कोटा. बारां, कोटा के अलावा हाड़ौती के अन्य जिलों में अपेक्षा ग्रुप में धोखाधड़ी के मामले में लगातार (Apeksha Group Chit fund scam) गिरफ्तारी हो रही है. इस कंपनी में धोखाधड़ी में सरकारी कर्मचारी भी शामिल हैं. ऐसे में गुरुवार को कोटा जिले के मंडाना में तैनात नायब तहसीलदार ललित किशोर नागर को गिरफ्तार किया है.
एसआईटी के पुलिस उप अधीक्षक अमर सिंह राठौड़ ने बताया कि ललित किशोर नागर अपनी पत्नी विद्या नागर को डायरेक्टर कंपनी में बना कर धोखाधड़ी में जुटा हुआ था. ललित किशोर नागर मूलतः कोटा जिले के ग्रामीण इलाके बपावर के रहने वाला है. हालांकि, वह बीते कई सालों से कोटा के विवेकानंद नगर में रह रहा है. अपेक्षा ग्रुप की जमीन खरीद-फरोख्त के मामले में वह भी शामिल है. राजस्व विभाग के कर्मचारी होने के चलते जमीन खरीद-फरोख्त में मुख्य सलाहकार के तौर पर भी कार्य करता था. इसके साथ ही सरकारी कर्मचारी होने के चलते करोड़ों रुपए लोगों से भी उन्होंने अपेक्षा ग्रुप की कंपनियों में इन्वेस्ट करवाए हैं.
तीसरा सरकारी कर्मचारी है ललित किशोर : अपेक्षा ग्रुप में पहले भी दो सरकारी कर्मचारी गिरफ्तार हो (Naib Tehsildar arrested in Apeksha Group Fraud) चुके हैं. इनमें कानूनगो प्रदीप जैन और शिक्षा विभाग में कनिष्ठ सहायक के तौर पर कार्यरत दिनेश चंद्र गुप्ता भी शामिल हैं. दोनों को बारां जिला कलेक्टर ने निलंबित भी कर दिया है. ऐसे में यह तीसरे सरकारी कर्मचारी की गिरफ्तारी इस मामले में हुई है.
हालांकि, इसमें अन्य अभी सरकारी कार्मिक जुड़े हुए हैं. इस मामले में 38 निदेशक नामजद हैं, लेकिन कुल कर्ताधर्ता करीब 50 हैं. इनमें से 12 निदेशक मुरली मनोहर नामदेव, संजय कश्यप, हरिओम सुमन, उसकी पत्नी आशा सैनी, दुर्गाशंकर मेरोठा, गिर्राज नायक, हिमांशु विजय, योगेश कुलश्रेष्ठ, दिनेश चंद गुप्ता, प्रदीप जैन व सूर्यकांत गुप्ता को गिरफ्तार किया जा चुका है.
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लोगों से इन्वेस्ट करवाए करोड़ों रुपए : एसआईटी के प्रभारी डिप्टी अमर सिंह राठौड़ का कहना है कि अपेक्षा ग्रुप के मामले में करीब 200 करोड़ की धोखाधड़ी हुई है. आरोपी 2012 से ही संभाग में इस तरह से पैसे की रिकवरी करने में जुटे हुए थे. इसके बाद उन्होंने साल 2017 में कई अलग-अलग कंपनियों खोली, इनमें बेकरी, सैलून, ब्यूटी, आरओ प्यूरीफायर, म्यूजिक, को-ऑपरेटिव सोसायटी सहित एक दर्जन कंपनियां शामिल हैं.
इनमें सरकारी कर्मचारियों से लेकर अन्य कई लोगों के साथ इन्वेस्ट करवाया और उनको दुगना धन वापस लौटाने का वादा करते हुए धोखाधड़ी की है. अधिकांश पैसा प्रॉपर्टी में इन्वेस्ट किया, लेकिन इसमें नुकसान होने के बाद लोगों का पैसा नहीं चुकाया गया. इसमें करीब 3800 से ज्यादा लोगों ने 100 मुकदमें अलग-अलग थानों में दर्ज करवाए हैं. इनको एकजुट कर स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम कोटा शहर एसपी केसर सिंह शेखावत ने गठित की है.