सांगोद (कोटा). सांगोद क्षेत्र में विधानसभा चुनाव के पहले नई सड़कों का काम शुरू हुआ था. संवेदकों ने पुरानी सड़कों को खोदकर गिट्टी और मिट्टी तो बिछा दी थी. लेकिन बीते एक साल से भी अधिक समय से सड़कों का निर्माण अधूरा पड़ा हुआ है.
हालत यह है कि उखड़ी सड़क पर आए दिन वाहन चालक गिरकर जख्मी हो जाते हैं. दोपहिया वाहन चालक आए दिन गिट्टी में फिसलकर चोटिल हो रहे हैं. पीडब्ल्यूडी विभाग बजट के अभाव में सड़कों का काम शुरू नहीं करवा पा रहा है. ऐसे में उखड़ी सड़कें वाहन चालकों को हादसों का दर्द दे रही हैं तो सरकार बजट मुहैया करवाने में रूचि नहीं दिखा रही है.
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राज्य की पूर्ववती बीजेपी सरकार ने क्षेत्र में लक्ष्मी पुरा से पनवाड़ वाया अमृत कुआं, थेहरोली से कुंदनपुर, मकड़ावद से मंडाप, अडूसा से बालाजी की थाक, विनोद कलां से कुराडिया खुर्द, लालाहेड़ा से घानाहेड़ा तथा मंडीता से अडूसा गांवों को सड़कों से जोड़ने के लिए सड़कों की स्वीकृति दी. स्वीकृति के बाद संवेदकों ने काम भी शुरू कर दिया. लेकिन बीते एक साल से भी अधिक समय से इन सड़कों का काम अधूरा पड़ा है.
ठेकेदार भी नहीं दिखा रहे रूचि...
इन मार्गों पर पहले की बनी सड़कों की खुदाई तो कर दी, लेकिन बाद में बजट नहीं मिलने से ठेकेदारों ने भी इनकी सुध नहीं ली. ऐसे में पूरी सड़कें उखड़ी पड़ी हैं. गिट्टी-मिट्टी फैली होने से वाहन गुजरने के बाद मार्गों पर धूल के गुबार उड़ते रहते हैं. ब्रेक लगाते ही दोपहिया वाहन गिट्टी में फिसल रहे हैं. चंद मिनटों का फासला तय करने में वाहन चालकों के पसीने छूट रहे हैं. वाहनों में लोगों को हिचकोले खाते सफर करना पड़ रहा है.
सत्ता बदली, लेकिन सड़क नसीब नहीं...
राज्य में सत्ता बदली तो इन सड़कों का काम भी ठप हो गया. सरकार से बजट नहीं मिलने से नई सड़कों का काम शुरू नहीं हो पा रहा, जिससे वाहन चालकों को कई समस्याओं से जूझना पड़ रहा है. ऐसे में अब हालत यह है कि आए दिन दोपहिया वाहन चालक गिट्टी में गिर जाते हैं और चोटिल हो रहे हैं. ऐसे में अधूरी सड़कें लोगों के लिए जी का जंजाल बनी हुई हैं. विभाग बजट मिलने की राह ताक रहा है और सरकार चुप्पी साधे हुए है.