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Protest in Kota : RTH Bill के विरोध में काले कपड़े पहन कर सड़कों पर बैठे चिकित्सक

विधानसभा में राइट टू हेल्थ बिल को पारित कर दिया गया है. इसके विरोध में कोटा समेत पूरे प्रदेश के चिकित्सक उतरे हुए हैं. कोटा में गुरुवार को चिकित्सकों ने विज्ञान नगर फ्लाईओवर के नीचे एकत्रित होकर काले कपड़े पहन कर प्रदर्शन किया.

RTH Bill Protest in Kota
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Published : Mar 23, 2023, 4:21 PM IST

Updated : Mar 23, 2023, 11:42 PM IST

कोटा में काले कपड़े पहन कर सड़कों पर बैठे चिकित्सक

कोटा. राजस्थान में राइट टू हेल्थ बिल का विरोध लगातार जारी है. कोटा में भी गुरुवार को डॉक्टरों ने विज्ञान नगर फ्लाईओवर के नीचे एकत्रित होकर काले कपड़े पहन कर प्रदर्शन किया. बीते 4 दिनों से यहां पर डॉ. नीलम खंडेलवाल आमरण अनशन कर रही हैं. आज उनकी तबीयत बिगड़ गई. ऐसे में उन्हें मेडिकल कॉलेज की चिकित्सकों की टीम ने जाकर उनकी जांच की और उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी गई है.

हालांकि, वे अस्पताल में भर्ती नहीं हुईं और अभी भी आमरण अनशन कर रही हैं. दूसरी तरफ, निजी चिकित्सालयों में सन्नाटा छाया हुआ है. वहां पर पूरी तरह से ओपीडी, आईपीडी, लेबोरेटरी और सबकुछ बंद है. भर्ती मरीजों में भी ठीक होने पर उन्हें डिस्चार्ज किया जा रहा है, जिसके बाद अस्पताल पूरी तरह से खाली है. अस्पताल में कार्यरत स्टाफ भी खाली बैठा हुआ है. न तो मेडिकल स्टोरों पर दवाई की बिक्री हो रही है. दूसरी तरफ सरकारी अस्पतालों के हालात बिगड़ गए हैं. छोटे-छोटे बीमारियों को लेकर भी मरीज अस्पतालों में पहुंच रहे हैं. अस्पतालों में रूटीन और प्लांड के ऑपरेशन बंद हो गए हैं. इसके साथ ही इमरजेंसी में भी सरकारी अस्पताल जाने वाले मरीजों को लंबी कतार का सामना करना पड़ रहा है. रेजिडेंट चिकित्सक नहीं होने के चलते मरीजों को अस्पताल से डिस्चार्ज भी किया जा रहा है.

पढ़ें : Doctors Strike Effect: जिला अस्पताल में व्यवस्था चरमराई, ओपीडी में लंबी कतार...मरीज परेशान

जेके लोन अस्पताल में नवजात और शिशुओं की संख्या बढ़ गई है. एक वार्मर पर तीन-तीन बच्चों को भी रखा गया है. दूसरी तरफ एक बार मरीज को पर्ची कटाने के बाद उपचार और दवा लेने में ही करीब 2 से 3 घंटे लग रहे हैं. इसके चलते अस्पतालों के चिकित्सा व्यवस्था वेंटिलेटर पर पहुंच गई है. आरटीएच के विरोध में निजी चिकित्सक उतरे हुए हैं. इनके समर्थन में प्रेसिडेंट पहले से ही हड़ताल में चले गए हैं. अब अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ भी इस संबंध में बैठकर कर रहा है. प्रदेश महासचिव डॉ. दुर्गाशंकर सैनी ने कहा कि डॉक्टरों के साथ बर्बरता पूर्ण लाठीचार्ज पुलिस ने किया है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि वे भी इस संबंध में जल्द ही बैठक लेकर निर्णय लेंगे और आगामी रणनीति बनाई जाएगी. किस तरह से इस आंदोलन का समर्थन किया जाए.

पढ़ें : Doctors Protest in Ajmer : JLN में दो घंटे ही चली ओपीडी, आपातकालीन इकाई में चार चिकित्सकों के भरोसे मरीज

बैठे हुए ही खिसक रही लाइनें : मेडिकल कॉलेज के अस्पतालों में भी रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं. वहां पर आउटडोर में आने वाले मरीजों की लंबी कतारें देखी जाने लगी हैं, जिनके लिए भी सीनियर चिकित्सक को उनकी ड्यूटी लगाई हुई है. हालांकि, सीनियर चिकित्सकों की संख्या कम होने के चलते मरीजों को काफी लंबे समय तक इलाज के लिए खड़ा होना पड़ता है. इलाज की पर्ची मरीज के हाथ में आ जाती है, लेकिन उसके बाद इलाज लिखवाने के लिए घंटों तक इंतजार करना पड़ रहा है. हालात ऐसे हो जाते हैं कि कई बुजुर्ग और महिलाएं ओपीडी के बाहर लाइनों में ही बैठ जाते हैं और नीचे बैठे-बैठे ही आगे खिसक कर बढ़ रहे हैं.

पढ़ें : राइट टू हेल्थ बिल का विरोध: रेजिडेंट डॉक्टर्स ने निजी अस्पतालों को समर्थन देते हुए किया कार्य बहिष्कार

200 से ज्यादा ऑपरेशन टाले गए : रेजिडेंट चिकित्सकों के आरटीएच के समर्थन में हड़ताल पर जाने के बाद ऑपरेशन भी टाले गए हैं. एनेस्थीसिया विभागाध्यक्ष डॉ. संजय कालानी के अनुसार मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल, सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक, एमबीएस, जेके लोन और रामपुरा अस्पताल में मिलाकर करीब रोज 60 के आसपास सर्जरी हो रही थी. बीते 3 दिनों से रूटीन और प्लांड ऑपरेशन बन्द है. ऐसे में करीब 200 ऑपरेशन अभी तक टाले गए हैं. केवल इमरजेंसी की सर्जरी की जा रही है.

पढ़ें : Right To Health Bill Case: सीनियर डॉक्टर्स लौटे काम पर, SMS के इमरजेंसी वार्ड में राउंड द क्लॉक लगी ड्यूटी

पढ़ेंः Doctors Strike Effect: जिला अस्पताल में व्यवस्था चरमराई, ओपीडी में लंबी कतार...मरीज परेशान

चिकित्सक दिखा सकते थे काले झंडे, पुलिस रही अलर्ट पर : दूसरी तरफ, तलवंडी स्थित दाऊ दयाल जोशी आयुर्वेद चिकित्सालय में चार दिवसीय आरोग्य मेले का आयोजन आज से किया गया. इसमें चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा को भी शामिल होना था. हालांकि, वे अपरिहार्य कारणों से कोटा नहीं आए. ऐसे में यह भी बताया जा रहा है कि चिकित्सकों ने कोटा में काले कपड़े पहनकर आंदोलन भी इसलिए किया था, क्योंकि उसी रूट से चिकित्सा मंत्री को भी निकलना था. विज्ञान नगर चौराहे के नजदीक यह चिकित्सक धरना देकर परमानेंट बैठे हुए हैं, जहां पर रोज अलग-अलग तरीके से प्रदर्शन किया जा रहा है. वहीं, बीते 4 दिनों से डॉ. नीलम खंडेलवाल आमरण अनशन कर रही है. यहां बैठे चिकित्सकों के चलते पुलिस प्रशासन भी अलर्ट मोड पर रहा भारी पुलिस जाब्ता वहां पर तैनात किया गया. सभी चिकित्सक काले कपड़े पहन कर आए थे. ऐसे में चिकित्सा मंत्री को काले झंडे भी दिखा सकते थे.

कोटा में काले कपड़े पहन कर सड़कों पर बैठे चिकित्सक

कोटा. राजस्थान में राइट टू हेल्थ बिल का विरोध लगातार जारी है. कोटा में भी गुरुवार को डॉक्टरों ने विज्ञान नगर फ्लाईओवर के नीचे एकत्रित होकर काले कपड़े पहन कर प्रदर्शन किया. बीते 4 दिनों से यहां पर डॉ. नीलम खंडेलवाल आमरण अनशन कर रही हैं. आज उनकी तबीयत बिगड़ गई. ऐसे में उन्हें मेडिकल कॉलेज की चिकित्सकों की टीम ने जाकर उनकी जांच की और उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी गई है.

हालांकि, वे अस्पताल में भर्ती नहीं हुईं और अभी भी आमरण अनशन कर रही हैं. दूसरी तरफ, निजी चिकित्सालयों में सन्नाटा छाया हुआ है. वहां पर पूरी तरह से ओपीडी, आईपीडी, लेबोरेटरी और सबकुछ बंद है. भर्ती मरीजों में भी ठीक होने पर उन्हें डिस्चार्ज किया जा रहा है, जिसके बाद अस्पताल पूरी तरह से खाली है. अस्पताल में कार्यरत स्टाफ भी खाली बैठा हुआ है. न तो मेडिकल स्टोरों पर दवाई की बिक्री हो रही है. दूसरी तरफ सरकारी अस्पतालों के हालात बिगड़ गए हैं. छोटे-छोटे बीमारियों को लेकर भी मरीज अस्पतालों में पहुंच रहे हैं. अस्पतालों में रूटीन और प्लांड के ऑपरेशन बंद हो गए हैं. इसके साथ ही इमरजेंसी में भी सरकारी अस्पताल जाने वाले मरीजों को लंबी कतार का सामना करना पड़ रहा है. रेजिडेंट चिकित्सक नहीं होने के चलते मरीजों को अस्पताल से डिस्चार्ज भी किया जा रहा है.

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जेके लोन अस्पताल में नवजात और शिशुओं की संख्या बढ़ गई है. एक वार्मर पर तीन-तीन बच्चों को भी रखा गया है. दूसरी तरफ एक बार मरीज को पर्ची कटाने के बाद उपचार और दवा लेने में ही करीब 2 से 3 घंटे लग रहे हैं. इसके चलते अस्पतालों के चिकित्सा व्यवस्था वेंटिलेटर पर पहुंच गई है. आरटीएच के विरोध में निजी चिकित्सक उतरे हुए हैं. इनके समर्थन में प्रेसिडेंट पहले से ही हड़ताल में चले गए हैं. अब अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ भी इस संबंध में बैठकर कर रहा है. प्रदेश महासचिव डॉ. दुर्गाशंकर सैनी ने कहा कि डॉक्टरों के साथ बर्बरता पूर्ण लाठीचार्ज पुलिस ने किया है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि वे भी इस संबंध में जल्द ही बैठक लेकर निर्णय लेंगे और आगामी रणनीति बनाई जाएगी. किस तरह से इस आंदोलन का समर्थन किया जाए.

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बैठे हुए ही खिसक रही लाइनें : मेडिकल कॉलेज के अस्पतालों में भी रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं. वहां पर आउटडोर में आने वाले मरीजों की लंबी कतारें देखी जाने लगी हैं, जिनके लिए भी सीनियर चिकित्सक को उनकी ड्यूटी लगाई हुई है. हालांकि, सीनियर चिकित्सकों की संख्या कम होने के चलते मरीजों को काफी लंबे समय तक इलाज के लिए खड़ा होना पड़ता है. इलाज की पर्ची मरीज के हाथ में आ जाती है, लेकिन उसके बाद इलाज लिखवाने के लिए घंटों तक इंतजार करना पड़ रहा है. हालात ऐसे हो जाते हैं कि कई बुजुर्ग और महिलाएं ओपीडी के बाहर लाइनों में ही बैठ जाते हैं और नीचे बैठे-बैठे ही आगे खिसक कर बढ़ रहे हैं.

पढ़ें : राइट टू हेल्थ बिल का विरोध: रेजिडेंट डॉक्टर्स ने निजी अस्पतालों को समर्थन देते हुए किया कार्य बहिष्कार

200 से ज्यादा ऑपरेशन टाले गए : रेजिडेंट चिकित्सकों के आरटीएच के समर्थन में हड़ताल पर जाने के बाद ऑपरेशन भी टाले गए हैं. एनेस्थीसिया विभागाध्यक्ष डॉ. संजय कालानी के अनुसार मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल, सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक, एमबीएस, जेके लोन और रामपुरा अस्पताल में मिलाकर करीब रोज 60 के आसपास सर्जरी हो रही थी. बीते 3 दिनों से रूटीन और प्लांड ऑपरेशन बन्द है. ऐसे में करीब 200 ऑपरेशन अभी तक टाले गए हैं. केवल इमरजेंसी की सर्जरी की जा रही है.

पढ़ें : Right To Health Bill Case: सीनियर डॉक्टर्स लौटे काम पर, SMS के इमरजेंसी वार्ड में राउंड द क्लॉक लगी ड्यूटी

पढ़ेंः Doctors Strike Effect: जिला अस्पताल में व्यवस्था चरमराई, ओपीडी में लंबी कतार...मरीज परेशान

चिकित्सक दिखा सकते थे काले झंडे, पुलिस रही अलर्ट पर : दूसरी तरफ, तलवंडी स्थित दाऊ दयाल जोशी आयुर्वेद चिकित्सालय में चार दिवसीय आरोग्य मेले का आयोजन आज से किया गया. इसमें चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा को भी शामिल होना था. हालांकि, वे अपरिहार्य कारणों से कोटा नहीं आए. ऐसे में यह भी बताया जा रहा है कि चिकित्सकों ने कोटा में काले कपड़े पहनकर आंदोलन भी इसलिए किया था, क्योंकि उसी रूट से चिकित्सा मंत्री को भी निकलना था. विज्ञान नगर चौराहे के नजदीक यह चिकित्सक धरना देकर परमानेंट बैठे हुए हैं, जहां पर रोज अलग-अलग तरीके से प्रदर्शन किया जा रहा है. वहीं, बीते 4 दिनों से डॉ. नीलम खंडेलवाल आमरण अनशन कर रही है. यहां बैठे चिकित्सकों के चलते पुलिस प्रशासन भी अलर्ट मोड पर रहा भारी पुलिस जाब्ता वहां पर तैनात किया गया. सभी चिकित्सक काले कपड़े पहन कर आए थे. ऐसे में चिकित्सा मंत्री को काले झंडे भी दिखा सकते थे.

Last Updated : Mar 23, 2023, 11:42 PM IST
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