इटावा (कोटा). जिले के अयाना थाने में शुक्रवार को एसीबी की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए कांस्टेबल रमेश कुमार को 10 हजार की रिश्वत के साथ रंगे हाथ गिरफ्तार किया. वहीं, इस पूरे मामले में अयाना एसएचओ विनोद कुमार की भूमिका भी संदिग्ध बताई जा रही है, जिसकी एसीबी टीम जांच कर रही है.
जानकारी के अनुसार बारां के निवासी मोहनलाल पुत्र गोविंद लाल बैरवां ने बारां एसीबी में एक परिवाद देकर अयाना थाने के हैड कांस्टेबल उमर मोहम्मद पर दहेज प्रताड़ना के मामले से नाम निकालने व मामले का निस्तारण करने के एवज में 70 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी. जिसके बाद हैड कांस्टेबल उमर मोहम्मद ने 20 हजार रुपए में मामला तय किया था.
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जिसके तहत हेड कांस्टेबल 5 हजार रुपये की राशि सत्यापन के दौरान ले चुका था. जब परिवादी शुक्रवार को अयाना पहुंचा तो हेड कांस्टेबल ने खुद के बाहर होने का हवाला देते हुए कांस्टेबल रमेश कुमार जो थाने का मुंशी भी है, को उक्त राशि देने की बात कही और कांस्टेबल से राशि लेने के बारे में फोन पर बात की. जिसके बाद एसीबी की टीम ने कांस्टेबल राकेश को 10 हजार की रिश्वत के साथ धर दबोचा. वहीं, हेड कांस्टेबल उमर मोहम्मद की तलाश की जा रही है. बारां एसीबी टीम के सीआई ज्ञानचन्द मीणा के अनुसार परिवादी की शिकायत सही पाए जाने पर इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया. वहीं, एसएचओ विनोद कुमार व हेड कांस्टेबल उमर मोहम्मद की मिलीभगत की भूमिका सामने आई है, जिसकी जांच की जा रही है.