कोटा. राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले आरपीएससी को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस पार्टी पर बड़ा आरोप लगाया है. साथ ही आरपीएससी के दो सदस्यों के इस्तीफे की मांग भी कर दी. सोमवार को भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश दाधीच ने कोटा में पत्रकार वार्ता करते हुए आरोप लगाया है कि राजस्थान के इतिहास में पहली बार हो रहा है कि आरपीएससी के सदस्य के परिजन सीधे चुनावी मैदान में उतर गए हैं. ऐसे में नैतिकता के आधार पर इन आरपीएससी सदस्यों को इस्तीफा दे देना चाहिए. यह मसला प्रदेश के 70 लाख युवाओं से जुड़ा हुआ है. आरपीएससी में इन युवाओं के लिए इंटरव्यू और अन्य परीक्षाएं किस तरह से फेयर होंगी?
निष्पक्ष कार्य की गुंजाइश नहीं : मुकेश दाधीच ने आरोप लगाया कि कांग्रेस शासन में 19 पेपर लगातार लीक हुए हैं. आरपीएससी सदस्य संगीता आर्य के पति और राजस्थान के पूर्व मुख्य सचिव निरंजन आर्य कांग्रेस के टिकट पर सोजत से चुनावी मैदान में हैं. इसी तरह से दूसरे आरपीएससी के सदस्य प्रोफेसर अयूब खान के बेटे शहजाद खान जोधपुर की सूरसागर सीट से चुनावी मैदान में हैं. अगर किसी राजनीतिक दल का व्यक्ति ऐसे प्रतिष्ठित संस्थान में होता है, तो वहां से निष्पक्ष कार्य की उम्मीद कैसे की जा सकती है. इसकी गुंजाइश भी काम हो जाती है.
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आलाकमान की नाराजगी या भ्रष्टाचार का मुद्दा : मुकेश दाधीच ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर जुबानी हमला करते हुए कहा कि उन्हें बाबूलाल कटरा की गिरफ्तारी के बाद कठोर कदम उठाने चाहिए थे, लेकिन कोई सुधार नहीं किया गया है. मुख्यमंत्री गहलोत खुद स्वीकार कर चुके हैं कि केसरी सिंह राठौड़ की नियुक्ति करना उनकी गलती है. आरपीएससी को इन्होंने कांग्रेस का दफ्तर बना दिया है. इसी के विरोध में राजस्थान के युवा आरपीएससी यात्रा निकालेंगे और कांग्रेस को जवाब देंगे. उन्होंने कहा कि ईडी को स्वतंत्र अधिकार है, लेकिन बिना तथ्य के कार्रवाई नहीं होती है. करोड़ों रुपए कहां से बरामद हो रहे हैं? कांग्रेस को यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि महेश जोशी का टिकट क्यों काटा गया?. कोटा में धारीवाल को विकास पुरुष कहते हैं, लेकिन सातवीं सूची में उनका नाम क्यों आया?
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शांति धारीवाल को मिली है अनुकंपा नियुक्ति : मुकेश दाधीच ने यह भी आरोप लगाया कि राजस्थान में भ्रष्टाचार एक बड़ा कारण है. कांग्रेस को लगता था कि वह भ्रष्टाचार ईडी के माध्यम से पकड़ में आएगा और कभी भी बड़े नेता जेल जा सकते हैं, इसलिए जेल की संभावना से बचने के लिए और चुनाव खराब नहीं हो इसलिए यह पूरा 'एपिसोड' हुआ है. मुख्यमंत्री ने कहा था कि पार्टी ने टिकट नहीं दिया तो मैं शांति धारीवाल को निर्दलीय चुनाव लड़ा दूंगा. इस पर आलाकमान को झुकना पड़ा है और उन्हें अनुकंपा नियुक्ति दी है.