकर मीणा ने बताया कि डूंगरपुर निवासी परिवादी रामकुवार ने 4 अप्रैल को शिकायत दी थी कि उसने गांव में 10-12 साल पहले डेढ़ लाख रुपए में एक जमीन का बाड़ा खरीदा था जो आंगनबाड़ी भवन के लिए ट्रांसफर हो गया था, लेकिन सरपंच इस बाड़े में आंगनबाड़ी भवन का निर्माण नहीं करवा रहा था. साथ ही खरीदे गए बाड़े का ग्राम पंचायत से पट्टा बनवाने और नोटिस जारी नहीं करने की एवज में वार्ड पंच धनराज मेघवाल के जरिए 50 हजार रिश्वत देने का दबाव बना रहा था.
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रिश्वत नहीं देने पर बाड़े में पड़े पत्थरों को भी जब्त कर आंगनबाड़ी भवन निर्माण नहीं कराने की धमकी दे रहा था. ऐसे में परिवादी की शिकायत का 6 अप्रैल को सत्यापन करवाया गया. सत्यापन में रिश्वत मांगने की पुष्टि हुई. इस पर शनिवार को एसीबी की टीम ने ट्रैप की प्लानिंग की. आरोपी ने रिश्वत की राशि लेने के लिए बपावर बस स्टैंड के पास एक निजी मकान में पीड़ित को बुलाया. वहां एक ऑफिस में वार्ड पंच धनराज मेघवाल ने 50 हजार रुपए गिन कर टेबल की बीच वाली दराज में कागजों के ऊपर रखे तो एसीबी ने उसे पकड़ लिया.