कोटा. राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय में छात्राओं को पास करने की एवज में एसोसिएट प्रोफेसर गिरीश परमार अस्मत मांग रहे थे. इस मसले को लेकर ही एक छात्रा ने मुकदमा दर्ज कराया था. जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया है. पूरे प्रकरण पर मीडिया की खबरों पर ही संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग के अध्यक्ष रेखा शर्मा के निर्देश पर एक टीम कोटा भेजी गई है.
इस जांच दल की अध्यक्षता दिल्ली विश्वविद्यालय की नॉन कॉलेज वुमन एजुकेशन बोर्ड की डायरेक्टर और एनसीडब्ल्यू एडवाइजरी कमेटी मेंबर गीता भट्ट कर रही हैं. कमेटी के कोऑर्डिनेटर प्रवीण सिंह और लीगल काउंसलर शालिनी सिंह दोपहर 2:30 बजे कोटा पहुंचीं. इसके बाद में सर्किट हाउस में कुछ देर रुकी हैं और यहां से जांच उन्होंने शुरू कर दी है. जिसके लिए वे कोटा शहर एसपी केशव सिंह शेखावत के पास जा रहे हैं. जहां पर पूरे मामले की जानकारी और पुलिस एक्शन पर बात करेंगे.
जांच कमेटी के अध्यक्ष गीता भट्ट ने बताया कि राष्ट्रीय महिला आयोग समय-समय पर विश्वविद्यालय या फिर अन्य सभी जगह पर (NCW Team Reached Kota) इस प्रकार महिलाओं के खिलाफ इस प्रकार की घटनाएं पर आगे आकर मदद करती है. इसके लिए ही राष्ट्रीय महिला आयोग की सौजन्य से हम यहां पर आए हैं और इसकी पूरी तहकीकात मामले की की जाएगी.
जितनी भी इस मामले की पीड़ित छात्राएं हैं, उनको आग्रह कर रहे हैं कि हमारे सामने आकर बात रखें. वे कोई भी जानकारी (Rajasthan Professor Sex Demand Case) हमें देना चाहती हैं या इस बारे में खुलकर बात पहले नहीं कर पाई हैं. हम उनसे भी बात करेंगे. कमीशन के सामने अपनी घटना के बारे में जानकारी दे सकती हैं, जिससे की इस केस में शामिल करेंगे. इस मसले पर मीडिया के जरिए हमने ऐसा एक्शन लिया है.
पीड़ित छात्राओं के रिकॉर्डेड बयान ले रही कमेटी : इस टीम ने एसपी केसर सिंह शेखावत के साथ बातचीत की, जिसमें एसपी शेखावत ने जानकारी दी है कि उन्होंने इस पूरे प्रकरण पर एसआईटी गठित कर दी है. जिसकी जिम्मेदारी एडिशनल एसपी उमा शर्मा को दी है, साथ ही इस मामले की पूरी जांच भी पुलिस उप अधीक्षक द्वितीय अमर सिंह राठौड़ कर रहे हैं. उन्होंने इस एफआईआर के अलावा अन्य छात्रा बयान देने पहुंची है. उनके संबंध में भी जानकारी दी है इसके बाद टीम ने सबसे एकत्रित किए और वह राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय में पहुंची, जहां पर डीन फैकल्टी अफेयर्स के बिल्डिंग में पुलिस के उच्चाधिकारियों के सामने ही अलग से सभी पीड़ित छात्राओं के बयान सूचीबद्ध किए जा रहे हैं. जिन्हें रिकॉर्डिंग भी ली जा रही है.
परमार और अर्पित पर एक और मुकदमा दर्ज : राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर गिरीश परमार और छात्र अर्पित अग्रवाल पर एक और मुकदमा दादाबाड़ी थाने में दर्ज हुआ है, जिसकी पड़ताल भी स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम को दे दी गई है. जिस छात्रा ने मुकदमा दर्ज कराया है, वह भी सातवें सेमेस्टर और फाइनल ईयर की स्टूडेंट है. छात्रा ने अपनी एफआईआर में यही बताया है कि यह डरा धमकाकर उसको फेल करवा दिया गया, जिसके बाद आरोपी छात्र अर्पित अग्रवाल ने उसको एप्रोच किया और पास करवाने की एवज में अस्मत मांगी गई है.
मोबाइल की जांच में जुटी साइबर सेल : मोबाइल में अश्लील वीडियो मिलने के मामले में भी उन्होंने कहा कि एसआईटी के साथ साइबरसेल भी काम कर रही है और सभी तथ्य पर जांच पड़ताल की जा रही है. इस संबंध में राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय के छात्र, स्टाफ, फैकल्टी और सभी लोगों से बयान लिए जाएंगे, जिसमें हॉस्टल वार्डन भी शामिल है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पूरी तरह से चरणबद्ध तरीके में इस मामले की पड़ताल होगी. किसी भी तथ्य को स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम नहीं छोड़ेगी.
टीम बोली 2 से 3 दिन यहीं रहकर करेंगे जांच : दूसरी तरफ, करीब 2 घंटे से ज्यादा समय से स्टूडेंट्स और स्टाफ के अलावा पीड़ित परिजनों से भी बातचीत राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम ने की है। इसके बाद टीम ने यह कहा है कि वे 2 से 3 दिन गई है. स्टाफ से लेकर फैकल्टी और वीसी सभी के बयान दर्ज इस मामले में लिए जाएंगे. टीम इस संबंध में पूरे फैक्ट जाने का प्रयास कर रही है.
इस दौरान एक पीड़ित परिवार भी वहां पर पहुंचा, जिनकी बेटी संविदा कर्मी के तौर पर राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय में काम करती थी और उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक्स के पूर्व एचओडी और वर्तमान में डीन फैकल्टी अफेयर्स राजीव गुप्ता के खिलाफ शिकायत दी हुई थी. इस संबंध में आरटीयू की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं होने की शिकायत उन्होंने दी है, जिस पर उन्हें आश्वासन मिला है कि दोबारा कार्रवाई शुरू करवाई जाएगी.