कोटा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भले ही अपने बजट घोषणाओं के जरिए सभी को साधने की कोशिश किए हो, लेकिन उनके एक विधायक उनसे खासा नाराज हैं और गाहे-बगाहे उनका गुस्सा फुटते रहता है. हम बात सांगोद विधायक व पूर्व मंत्री भरत सिंह की कर रहे हैं. बीते कई साल से घोषणा के बावजूद योजनाओं पर अमल न होने से विधायक अब अपनी ही सरकार से नाराज हैं. उनकी नाराजगी का आलम यह है कि उन्होंने अपने विधानसभावासियों के नाम एक खुला खत लिख उनसे पहले तो माफी मांगी और फिर राज्य की मौजूदा सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की बात कही है.
असल में सांगोद में एडीजे कोर्ट खोलने की घोषणा की गई थी. जिस पर एक साल बाद भी अमल नहीं हुआ है. इसी मामले को लेकर कांग्रेस विधायक भरत सिंह ने अब अपनी ही सरकार पर हमला तेज कर दिया है. उन्होंने आम जनता को इस पूरे वाकया से अवगत कराते हुए खुला खत लिखा है. इस खत में उन्होंने लिखा कि सीएम गहलोत ने साल 2022-23 के बजट भाषण में सांगोद में एडीजे कोर्ट खोलने की घोषणा की थी. इस घोषणा को सालभर पूरे हो चुके हैं, बावजूद इसके इस पर अमल नहीं किया जा सका है. जबकि सांगोद को छोड़कर शेष जितनी भी जगहों पर इस बजट में घोषणाएं हुई थी, वहां पर एडीजे कोर्ट खोले जा चुके हैं.
विधायक ने आगे लिखा कि वो सीएम को कई बार इसको लेकर पत्र भी लिख चुके हैं. समय-समय मुख्यमंत्री को उक्त विषय से अवगत भी कराया गया है, लेकिन उन्हें लगता है कि गलती से ही ये घोषणा कर दी गई थी. इतना ही नहीं विधायक भरत सिंह कुंदनपुर में अपने विधानसभा क्षेत्र की जनता से माफी भी मांग चुके हैं. उन्होंने लिखा कि एडीजे कोर्ट खोलने की खुशी जो हमने एक साल पहले मनाई थी, वो भ्रम पैदा करने वाली थी. ऐसे में सभी ये मानकर चले कि वो थोथी घोषणा थी.
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विधायक करेंगे कोटा में प्रदर्शन - कोटा की खान की झोपड़िया इलाके में खनन को लेकर कांग्रेस नेताओं का विवाद सामने आया था. इसको लेकर बारां और कोटा के सिमलिया के नेताओं के बीच जमकर विवाद हुआ था. जिसमें मारपीट की बात भी सामने आई थी. इसी मामले में सिमलिया थाने में तीन मुकदमे दर्ज हुए थे. साथ ही कोटा के बोरखेड़ा थाने में भी एक मुकदमा दर्ज हुआ था. विधायक भरत सिंह का कहना है कि इन मुकदमों में निष्पक्ष जांच की जगह गृह मंत्रालय के निर्देश पर डीजीपी उमेश मिश्रा ने झालावाड़ के एससी-एसटी डिप्टी रतनलाल चावला का ट्रांसफर कर दिया था.
विधायक ने कहा कि वो इस मामले के खिलाफ आगामी 11 अप्रैल को कोटा रेंज आईजी ऑफिस के बाहर गृह मंत्रालय के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे. साथ ही इस पत्र को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और डीजीपी उमेश मिश्रा को भी भेजा गया है. दूसरी तरफ इस मामले की फाइल वापस कोटा ऑफिस मंगवा ली गई है. जिसकी जांच एडिशनल एसपी पारस जैन कर रहे हैं.
बिना जांच के चालान की सिफारिश - भरत सिंह ने आरोप लगाया है कि उन्होंने बिना जांच के ही चालान की सिफारिश कर दी है. जबकि कोटा पुलिस जब इस संबंध में अनुसंधान कर रही थी, तब इस मामले के आरोपी बारां जिले के कांग्रेस नेता थाने नहीं पहुंच रहे थे. इस मामले में भरत सिंह का कहना है कि डिप्टी रतनलाल चावला के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, क्योंकि उन्होंने बिना पूछताछ के ही चालान की सिफारिश कर दी है.
ये है पूरा मामला - सिमलिया ब्लॉक के मंडल अध्यक्ष महावीर मीणा और बारां जिले की पूर्व महिला कांग्रेस अध्यक्ष प्रियंका नंदवाना के समर्थकों के बीच बीते 5 फरवरी की रात को पुराना पांचड़ा में विवाद हो गया था. इस मामले में महावीर मीणा ने बारां कांग्रेस की पूर्व जिला अध्यक्ष प्रियंका नंदवाना के खिलाफ गाली गलौच, मारपीट व मोबाइल छीनने का मुकदमा दर्ज करवाया था. वहीं, इस मामले को लेकर प्रियंका नंदवाना ने भी महावीर मीणा के खिलाफ धमकाने और मारपीट का मुकदमा दर्ज करवाया है.
इधर, इस वाकया के दो दिन बाद यानी सात फरवरी को कांग्रेस नेता और पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष ललित चित्तौड़ा ने भी महावीर मीणा के खिलाफ धमका कर अवैध राशि मांगने का मुकदमा दर्ज कराया था. इसके 2 महीने पहले ही सिमलिया की पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष, पीसीसी सदस्य व मंडल अध्यक्ष महावीर मीणा की पत्नी जया मीणा ने भी अवैध खनन के मुकदमा दर्ज करवाया था.