कोटा. राजस्थान में भजनलाल सरकार के मंत्रिमंडल का गठन शनिवार को हो चुका है. भजनलाल मंत्रिमंडल में 22 मंत्रियों को राजभवन में शपथ दिलाई गई. राजस्थान की सरकार में हाड़ौती की 17 सीटों से 11 पर भाजपा के प्रत्याशी जीतकर विधायक बने हैं, लेकिन महज दो को ही मंत्री पद मिला है. इनमें कैबिनेट मंत्री मदन दिलावर व हीरालाल नागर ने राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार के रूप में शपथ ली है.
यह दोनों ही कोटा जिले की विधानसभा सीटों से जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं. शेष तीन जिले बारां, झालावाड़ और बूंदी से राजस्थान के सरकार में किसी को प्रतिनिधित्व नहीं मिला है. बूंदी से तो भारतीय जनता पार्टी का एक भी विधायक नहीं बना है, जबकि बारां जिले से चारों विधायक भारतीय जनता पार्टी के हैं. इसके बावजूद वहां से एक भी मंत्री नहीं बना है. दूसरी तरफ झालावाड़ जिले से तीन विधायक चुनकर विधानसभा पहुंचे है, जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी शामिल हैं. इस जिले से भी किसी को प्रतिनिधित्व नहीं मिला है. बीते कांग्रेस शासन से भी कम प्रतिनिधित्व इस बार हाड़ौती को मिला है. पिछले शासन में हाड़ौती से 7 कांग्रेस के विधायक जीते थे, इनमें से तीन मंत्री थे.
मुख्यमंत्री के साथ रहे हैं दो मंत्रीः बीते दो बार भाजपा शासन में भी हाड़ौती से ही प्रदेश का मुख्यमंत्री बनता आया है. जिनमें 2003 और 2013 में सूबे की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के नेतृत्व में ही राजस्थान की सरकार थी. इस दौरान दो मंत्री वसुंधरा सरकार के दोनों कार्यकाल में रहे हैं. इनमें 2003 में मदन दिलावर कैबिनेट मंत्री थे, जबकि प्रताप सिंह सिंघवी भी इस सरकार में राज्यमंत्री रहे हैं. वहीं 2013 में अंता से जीते प्रभुलाल सैनी काबीना मंत्री थे, जबकि बूंदी की केशोरायपाटन बाबूलाल वर्मा भी मंत्री बने थे. इस दौरान हाड़ौती की 17 सीटों में 16 सीट पर पर भाजपा काबिज थी.
कांग्रेस के शासन में थे तीन मंत्रीः कांग्रेस के पिछले शासन में हाड़ौती से सात कांग्रेस विधायक जीत कर विधानसभा में पहुंचे थे. इनमें से तीन मंत्री रहे हैं, इनमें तीनों ही कद्दावर नेता माने जाते हैं. कांग्रेस की सरकार में शांति धारीवाल, प्रमोद जैन भाया और अशोक चांदना मंत्री रहे हैं. इनके पास मंत्रालय भी काफी दमदार रहा था. इनमें यूडीएच, खनन एवं पेट्रोलियम गोपालन, खेल एवं युवा मंत्रालय शामिल थे.