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गहलोत की कोटा रैली में आए सैंकड़ों लोगों का आरोप, जनसुनवाई के नाम पर बुलाया...नहीं मिलने दिया सीएम से

कोटा में सीएम अशोक गहलोत की जनसभा में बड़ी संख्या में लोग पहुंचे. हालांकि इनमें से सैंकड़ों लोगों का आरोप है कि उन्हें सीएम की जनसुनवाई कार्यक्रम के नाम पर बुलाया गया था. लेकिन सीएम से मिलने या ज्ञापन देने से रोका गया.

jan sunwai
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Published : Nov 17, 2021, 4:03 PM IST

Updated : Nov 17, 2021, 7:35 PM IST

कोटा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सभा में पहुंचे सैकड़ों की संख्या में लोगों को सीएम से मिलने नहीं दिया गया. इन लोगों को कहा गया था कि मुख्यमंत्री से उन्हें मिलवाया जाएगा. मुख्यमंत्री के भाषण खत्म होने के बाद जैसे ही लोग उनसे मिलने के लिए मंच की तरफ आने लगे, उन्हें पुलिस ने रोका और मंच की तरफ नहीं जाने दिया. लोगों का आरोप है कि उन्हें सीएम की जनसुनवाई की बात कहकर बुलाया गया था.

लोगों ने आरोप लगाया है कि उन्हें जन सुनवाई का कहकर कार्यक्रम में बुलाया गया, लेकिन किसी भी तरह की जनसुनवाई नहीं हुई. इन लोगों को अपनी समस्याओं को लेकर सीएम को ज्ञापन, प्रार्थना पत्र, शिकायती पत्र देने थे. एक महिला अपने पति की शिकायत लेकर भी पहुंची थी. उसका कहना है कि उसका पति पुलिस अधिकारी है. उसने दूसरी शादी कर उसे छोड़ दिया है. हर जगह गुहार करने के बाद भी उसकी सुनवाई नहीं हो रही है. जिला परिषद के लिए काम करने वाले ठेकेदार भी अपने बकाया भुगतान करवाने के संबंध में सीएम से शिकायत करना चाहते थे.

जनसुनवाई के नाम पर बुलाया...नहीं मिलने दिया सीएम से

रीट में पद बढ़ाने की मांग को लेकर सभा में हंगामा

शिक्षक पात्रता परीक्षा रीट में पदों की बढ़ोतरी की मांग को लेकर गहलोत की जोरावरपुरा में हुई सभा में कोटा से वर्षा शर्मा पहुंची. पुलिसकर्मियों ने उसे मंच की तरफ तो नहीं जाने दिया, लेकिन घेर कर खड़ी रही. वर्षा ने कहा कि हजारों बेरोजगारों का सवाल है, लेकिन काफी गिड़गिड़ाने के बावजूद भी उसे नहीं जाने दिया गया. उसका कहना है कि 10 से ज्यादा लोगों ने पूरे प्रदेश में आत्महत्या कर ली है. मांग नहीं मानी तो मजबूरन उन्हें भी इस तरह का कदम उठाना पड़ेगा. इटावा के एसडीएम संतोष कुमार मीणा का कहना है कि उन्होंने सभा स्थल के बाहर हेल्पडेस्क बनाई हुई थी. जहां पर लोगों की समस्याओं को सुना गया. उनके दिए ज्ञापनों को आगे की कार्रवाई के लिए भेजा जाएगा.

पढ़ें: हाड़ौती में मुख्यमंत्री : CM गहलोत ने मोदी सरकार पर साधा निशाना, कहा- केंद्र सरकार ने सभी राज्यों की आमदनी कम कर दी

सीएम गहलोत ने चलाई गरीब महिला की ट्राई साइकिल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी पूरे प्रशासन गांव के संग अभियान के शिविर का अवलोकन किया। इस दौरान एक गरीब महिला को विकलांग होने पर ट्राई साइकिल दी गई थी। साइकिल पर बैठी गरीब महिला को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कुछ सेकेंड तक आगे चलाते हुए हालचाल जाने. साथ ही उनसे योजना के बारे में बातचीत भी की. इसके साथ ही इटावा में नए तहसील भवन का शिलान्यास किया। इसके साथ ही अंबेडकर सर्किल से सुखनी नदी तक बनने वाली सीसी सड़क का भी शिलान्यास किया.

सांगोद विधायक के नहीं आने की चर्चा, पूर्व विधायक आधे कार्यक्रम से लौटे

कोटा में सीएम का कार्यक्रम था और यहां कांग्रेस के तीन विधायक हैं. इनमें से मंत्री शांति धारीवाल, जयपुर में होने की वजह से कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए. जबकि रामनारायण मीणा की विधानसभा क्षेत्र में यह कार्यक्रम था. वह मंच पर मौजूद थे. साथ ही हर छोटे बड़े मुद्दे पर मुख्यमंत्री को पत्र लिखने वाले विधायक भरत सिंह कार्यक्रम से नदारद थे. जबकि बारां के विधायक पानाचंद मेघवाल, सवाई माधोपुर के खंडार से विधायक अशोक बैरवा व मध्यप्रदेश से भी बाबूलाल झंडेल भी मौजूद थे. पूर्व विधायक प्रेम नागर को मंच पर जगह नहीं दी गई. ऐसे में वह वापस लौट गए. पूर्व मंत्री रामगोपाल बैरवा भी कार्यक्रम में नहीं पहुंचे.

पढ़ें: Sachin Pilot In Bhilwara : कैबिनेट पुनर्गठन पर बोले पायलट- उचित समय पर सही निर्णय लेगी AICC और राज्य सरकार

मीणा को मंत्री बनाने के सपोर्ट में ​तख्तियां

विधायक रामनारायण मीणा को मंत्री बनाने की मांग को लेकर सैकड़ों की संख्या में तख्तियां तैयार की गई थीं. ये तख्तियां लोगों को सभा स्थल में लेकर पहुंचनी थी, लेकिन पुलिस प्रशासन की सख्ती के चलते ऐसा नहीं हो सका. कांग्रेस के जिलाध्यक्ष सरोज मीणा का कहना है कि यह तख्तियां खुद विधायक रामनारायण मीणा ने तैयार करवाई थीं. जिन्हें अपने ही कार्यकर्ताओं के साथ सभास्थल पर मीणा पहुंचाना चाहते थे.

कोटा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सभा में पहुंचे सैकड़ों की संख्या में लोगों को सीएम से मिलने नहीं दिया गया. इन लोगों को कहा गया था कि मुख्यमंत्री से उन्हें मिलवाया जाएगा. मुख्यमंत्री के भाषण खत्म होने के बाद जैसे ही लोग उनसे मिलने के लिए मंच की तरफ आने लगे, उन्हें पुलिस ने रोका और मंच की तरफ नहीं जाने दिया. लोगों का आरोप है कि उन्हें सीएम की जनसुनवाई की बात कहकर बुलाया गया था.

लोगों ने आरोप लगाया है कि उन्हें जन सुनवाई का कहकर कार्यक्रम में बुलाया गया, लेकिन किसी भी तरह की जनसुनवाई नहीं हुई. इन लोगों को अपनी समस्याओं को लेकर सीएम को ज्ञापन, प्रार्थना पत्र, शिकायती पत्र देने थे. एक महिला अपने पति की शिकायत लेकर भी पहुंची थी. उसका कहना है कि उसका पति पुलिस अधिकारी है. उसने दूसरी शादी कर उसे छोड़ दिया है. हर जगह गुहार करने के बाद भी उसकी सुनवाई नहीं हो रही है. जिला परिषद के लिए काम करने वाले ठेकेदार भी अपने बकाया भुगतान करवाने के संबंध में सीएम से शिकायत करना चाहते थे.

जनसुनवाई के नाम पर बुलाया...नहीं मिलने दिया सीएम से

रीट में पद बढ़ाने की मांग को लेकर सभा में हंगामा

शिक्षक पात्रता परीक्षा रीट में पदों की बढ़ोतरी की मांग को लेकर गहलोत की जोरावरपुरा में हुई सभा में कोटा से वर्षा शर्मा पहुंची. पुलिसकर्मियों ने उसे मंच की तरफ तो नहीं जाने दिया, लेकिन घेर कर खड़ी रही. वर्षा ने कहा कि हजारों बेरोजगारों का सवाल है, लेकिन काफी गिड़गिड़ाने के बावजूद भी उसे नहीं जाने दिया गया. उसका कहना है कि 10 से ज्यादा लोगों ने पूरे प्रदेश में आत्महत्या कर ली है. मांग नहीं मानी तो मजबूरन उन्हें भी इस तरह का कदम उठाना पड़ेगा. इटावा के एसडीएम संतोष कुमार मीणा का कहना है कि उन्होंने सभा स्थल के बाहर हेल्पडेस्क बनाई हुई थी. जहां पर लोगों की समस्याओं को सुना गया. उनके दिए ज्ञापनों को आगे की कार्रवाई के लिए भेजा जाएगा.

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सीएम गहलोत ने चलाई गरीब महिला की ट्राई साइकिल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी पूरे प्रशासन गांव के संग अभियान के शिविर का अवलोकन किया। इस दौरान एक गरीब महिला को विकलांग होने पर ट्राई साइकिल दी गई थी। साइकिल पर बैठी गरीब महिला को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कुछ सेकेंड तक आगे चलाते हुए हालचाल जाने. साथ ही उनसे योजना के बारे में बातचीत भी की. इसके साथ ही इटावा में नए तहसील भवन का शिलान्यास किया। इसके साथ ही अंबेडकर सर्किल से सुखनी नदी तक बनने वाली सीसी सड़क का भी शिलान्यास किया.

सांगोद विधायक के नहीं आने की चर्चा, पूर्व विधायक आधे कार्यक्रम से लौटे

कोटा में सीएम का कार्यक्रम था और यहां कांग्रेस के तीन विधायक हैं. इनमें से मंत्री शांति धारीवाल, जयपुर में होने की वजह से कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए. जबकि रामनारायण मीणा की विधानसभा क्षेत्र में यह कार्यक्रम था. वह मंच पर मौजूद थे. साथ ही हर छोटे बड़े मुद्दे पर मुख्यमंत्री को पत्र लिखने वाले विधायक भरत सिंह कार्यक्रम से नदारद थे. जबकि बारां के विधायक पानाचंद मेघवाल, सवाई माधोपुर के खंडार से विधायक अशोक बैरवा व मध्यप्रदेश से भी बाबूलाल झंडेल भी मौजूद थे. पूर्व विधायक प्रेम नागर को मंच पर जगह नहीं दी गई. ऐसे में वह वापस लौट गए. पूर्व मंत्री रामगोपाल बैरवा भी कार्यक्रम में नहीं पहुंचे.

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मीणा को मंत्री बनाने के सपोर्ट में ​तख्तियां

विधायक रामनारायण मीणा को मंत्री बनाने की मांग को लेकर सैकड़ों की संख्या में तख्तियां तैयार की गई थीं. ये तख्तियां लोगों को सभा स्थल में लेकर पहुंचनी थी, लेकिन पुलिस प्रशासन की सख्ती के चलते ऐसा नहीं हो सका. कांग्रेस के जिलाध्यक्ष सरोज मीणा का कहना है कि यह तख्तियां खुद विधायक रामनारायण मीणा ने तैयार करवाई थीं. जिन्हें अपने ही कार्यकर्ताओं के साथ सभास्थल पर मीणा पहुंचाना चाहते थे.

Last Updated : Nov 17, 2021, 7:35 PM IST
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