कोटा. मेडिकल कॉलेज के अस्पतालों में रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल को डेढ़ दिन से ज्यादा हो गया है. मेडिकल कॉलेज प्रबंधन से दो दौर की वार्ता फेल हो गई है. मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल, जेके लोन, एमबीएस और रामपुरा में तैनात करीब 200 रेजिडेंट डॉक्टर नहीं होने से आउटडोर से लेकर इनडोर के मरीज भी परेशान हो रहे हैं. मरीजों को दवाई और अन्य उपचार नहीं मिल रहा है. अस्पताल में रूटीन के ऑपरेशन भी कम हो गए हैं. केवल इमरजेंसी ऑपरेशन किए जा रहे हैं.
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ विजय सरदाना का कहना है कि रेजिडेंट डॉक्टर के नहीं होने से अस्पताल में सेवाएं जरूर प्रभावित होती हैं. मरीजों के कुछ ऑपरेशन टाले गए हैं. सीनियर डॉक्टर्स की ड्यूटी लगा दी गई है. रेजिडेंट डॉक्टरों ने इसके अलावा अस्पताल व हॉस्टल में सिक्योरिटी बढ़ाने की मांग की (Demands of Kota MBS hospital resident doctors) है. साथ ही कहा कि पुलिस चौकी में करीब 11 का स्टॉफ तैनात किया जाए. अभी स्टॉफ की संख्या आधी है. अस्पताल में पास व्यवस्था को दुरुस्त करने की मांग की है. डॉ सरदाना का कहना है कि इन मांगों पर भी काम शुरू कर दिया है.
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आपको बता दें कि एमबीएस अस्पताल में 23 नवंबर की रात डेंगू से पीड़ित महिला शाइस्ता परवीन की उपचार के दौरान मौत हो गई थी. जिसके बाद उसके परिजनों ने हंगामा कर दिया और रेजिडेंट चिकित्सकों पर एक महिला परिजन ने कुर्सी उठाकर फेंकने की कोशिश की (Kota MBS hospital vandalized after patient death) थी. रेजिडेंट चिकित्सकों का आरोप था कि परिजनों ने डॉक्टर और नर्सिंग कर्मी से मारपीट की. इस मामले में शाइस्ता परवीन के पति जुबेर और अन्य के खिलाफ राजकार्य में बाधा, मारपीट व सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का मामला दर्ज किया गया.
गिरफ्तारी में लेटलतीफी का आरोप: मृतका शाइस्ता परवीन को 24 नवंबर शाम को ही दफनाया गया था. इस मामले में मृतका की बहन की गिरफ्तारी होनी है. इसलिए पुलिस भी शोक संतप्त परिवार के प्रति सहानुभूति रख रही है. दूसरी तरफ, इस मामले में रेजिडेंट डॉक्टर पुलिस की ओर से लेटलतीफी करने का आरोप लगा रहे हैं. उनका कहना है कि पुलिस मरीज के परिजनों को गिरफ्तार नहीं कर प्रोटेक्ट कर रही है. पुलिस अधीक्षक प्रथम शंकर लाल मीणा का कहना है कि मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई थी. डॉक्टरों के बयान और मेडिकल की प्रक्रिया भी होती है. जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा.
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सरकारी डॉक्टर और नर्सिंग कार्मिक भी साथ आएं: सेवारत चिकित्सक संघ के प्रदेश महासचिव डॉ दुर्गा शंकर सैनी ने भी इस मारपीट पर आक्रोश जताते हुए रेजिडेंट डॉक्टरों का समर्थन किया है. दूसरी तरफ कार्य बहिष्कार में 2 घंटे नर्सिंग कार्मिक भी एमबीएस अस्पताल में शामिल रहे. कोटा मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ सुमेर सिंह गुर्जर का कहना है कि पुलिस इस मामले में आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर रही है. मामले को डेढ़ दिन हो गया है. इसीलिए सभी रेजिडेंट डॉक्टरों में आक्रोश है.