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World Marvel In Kota: एजुकेशन हब को मिलेगी नई पहचान, कोटा में लाल किला और US Capitol दिखेगा साथ

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Published : Jan 19, 2023, 7:13 PM IST

कोटा को विश्व पर्यटन के नक्शे पर स्थापित करने के लिए चंबल रिवर फ्रंट बनाया गया है (US Capitol In Kota). दावा किया जा रहा है कि इस पर हाड़ौती, राजपूताना और हिंदुस्तानी आर्किटेक्चर का कमाल देखने को मिलेगा. एक घाट की भी कल्पना की गई है. जहां विश्व प्रसिद्ध इमारतों का मॉडल मौजूद होगा.

World In Kota
World In Kota
खास होगा चंबल रिवर फ्रंट

कोटा. विश्व स्तरीय रिवरफ्रंट कोटा में आकार ले रहा है. इसे आकर्षक और बेमिसाल बनाने की जुगत में सब लगे हैं. कोशिश यही है कि यह दुनिया के नक्शे पर टूरिज्म स्पॉट के तौर पर खुद को स्थापित करे (US Capitol In Kota). दावा किया जा रहा है कि पूरी दुनिया से लोग कोटा के चंबल हेरिटेज रिवरफ्रंट को देखने पहुंचेंगे.

बहुत कुछ है खास- आकृतियां ऐसी बनाई जा रही हैं जिन्हें देखकर एकबारगी सब भौचक्के रह जाएंगे. पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए यूनाइटेड नेशन्स के सदस्य देशों की छवि, शक्ल, पहनावा और फूड को भी रिवरफ्रंट पर उतारने का प्रयास किया जा रहा है. इनमें भी सबसे प्रमुख वर्ल्ड हेरिटेज स्ट्रीट है. जहां पर 8 देशों की 9 विश्व प्रसिद्ध इमारतों का रेप्लिका यानी उनकी हूबहू नकल तैयार कराई जा रही है.

उम्मीद बहुत है- चंबल रिवरफ्रंट के आर्किटेक्ट अनूप भरतरिया उम्मीद जगाते हैं. उन्हें भरोसा है कोटा World Tourism के नक्शे पर नए सितारे के रूप में उभरेगा. पूरी दुनिया से लोग चंबल हेरिटेज रिवरफ्रंट देखने के लिए आएंगे. हाड़ौती, राजपूताना व हिंदुस्तानी आर्किटेक्ट के साथ यहां एक घाट की कल्पना की गई है. इसमें पूरे विश्व की सभी प्रमुख स्थलों को स्थान दिया गया है. अनूठा अनुभव होगा जब एक कतार में दिल्ली का लाल किला, यूनाइटेड स्टेट ऑफ अमेरिका की कैपिटल कांग्रेस, यूनाइटेड किंगडम ब्रिटेन के वेस्टमिंस्टर एबे की बिल्डिंग दिखेगी.

सबसे बड़ा म्यूजियम भी!- चंबल रिवरफ्रंट पर बन रही दो प्रमुख बिल्डिंग्स बनाना किसी चुनौती से कम नहीं. विश्व का सबसे बड़ा संग्रहालय लूव्र म्यूजियम और इटली का ट्रेवी फाउंटेन भी इस फेहरिस्त में है. मोनालिसा की फेमस पेंटिंग वाले हेरिटेज म्यूजियम को देखने विश्व में सबसे ज्यादा दर्शक पहुंचते हैं.वहीं ट्रेवी फाउंटेन भी खास है. दुनिया के प्रसिद्ध फव्वारों में शामिल ऐतिहासिक ट्रेवी फाउंटेन की बिल्डिंग बनेगी. कॉपी होगी आर्किटेक्ट निकोला सालवी के बनाए फव्वारे की. जिसे 18वीं सदी में तैयार करवाया गया था.

पढ़ें- Kota Doria Challenges: पावरलूम बना चुनौती, लाखों की साड़ी बनाने वाले 2 जून रोटी को मोहताज

दुनिया एक निगाह में- यूरोपीय देशों के अलावा एशियाई देशों के प्रसिद्ध मंदिर और स्थल इसमें शामिल होंगे. थाईलैंड के चाचोएंगसाओ प्रांत के प्राचीन मंदिर वाट सोथोन वारराम वोराविहान होगा. यह लुआंग पोर फुथासोथोन का पवित्र स्थान है, जहां बुद्ध की प्रतिमा है. इसके साथ ही दक्षिणी भारत की वास्तुकला और प्राचीन मंदिर की तर्ज पर गोपुरम टेंपल भी यहां दिखेंगे.

खानपान की दृष्टि से किया है सिलेक्शन- आर्किटेक्ट भरतरिया के अनुसार विश्व प्रसिद्ध बिल्डिंगों का चयन भी खानपान की दृष्टि से किया गया है. फूड स्ट्रीट भी डेवलप होगा. थीम बेस्ड बिल्डिंग के अनुसार ही फूड भी उपलब्ध होगा. जैसे कि रेड फोर्ट में मुगलई खाना मिलेगा, इटालियन ट्रेवी फाउंटेन में इटालियन रेस्तरां, चाइनीज पगोड़ा में चाइनीज और ब्रिटेन के वेस्टमिंस्टर एबे में बेकरी रहेगी.

ग्लोब पर नजर कंट्री के अनुसार चेहरे- अनूप भरतरिया ने बताया कि इस वर्ल्ड हेरिटेज स्ट्रीट में एक बड़ा ग्लोब भी स्थापित किया जा रहा है. जिसकी खासियत है ग्लोब पर बने चेहरे. जिस देश या प्रांत के लोगों के नैन नक्श जैसे हैं ठीक वैसा ही ग्लोब दिखेगा. चेहरे अनुसार ही नक्शा और लैंडमास बनाया जा रहा है. इस ग्लोब पर लोग अपने इलाके की शक्ल और पहनावा देख सकेंगे.

खास होगा चंबल रिवर फ्रंट

कोटा. विश्व स्तरीय रिवरफ्रंट कोटा में आकार ले रहा है. इसे आकर्षक और बेमिसाल बनाने की जुगत में सब लगे हैं. कोशिश यही है कि यह दुनिया के नक्शे पर टूरिज्म स्पॉट के तौर पर खुद को स्थापित करे (US Capitol In Kota). दावा किया जा रहा है कि पूरी दुनिया से लोग कोटा के चंबल हेरिटेज रिवरफ्रंट को देखने पहुंचेंगे.

बहुत कुछ है खास- आकृतियां ऐसी बनाई जा रही हैं जिन्हें देखकर एकबारगी सब भौचक्के रह जाएंगे. पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए यूनाइटेड नेशन्स के सदस्य देशों की छवि, शक्ल, पहनावा और फूड को भी रिवरफ्रंट पर उतारने का प्रयास किया जा रहा है. इनमें भी सबसे प्रमुख वर्ल्ड हेरिटेज स्ट्रीट है. जहां पर 8 देशों की 9 विश्व प्रसिद्ध इमारतों का रेप्लिका यानी उनकी हूबहू नकल तैयार कराई जा रही है.

उम्मीद बहुत है- चंबल रिवरफ्रंट के आर्किटेक्ट अनूप भरतरिया उम्मीद जगाते हैं. उन्हें भरोसा है कोटा World Tourism के नक्शे पर नए सितारे के रूप में उभरेगा. पूरी दुनिया से लोग चंबल हेरिटेज रिवरफ्रंट देखने के लिए आएंगे. हाड़ौती, राजपूताना व हिंदुस्तानी आर्किटेक्ट के साथ यहां एक घाट की कल्पना की गई है. इसमें पूरे विश्व की सभी प्रमुख स्थलों को स्थान दिया गया है. अनूठा अनुभव होगा जब एक कतार में दिल्ली का लाल किला, यूनाइटेड स्टेट ऑफ अमेरिका की कैपिटल कांग्रेस, यूनाइटेड किंगडम ब्रिटेन के वेस्टमिंस्टर एबे की बिल्डिंग दिखेगी.

सबसे बड़ा म्यूजियम भी!- चंबल रिवरफ्रंट पर बन रही दो प्रमुख बिल्डिंग्स बनाना किसी चुनौती से कम नहीं. विश्व का सबसे बड़ा संग्रहालय लूव्र म्यूजियम और इटली का ट्रेवी फाउंटेन भी इस फेहरिस्त में है. मोनालिसा की फेमस पेंटिंग वाले हेरिटेज म्यूजियम को देखने विश्व में सबसे ज्यादा दर्शक पहुंचते हैं.वहीं ट्रेवी फाउंटेन भी खास है. दुनिया के प्रसिद्ध फव्वारों में शामिल ऐतिहासिक ट्रेवी फाउंटेन की बिल्डिंग बनेगी. कॉपी होगी आर्किटेक्ट निकोला सालवी के बनाए फव्वारे की. जिसे 18वीं सदी में तैयार करवाया गया था.

पढ़ें- Kota Doria Challenges: पावरलूम बना चुनौती, लाखों की साड़ी बनाने वाले 2 जून रोटी को मोहताज

दुनिया एक निगाह में- यूरोपीय देशों के अलावा एशियाई देशों के प्रसिद्ध मंदिर और स्थल इसमें शामिल होंगे. थाईलैंड के चाचोएंगसाओ प्रांत के प्राचीन मंदिर वाट सोथोन वारराम वोराविहान होगा. यह लुआंग पोर फुथासोथोन का पवित्र स्थान है, जहां बुद्ध की प्रतिमा है. इसके साथ ही दक्षिणी भारत की वास्तुकला और प्राचीन मंदिर की तर्ज पर गोपुरम टेंपल भी यहां दिखेंगे.

खानपान की दृष्टि से किया है सिलेक्शन- आर्किटेक्ट भरतरिया के अनुसार विश्व प्रसिद्ध बिल्डिंगों का चयन भी खानपान की दृष्टि से किया गया है. फूड स्ट्रीट भी डेवलप होगा. थीम बेस्ड बिल्डिंग के अनुसार ही फूड भी उपलब्ध होगा. जैसे कि रेड फोर्ट में मुगलई खाना मिलेगा, इटालियन ट्रेवी फाउंटेन में इटालियन रेस्तरां, चाइनीज पगोड़ा में चाइनीज और ब्रिटेन के वेस्टमिंस्टर एबे में बेकरी रहेगी.

ग्लोब पर नजर कंट्री के अनुसार चेहरे- अनूप भरतरिया ने बताया कि इस वर्ल्ड हेरिटेज स्ट्रीट में एक बड़ा ग्लोब भी स्थापित किया जा रहा है. जिसकी खासियत है ग्लोब पर बने चेहरे. जिस देश या प्रांत के लोगों के नैन नक्श जैसे हैं ठीक वैसा ही ग्लोब दिखेगा. चेहरे अनुसार ही नक्शा और लैंडमास बनाया जा रहा है. इस ग्लोब पर लोग अपने इलाके की शक्ल और पहनावा देख सकेंगे.

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