कोटा. शहर में कोचिंग करने के लिए आने वाले विद्यार्थियों की मदद के लिए अब पुलिस आगे आई है. पुलिस ने स्टूडेंट सेल शुरू की है, जिसमें एकल खिड़की के जरिए समस्याओं का समाधान किया जाएगा. साथ ही कोचिंग छात्रों की मदद के लिए संपर्क नंबर भी जारी किए गए हैं. स्टूडेंट सेल की शुरुआत गुरुवार को एडीजी आलोक वशिष्ठ ने की.
इस स्टूडेंट सेल का इंचार्ज अभय कमांड और कंट्रोल सेंटर के प्रभारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ठाकुर चंद्रशील कुमार को बनाया है. पुलिस की ओर से तीन नंबर भी जारी किए गए हैं. इनमें अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभय कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से 8764520409, सह प्रभारी पुलिस निरीक्षक 8764520410 व हेल्पलाइन 9530442778 पर कोचिंग छात्र संपर्क कर सकते हैं. इस दौरान आईजी प्रसन्न कुमार खमेसरा, एसपी शरद चौधरी भी मौजूद रहे.
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विद्यार्थियों का अवसाद मुक्त रखने का लक्ष्यः ठाकुर चंद्र शील कुमार का कहना है कि इस एकल खिड़की का उद्देश्य संवेदनशीलता से छात्र-छात्राओं के समस्याओं का समाधान करना है. उनसे आत्मीय संवाद स्थापित कर उन्हें अवसाद मुक्त रखने का उद्देश्य है. इसके लिए पूरी स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SoP) भी बनाई गई है. उन्होंने बताया कि हेल्पलाइन 8 घंटे की पारी में 24 घंटे कार्यरत रहेगी. पुलिस की ओर से जारी किए गए नंबरों पर स्टूडेंट अपनी समस्याओं को बता सकेंगे, जिनका समाधान पुलिस की स्टूडेंट सेल करेगी. आपराधिक व अन्य शिकायतों को स्टूडेंट सेल की टीम सम्बंधित थानाधिकारी को अविलम्ब भेजेगी. इन शिकायतों का प्राथमिकता से निस्तारण करवाने के बाद कार्रवाई रिपोर्ट भी मंगाई जाएगी. स्टूडेंट सेल के प्रभारी कोचिंग व संस्थान हॉस्टल में जाएंगे. साथ ही स्टूडेंट ग्रुप से भी बातचीत करेंगे. कोचिंग संस्थानों के लाइजनिंग ऑफिसर से सेल प्रभारी समन्वय स्थापित कर समस्याओं का समाधान करेंगे. हॉस्टल के निरीक्षण में छात्र छात्राओं के लिए क्या-क्या व्यवस्थाएं हैं?. हॉस्टल मालिक या संचालक छात्र-छात्राओं के परिजनों से संपर्क में है या नहीं, हॉस्टल में छात्र-छात्राओं की क्या गतिविधियां हैं?. इस पर संचालक की निगरानी है या नहीं, ये सभी जानकारी स्टूडेंट सेल जुटाएंगी.
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चिह्निंत किए जाएंगे डिप्रेशन में गए बच्चेः ठाकुर चंद्रशील कुमार ने बताया कि स्टूडेंट सेल में उन अधिकारियों और कार्मिकों को प्राथमिकता देगी, जो की सरल व सहज तरीके से बच्चों से बात कर सकते हैं. अवसाद ग्रसित बच्चों को चिह्नित किया जाएगा. ऐसे बच्चों की काउंसलिंग भी करवाई जाएगी. स्टूडेंट सेल की पूरी जानकारी सोशल मीडिया के जरिए कोचिंग स्टूडेंट्स तक पहुंचाई जाएगी, इसके लिए हॉस्टल और कोचिंग संस्थानों की भी मदद ली जाएगी.