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स्पेशल: सत्ता बदलने वाली सड़कों में सियासत के 'हिचकोले'

ऐसा कहा जाता है कि यदि किसी गांव, शहर अथवा कह लें कि देश का विकास करना हो तो सड़क यानि की एक अच्छी रोड का होना बहुत जरूरी है. इतना ही नहीं वह सड़क आमजन के लिए कितना माकुल है, यह भी बहुत जरूरी है. हम बात कर रहे हैं कोटा के सांगोद की, यहां सत्ता तो बदली लेकिन यहां के लोगों को सड़क नसीब नहीं हुई.

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सत्ता बदली, लेकिन सड़क नसीब नहीं...
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Published : Feb 11, 2020, 7:07 PM IST

सांगोद (कोटा). सांगोद क्षेत्र में विधानसभा चुनाव के पहले नई सड़कों का काम शुरू हुआ था. संवेदकों ने पुरानी सड़कों को खोदकर गिट्टी और मिट्टी तो बिछा दी थी. लेकिन बीते एक साल से भी अधिक समय से सड़कों का निर्माण अधूरा पड़ा हुआ है.

सत्ता बदली, लेकिन सड़क नसीब नहीं...

हालत यह है कि उखड़ी सड़क पर आए दिन वाहन चालक गिरकर जख्मी हो जाते हैं. दोपहिया वाहन चालक आए दिन गिट्टी में फिसलकर चोटिल हो रहे हैं. पीडब्ल्यूडी विभाग बजट के अभाव में सड़कों का काम शुरू नहीं करवा पा रहा है. ऐसे में उखड़ी सड़कें वाहन चालकों को हादसों का दर्द दे रही हैं तो सरकार बजट मुहैया करवाने में रूचि नहीं दिखा रही है.

यह भी पढ़ेंः कोरोना का असर: हांगकांग jewellery show की तारीख में बदलाव, करीब 300 करोड़ अधर में

राज्य की पूर्ववती बीजेपी सरकार ने क्षेत्र में लक्ष्मी पुरा से पनवाड़ वाया अमृत कुआं, थेहरोली से कुंदनपुर, मकड़ावद से मंडाप, अडूसा से बालाजी की थाक, विनोद कलां से कुराडिया खुर्द, लालाहेड़ा से घानाहेड़ा तथा मंडीता से अडूसा गांवों को सड़कों से जोड़ने के लिए सड़कों की स्वीकृति दी. स्वीकृति के बाद संवेदकों ने काम भी शुरू कर दिया. लेकिन बीते एक साल से भी अधिक समय से इन सड़कों का काम अधूरा पड़ा है.

ठेकेदार भी नहीं दिखा रहे रूचि...

इन मार्गों पर पहले की बनी सड़कों की खुदाई तो कर दी, लेकिन बाद में बजट नहीं मिलने से ठेकेदारों ने भी इनकी सुध नहीं ली. ऐसे में पूरी सड़कें उखड़ी पड़ी हैं. गिट्टी-मिट्टी फैली होने से वाहन गुजरने के बाद मार्गों पर धूल के गुबार उड़ते रहते हैं. ब्रेक लगाते ही दोपहिया वाहन गिट्टी में फिसल रहे हैं. चंद मिनटों का फासला तय करने में वाहन चालकों के पसीने छूट रहे हैं. वाहनों में लोगों को हिचकोले खाते सफर करना पड़ रहा है.

सत्ता बदली, लेकिन सड़क नसीब नहीं...

राज्य में सत्ता बदली तो इन सड़कों का काम भी ठप हो गया. सरकार से बजट नहीं मिलने से नई सड़कों का काम शुरू नहीं हो पा रहा, जिससे वाहन चालकों को कई समस्याओं से जूझना पड़ रहा है. ऐसे में अब हालत यह है कि आए दिन दोपहिया वाहन चालक गिट्टी में गिर जाते हैं और चोटिल हो रहे हैं. ऐसे में अधूरी सड़कें लोगों के लिए जी का जंजाल बनी हुई हैं. विभाग बजट मिलने की राह ताक रहा है और सरकार चुप्पी साधे हुए है.

सांगोद (कोटा). सांगोद क्षेत्र में विधानसभा चुनाव के पहले नई सड़कों का काम शुरू हुआ था. संवेदकों ने पुरानी सड़कों को खोदकर गिट्टी और मिट्टी तो बिछा दी थी. लेकिन बीते एक साल से भी अधिक समय से सड़कों का निर्माण अधूरा पड़ा हुआ है.

सत्ता बदली, लेकिन सड़क नसीब नहीं...

हालत यह है कि उखड़ी सड़क पर आए दिन वाहन चालक गिरकर जख्मी हो जाते हैं. दोपहिया वाहन चालक आए दिन गिट्टी में फिसलकर चोटिल हो रहे हैं. पीडब्ल्यूडी विभाग बजट के अभाव में सड़कों का काम शुरू नहीं करवा पा रहा है. ऐसे में उखड़ी सड़कें वाहन चालकों को हादसों का दर्द दे रही हैं तो सरकार बजट मुहैया करवाने में रूचि नहीं दिखा रही है.

यह भी पढ़ेंः कोरोना का असर: हांगकांग jewellery show की तारीख में बदलाव, करीब 300 करोड़ अधर में

राज्य की पूर्ववती बीजेपी सरकार ने क्षेत्र में लक्ष्मी पुरा से पनवाड़ वाया अमृत कुआं, थेहरोली से कुंदनपुर, मकड़ावद से मंडाप, अडूसा से बालाजी की थाक, विनोद कलां से कुराडिया खुर्द, लालाहेड़ा से घानाहेड़ा तथा मंडीता से अडूसा गांवों को सड़कों से जोड़ने के लिए सड़कों की स्वीकृति दी. स्वीकृति के बाद संवेदकों ने काम भी शुरू कर दिया. लेकिन बीते एक साल से भी अधिक समय से इन सड़कों का काम अधूरा पड़ा है.

ठेकेदार भी नहीं दिखा रहे रूचि...

इन मार्गों पर पहले की बनी सड़कों की खुदाई तो कर दी, लेकिन बाद में बजट नहीं मिलने से ठेकेदारों ने भी इनकी सुध नहीं ली. ऐसे में पूरी सड़कें उखड़ी पड़ी हैं. गिट्टी-मिट्टी फैली होने से वाहन गुजरने के बाद मार्गों पर धूल के गुबार उड़ते रहते हैं. ब्रेक लगाते ही दोपहिया वाहन गिट्टी में फिसल रहे हैं. चंद मिनटों का फासला तय करने में वाहन चालकों के पसीने छूट रहे हैं. वाहनों में लोगों को हिचकोले खाते सफर करना पड़ रहा है.

सत्ता बदली, लेकिन सड़क नसीब नहीं...

राज्य में सत्ता बदली तो इन सड़कों का काम भी ठप हो गया. सरकार से बजट नहीं मिलने से नई सड़कों का काम शुरू नहीं हो पा रहा, जिससे वाहन चालकों को कई समस्याओं से जूझना पड़ रहा है. ऐसे में अब हालत यह है कि आए दिन दोपहिया वाहन चालक गिट्टी में गिर जाते हैं और चोटिल हो रहे हैं. ऐसे में अधूरी सड़कें लोगों के लिए जी का जंजाल बनी हुई हैं. विभाग बजट मिलने की राह ताक रहा है और सरकार चुप्पी साधे हुए है.

Intro:Body:सांगोद(कोटा)
मोतीलाल सुमन
स्पेशल रिपोर्ट
सत्ता बदली सड़को का नसीब नही
सालभर से ज्यादा बीत जाने के बाद भी काम अधूरा
उबड़ खाबड़ रास्ते पर चलने को मजबूर लोग
Pwd विभाग रो रहा बजट का रोना

सांगोद क्षेत्र में विधानसभा चुनावों के पूर्व नई सड़कों का काम शुरू हुआ। संवेदकों ने पुरानी सड़कों को खोदकर गिट्टी-मिट्टी बिछा दी। लेकिन बीते एक साल से भी अधिक समय से सड़कों का निर्माण अधूरा पड़ा है। हालत यह है कि उखड़ी सड़कें आए दिन वाहन चालकों को जख्म दे रही है। दुपहिया वाहन चालक आए दिन गिट्टी में फिसलकर चोटिल हो रहे है। पीडब्ल्यूडी विभाग बजट के अभाव में सड़कों का काम शुरू नहीं करवा पा रहा। ऐसे में उखड़ी सड़कें वाहन चालकों को हादसों का दर्द दे रही है तो सरकार बजट मुहैया करवाने में रूचि नहीं दिखा रही।

राज्य की पूर्ववती भाजपा सरकार ने क्षेत्र में लक्ष्मीपुरा से पनवाड़ वाया अमृतकुआं, थेहरोली से कुंदनपुर, मकड़ावद से मंडाप, अडूसा से बालाजी की थाक, विनोदकलां से कुराडियाखुर्द, लालाहेडा से घानाहेड़ा तथा मंडीता से अडूसा गांवों को सड़कों से जोडऩे के लिए सड़कों की स्वीकृति दी। स्वीकृति के बाद संवेदकों ने काम भी शुरू कर दिया। लेकिन बीते एक साल से भी अधिक समय से इन सड़कों का काम अधूरा पड़ा है।

इन मार्गो पर पूर्व की बनी सड़कों की खुदाई तो कर दी लेकिन बाद में बजट नहीं मिलने से ठेकेदारों ने भी इनकी सुध नहीं ली। ऐसे में पूरी सड़कें उखड़ी पड़ी है। गिट्टी-मिट्टी फैली होने से वाहन गुजरने के बाद मार्गो पर धूल के गुबार उड़ते रहते है। ब्रेक लगाते ही दुपहिया वाहन गिट्टी में फिसल रहे है। चंद मिनटों का फासला तय करने में वाहन चालकों के पसीने छूट रहे है। वाहनों में लोगों को हिचकोले खाते सफर करना पड़ रहा है।

राज्य में सत्ता बदली तो इन सड़कों का काम भी ठप हो गया। सरकार से बजट नहीं मिलने से नई सड़कों का काम शुरू नहीं हो पा रहा। जिससे वाहन चालकों को कई समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। अब हालत यह है कि आए दिन दुपहिया वाहन चालक गिट्टी में गिर-पड़ रहे है और चोटिल हो रहे है। ऐसे में अधूरी सड़कें लोगों के लिए जी का जंजाल बनी हुई है। विभाग बजट मिलने की राह ताक रहा है तो सरकार चुप्पी साधे हुए है।
आकड़ो की माने तो
बीजेपी की पिछली सरकार ने
लक्ष्मी पूरा से पनवाड़ वाया अमृतकुवां
थेहरोली से कुंदनपुर
मकडावद से मंडाप
अडूसा से बालाजी की थाक
विनोद कलां से कुराडिया खुर्द
लालाहेड़ा से घानाहेड़ा
मंडिता से अडूसा को सड़कों से जोड़ने के लिए सड़कों की स्वीकृति दी।
स्वीकृति के बाद संवेदकों ने काम भी किया शुरू
साल भर से ज्यादा बीत जाने के बाद भी काम अधूरा।

बाईट सुलतान सिंह स्थानीय निवासी
बाईट नवनीत गौत्तम स्थानीय निवासी
बाईट सुरेश मीणा स्थानीय निवासीConclusion:
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