ETV Bharat / state

कोटा: रेलवे के निजीकरण के खिलाफ हुआ जन आंदोलन का आगाज

रेलवे के निजीकरण के खिलाफ 14 सितंबर से शुरू हुए आंदोलन के तहत कोटा मंडल की तमाम शाखाओं ने स्टेशन पर जनसभा का आयोजन किया. जिसमें हर वर्ग के लोगों ने हिस्सा लिया.

Privatization of railways, Kota News
रेलवे के निजीकरण के खिलाफ जन आंदोलन
author img

By

Published : Sep 19, 2020, 8:34 PM IST

कोटा. रेलवे के निजीकरण के खिलाफ ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन और वेस्ट सेंट्रल रेलवे एंप्लाइज यूनियन के तत्वाधान में दिनांक 14 सितंबर से 19 सितंबर तक पूरे भारत वर्ष में शुरू हुए जन-आंदोलन के तहत कोटा मंडल की समस्त शाखाओं वैगन रिपेयर शाॅप-कोटा, तुगलकाबाद, भरतपुर, बयाना, गंगापुरसिटी, बांरा, बूंदी, रामगंजमंडी, शामगढ़, विक्रमगढ़ आलोट और कोटा प्राॅपर की टीआरडी, कैरिज एंड वैगन, कोटा लोको, ओपनलाइन शाखा, इंजीनियरिंग, डीआरएम शाखा द्वारा यूनियन कार्यकर्ताओं ने स्टेशन पर जनसभाओं का आयोजन किया.

रेलवे के निजीकरण के खिलाफ कोटा में रेलवे स्टेशन के प्रांगण में विशाल जनसभा का आयोजन किया गया. जिसमें कोटा के सभी वर्गो ने हिस्सा लिया. जिसमें शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष रविंद्र सिंह त्यागी, ललित कुमार एडवोकेट, पूर्व महासचिव शहर जिला कांग्रेस कमेटी, इंटक के रामलाल, आरएमएसआरयू के राकेश गालव, सीटू के अशोक, किसान सभा के दूलीचंद बोरदा, राज. सीटू के तारकेश्वर तिवारी, एआईसीटीयू के महेंद्र नेह, महेंद्र पांडे, किसान महापंचायत के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह सहित सैंकड़ों लोग उपस्थित रहे.

पढ़ें- कोरोना मरीजों के आंकड़ों में पूरी पारदर्शिता बरती जाए: CM गहलोत

इस अवसर पर यूनियन के महामंत्री मुकेश गालव ने रेल के निजीकरण के खिलाफ जनआंदोलन के आगाज करते हुए बताया कि कोरोना महामारी की आड़ में रेलवे बेचने का खेल चल रहा है. केंद्र सरकार रेलगाड़ियां, रेलवे स्टेशन, रेलवे कर्मचारियों के कार्यों एक-एक करके निजीकरण करती जा रही है. केंद्र सरकार द्वारा 151 यात्री गाड़ियों को 109 रूटों पर प्राइवेट ऑपरेटर्स के द्वारा चलाई जाने रेलवे कल-कारखानों का निगमीकरण करने रेलवे स्टेशनों को उद्योगपतियों को बेचने और रेलवे कर्मचारियों के कार्यों को ठेकेदारों कराए जाने से नाराज रेल कर्मचारियों ने अब आम जनता को भी इस आंदोलन में शामिल करने का निर्णय लिया है.

जन-आंदोलन में शामिल करने के लिए बुद्धिजीवी वर्ग, राज्य कर्मचारी, संगठन पेंशनर्स एसोसिएशन, श्रमिक संगठनों, व्यापारिक संगठनों, छात्र संगठन, दैनिक यात्री संघ, अल्पसंख्यक समुदाय एसटी-एससी, ओबीसी ग्रुप, खिलाड़ियों, छोटे उद्यमियों, महिला वर्गों से संपर्क कर जन आंदोलन में जुड़ने की अपील की. सभा के अंत में सभी ने प्रतिज्ञा लेकर भारत की केंद्र सरकार द्वारा भारतीय रेल जो भारत की जीवन रेखा है, उसके निजीकरण के प्रयास का पूरी शक्ति से विरोध और सरकार के निजीकरण के फैसले की वापस तक एआईआरएफ डब्ल्यूसीआरईयू के जन-आंदोलन को पूर्ण रूप से सफल बनाने में सहयोग की प्रतिज्ञा ली.

कोटा. रेलवे के निजीकरण के खिलाफ ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन और वेस्ट सेंट्रल रेलवे एंप्लाइज यूनियन के तत्वाधान में दिनांक 14 सितंबर से 19 सितंबर तक पूरे भारत वर्ष में शुरू हुए जन-आंदोलन के तहत कोटा मंडल की समस्त शाखाओं वैगन रिपेयर शाॅप-कोटा, तुगलकाबाद, भरतपुर, बयाना, गंगापुरसिटी, बांरा, बूंदी, रामगंजमंडी, शामगढ़, विक्रमगढ़ आलोट और कोटा प्राॅपर की टीआरडी, कैरिज एंड वैगन, कोटा लोको, ओपनलाइन शाखा, इंजीनियरिंग, डीआरएम शाखा द्वारा यूनियन कार्यकर्ताओं ने स्टेशन पर जनसभाओं का आयोजन किया.

रेलवे के निजीकरण के खिलाफ कोटा में रेलवे स्टेशन के प्रांगण में विशाल जनसभा का आयोजन किया गया. जिसमें कोटा के सभी वर्गो ने हिस्सा लिया. जिसमें शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष रविंद्र सिंह त्यागी, ललित कुमार एडवोकेट, पूर्व महासचिव शहर जिला कांग्रेस कमेटी, इंटक के रामलाल, आरएमएसआरयू के राकेश गालव, सीटू के अशोक, किसान सभा के दूलीचंद बोरदा, राज. सीटू के तारकेश्वर तिवारी, एआईसीटीयू के महेंद्र नेह, महेंद्र पांडे, किसान महापंचायत के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह सहित सैंकड़ों लोग उपस्थित रहे.

पढ़ें- कोरोना मरीजों के आंकड़ों में पूरी पारदर्शिता बरती जाए: CM गहलोत

इस अवसर पर यूनियन के महामंत्री मुकेश गालव ने रेल के निजीकरण के खिलाफ जनआंदोलन के आगाज करते हुए बताया कि कोरोना महामारी की आड़ में रेलवे बेचने का खेल चल रहा है. केंद्र सरकार रेलगाड़ियां, रेलवे स्टेशन, रेलवे कर्मचारियों के कार्यों एक-एक करके निजीकरण करती जा रही है. केंद्र सरकार द्वारा 151 यात्री गाड़ियों को 109 रूटों पर प्राइवेट ऑपरेटर्स के द्वारा चलाई जाने रेलवे कल-कारखानों का निगमीकरण करने रेलवे स्टेशनों को उद्योगपतियों को बेचने और रेलवे कर्मचारियों के कार्यों को ठेकेदारों कराए जाने से नाराज रेल कर्मचारियों ने अब आम जनता को भी इस आंदोलन में शामिल करने का निर्णय लिया है.

जन-आंदोलन में शामिल करने के लिए बुद्धिजीवी वर्ग, राज्य कर्मचारी, संगठन पेंशनर्स एसोसिएशन, श्रमिक संगठनों, व्यापारिक संगठनों, छात्र संगठन, दैनिक यात्री संघ, अल्पसंख्यक समुदाय एसटी-एससी, ओबीसी ग्रुप, खिलाड़ियों, छोटे उद्यमियों, महिला वर्गों से संपर्क कर जन आंदोलन में जुड़ने की अपील की. सभा के अंत में सभी ने प्रतिज्ञा लेकर भारत की केंद्र सरकार द्वारा भारतीय रेल जो भारत की जीवन रेखा है, उसके निजीकरण के प्रयास का पूरी शक्ति से विरोध और सरकार के निजीकरण के फैसले की वापस तक एआईआरएफ डब्ल्यूसीआरईयू के जन-आंदोलन को पूर्ण रूप से सफल बनाने में सहयोग की प्रतिज्ञा ली.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.