रामगंजमंडी (कोटा). जिले में उपखंड के ग्राम पंचायत सातलखेड़ी कस्बे में महिला नरेगा कर्मियों ने काम नहीं मिलने पर और कार्य से नाम काटने पर सरपंच और सचिव का घेराव किया. महिला नरेगा कर्मियों का कहना है, कि सातलखेड़ी कस्बे में नरेगा का काम चला रखा है. जिसमें एक मस्टररोल पूरा करने के बाद दूसरी मस्टररोल में कई महिलाओं के नरेगा काम से नाम काट दिए गए हैं.
पंचायत सचिव छोटूलाल सुमन और सरपंच शांतिबाई ने महिलाओं से काफी समझाइश की. साथ ही नरेगा में दोबारा नाम जुड़वाने का आश्वासन दिया, तब जाकर महिलाएं मानीं.
महिलाओं का आरोप है, कि ग्राम पंचायत के वार्ड मेंबर के पूरे परिवार के नाम नरेगा मस्टररोल में लगातार आते हैं. वहीं सचिव का कहना है, कि नरेगा में योजना के तहत 150 महिलाओं के नाम हैं, जिनसे पूरे 100 दिन का काम पूरा कराना है, इसलिए किसी का नाम नहीं काटा जा सकता.
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महिला नरेगा कर्मियों का कहना है, कि पंचायत में एलडीसी ने महिलाओं के नाम काटे जाने की बात कही है. ग्रामीण महिला मंजू बाई का कहना है, कि उसने पिछले साल नरेगा में काम किया. जिसके बाद दूसरी नरेगा जॉब कार्ड बनाई गई. फिर भी उसे काम नहीं दिया गया. पंचायत के कई बार चक्कर काटने पर ये कहकर भगाया जाता है, कि अभी काम नहीं है. इस पर सचिव छोटूलाल सुमन ने लिखित में नरेगा महिलाओं से शिकायत मांगी है.