कोटा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश के बाद कोटा में कोचिंग छात्रों में बढ़ते आत्महत्या के मामलों को रोकने के लिए स्टेट लेवल कमेटी गठित की गई. रविवार को स्टेट लेवल कमेटी के साथ वीसी के जरिए बैठक आयोजित हुई, जिसकी अध्यक्षता जयपुर से प्रिंसिपल सेक्रेट्री, हायर एजुकेशन भवानी सिंह देथा ने की. इस दौरान जिला कलेक्टर ओपी बुनकर ने कुछ दिशा-निर्देश जारी किए. इनमें हर बुधवार को विद्यार्थियों को केवल हाफ-डे स्टडी करवाना, कोचिंग परिसर में फन एक्टिविटी आयोजित करना शामिल हैं.
मोटीवेटर की क्लासेस जरूरी : जिला कलेक्टर ओपी बुनकर का कहना है कि सभी कोचिंग संस्थानों को निर्देश दिए गए हैं कि रोज ऑनलाइन गूगल फॉर्म के जरिए छात्रों का सर्वे किया जाए. कुछ प्रश्नों के जरिए जानकारी ली जाए, जिससे यह पता चल सके कि बच्चा तनाव में है या नहीं. इसके तहत जितने भी डाउटफुल स्टूडेंट आएंगे, उनकी काउंसलिंग करवाई जाएगी. इसके साथ ही कोचिंग स्टूडेंट के लिए मोटीवेटर की क्लासेस भी आयोजित करने के लिए निर्देशित किया है. सभी बच्चों को यह दिखाना मैंडेटरी किया जाए.
कोर्स को किया जाएगा कम : जिला कलेक्टर ने माना है कि लगातार हो रहे सुसाइड के कारण कोटा में अलार्मिंग सिचुएशन बनी हुई है. स्टेट लेवल कमेटी ने यह भी आवश्यकता जताई है कि स्टूडेंट्स के कोर्स को कम किया जाना चाहिए. इसके लिए एक्सपर्ट की कमेटी बनाई जाएगी, जिसके लिए कोचिंग संस्थानों से सब्जेक्ट एक्सपर्ट्स के नाम मांगे गए हैं. नीट और जेईई कोर्स में जो भी गैर जरूरी होगा, उसे हटाया जाएगा. इससे स्टूडेंट्स को भारी भरकम कोर्स से भी राहत मिल सकेगा.
साइकोलॉजिस्ट से काउंसलिंग : इसके बाद उन बच्चों को चयन किया जाएगा, जो रेगुलर टेस्ट नहीं दे रहा, कोचिंग नहीं जा रहा, या फिर लो परफॉर्म कर रहा है. ऐसे सभी बच्चों की साइकोलॉजिस्ट से काउंसलिंग कराने का भी निर्णय लिया गया है. इस बैठक में कोचिंग संस्थानों की गाइड लाइन की पालना की भी समीक्षा की गई है. बैठक में एसपी कोटा शहर शरद चौधरी, एडीएम प्रशासन राजकुमार सिंह, कुल सचिव कृषि विश्वविद्यालय सुनीता डागा, एएसपी शहर भगवत सिंह हिंगड़ सहित प्रशासनिक पुलिस अधिकारी, कोचिंग संस्थानों और हॉस्टल एसोसिएशन के प्रतिनिधि शामिल हुए.