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महिला नरेगा कर्मियों का हल्लाबोल! सरपंच-सचिव का घेराव

रामगंजमंडी के सातलखेड़ी कस्बे में महिला नरेगा कर्मियों ने सरपंच और सचिव का घेराव किया. नरेगा कर्मियों का आरोप है, कि नरेगा काम से कई महिलाओं के नाम काट दिए गए हैं. जॅाब कार्ड बनवाने के बाद भी काम नहीं दिया जाता है.

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नरेगा कर्मियों ने किया सचिव का घेराव
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Published : Dec 9, 2019, 6:07 PM IST

रामगंजमंडी (कोटा). जिले में उपखंड के ग्राम पंचायत सातलखेड़ी कस्बे में महिला नरेगा कर्मियों ने काम नहीं मिलने पर और कार्य से नाम काटने पर सरपंच और सचिव का घेराव किया. महिला नरेगा कर्मियों का कहना है, कि सातलखेड़ी कस्बे में नरेगा का काम चला रखा है. जिसमें एक मस्टररोल पूरा करने के बाद दूसरी मस्टररोल में कई महिलाओं के नरेगा काम से नाम काट दिए गए हैं.

नरेगा कर्मियों ने किया सचिव का घेराव

पंचायत सचिव छोटूलाल सुमन और सरपंच शांतिबाई ने महिलाओं से काफी समझाइश की. साथ ही नरेगा में दोबारा नाम जुड़वाने का आश्वासन दिया, तब जाकर महिलाएं मानीं.

महिलाओं का आरोप है, कि ग्राम पंचायत के वार्ड मेंबर के पूरे परिवार के नाम नरेगा मस्टररोल में लगातार आते हैं. वहीं सचिव का कहना है, कि नरेगा में योजना के तहत 150 महिलाओं के नाम हैं, जिनसे पूरे 100 दिन का काम पूरा कराना है, इसलिए किसी का नाम नहीं काटा जा सकता.

यह भी पढ़ें. कोटा के दोनों नए नगर निगम के वार्डों का सीमांकन जारी

महिला नरेगा कर्मियों का कहना है, कि पंचायत में एलडीसी ने महिलाओं के नाम काटे जाने की बात कही है. ग्रामीण महिला मंजू बाई का कहना है, कि उसने पिछले साल नरेगा में काम किया. जिसके बाद दूसरी नरेगा जॉब कार्ड बनाई गई. फिर भी उसे काम नहीं दिया गया. पंचायत के कई बार चक्कर काटने पर ये कहकर भगाया जाता है, कि अभी काम नहीं है. इस पर सचिव छोटूलाल सुमन ने लिखित में नरेगा महिलाओं से शिकायत मांगी है.

रामगंजमंडी (कोटा). जिले में उपखंड के ग्राम पंचायत सातलखेड़ी कस्बे में महिला नरेगा कर्मियों ने काम नहीं मिलने पर और कार्य से नाम काटने पर सरपंच और सचिव का घेराव किया. महिला नरेगा कर्मियों का कहना है, कि सातलखेड़ी कस्बे में नरेगा का काम चला रखा है. जिसमें एक मस्टररोल पूरा करने के बाद दूसरी मस्टररोल में कई महिलाओं के नरेगा काम से नाम काट दिए गए हैं.

नरेगा कर्मियों ने किया सचिव का घेराव

पंचायत सचिव छोटूलाल सुमन और सरपंच शांतिबाई ने महिलाओं से काफी समझाइश की. साथ ही नरेगा में दोबारा नाम जुड़वाने का आश्वासन दिया, तब जाकर महिलाएं मानीं.

महिलाओं का आरोप है, कि ग्राम पंचायत के वार्ड मेंबर के पूरे परिवार के नाम नरेगा मस्टररोल में लगातार आते हैं. वहीं सचिव का कहना है, कि नरेगा में योजना के तहत 150 महिलाओं के नाम हैं, जिनसे पूरे 100 दिन का काम पूरा कराना है, इसलिए किसी का नाम नहीं काटा जा सकता.

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महिला नरेगा कर्मियों का कहना है, कि पंचायत में एलडीसी ने महिलाओं के नाम काटे जाने की बात कही है. ग्रामीण महिला मंजू बाई का कहना है, कि उसने पिछले साल नरेगा में काम किया. जिसके बाद दूसरी नरेगा जॉब कार्ड बनाई गई. फिर भी उसे काम नहीं दिया गया. पंचायत के कई बार चक्कर काटने पर ये कहकर भगाया जाता है, कि अभी काम नहीं है. इस पर सचिव छोटूलाल सुमन ने लिखित में नरेगा महिलाओं से शिकायत मांगी है.

Intro:रामगंजमण्डी/कोटा
उपखंड के ग्राम पंचायत सातलखेडी कस्बे में नरेगा में काम करने वाली महिलाओं को नरेगा काम नही मिलने पर व कार्य से नाम काटने पर सरपंच व सचिव का घेराव किया ।Body:रामगंजमण्डी/कोटा
उपखंड के ग्राम पंचायत सातलखेडी कस्बे में नरेगा में काम करने वाली महिलाओं को नरेगा काम नही मिलने पर व कार्य से नाम काटने पर सरपंच व सचिव का घेराव किया ।घेराव में महिलाओं का कहना है कि ग्राम पंचायत ने सातलखेडी कस्बे में नरेगा का काम चला रखा है। जिसमें एक मास्टर पुरी करने के बाद दूसरी मस्टररोल में कई महिलाओं के नरेगा काम से नाम काट दिए हैं। वहीं महिलाओं ने यह भी आरोप लगाया है कि ग्राम पंचायत के वार्ड मेंबर के पूरे परिवार के नाम नरेगा मस्टररोल में लगातार आते हैं तो महिलाओं ने यह भी कहा कहा है कि जब इनके नाम आ सकते हैं तो हमारे नाम क्यों नहीं। वही  वहीं सचिव का कहना है कि नरेगा में योजना के अंतर्गत डेढ़ सौ महिलाओं के नाम पूरे 100 दिन का काम पूरा करवाना है। और किसी का नाम नहीं काटा जा सकता वहीं महिलाओं ने आरोप लगाते हुए बताया कि पंचायत में एलडीसी द्वारा कहीं महिलाओं के नाम काटे जाने की बात कही। वही पंचायत सचिव छोटूलाल सुमन व सरपंच शांतिबाई ने महिलाओं से काफी समझाइश की ओर नरेगा में दुबारा नाम जुड़वाने का अस्वाशन दिया तब जाकर महिलाएं मानी। वही ग्रामीण महिला मंजू बाई का कहना है कि मैने पिछले साल नरेगा में काम किया उसके बाद मेरी दूसरी नरेगा जॉब कार्ड बनवाया गया फिर भी मुझे काम नही दिया गया। पंचायत के कई बार चक्कर काटने पर भी हमको यह कहकर भगाया जाता है कि अभी काम नही है। इस पर सचिव छोटूलाल सुमन ने लिखित में नरेगा महिलाओ से शिकायत मांगी । Conclusion:पंचायत में महिला नरेगा कर्मी का नरेगा कार्य से नाम काटने पर महिलाओं ने किया पंचायत का घेराव।
बाईट- ग्रामीण महिला नरेगा कर्मी
बाईट- ग्रामीण महिला मंजुबाई
बाईट-पंचायत सातलखेड़ी सचिव छोटूलाल सुमन
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