कोटा. रामगंजमंडी उपखण्ड में चेचट के इमाम हुसैन की शहादत पर मुस्लिम समाज के लोगों ने मातमी धुन पर ताजिया निकाली. चेचट कस्बे में चार प्रमुख ताजिया और छोटे पांच ताजिया निकाले. तिरंगे के रूप में ताजिया निकालकर देश और दुनिया को शान्ति का पैगाम दिया है. यहां पिन्जारों की मस्जिद से मोहर्रम रवाना हुई. यहां से वह बोहरा मोहल्ला, बारी का चौक, बस स्टैंड से होता हुआ थाना चौक पहुंचा.
मोहर्रम के साथ मुस्लिम समाज के युवक हैरतअंगेज करतब तथा लॉग लगाकर गुजरे. मोहर्रम पर सभी समाज के लोगों ने नारियल, प्रसाद चढ़ाये. कई ने मन्नत के सेहरे भी चढ़ाएं. जुलूस में भीड़ को देखते हुए पुलिस सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए थे.
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उप तहसीलदार राम सिंह, चेचट थाना अधिकारी अब्दुल हकीम भी जाब्ते के साथ मौजूद रहे. वही ताजियों को देर रात को करबला के लिए रवाना किया. खैराबाद इस साल का मोहर्रम हिंदू मुस्लिम की भाईचारा की मिसाल बना, कौम के लोगों ने सरपंच और सरपंच पति के माला तथा सर्राफा वेट किया और सरपंच ने मोहर्रम कमेटी के सभी सदस्यों को माला पहना के स्वागत किया.
सरपंच प्रतिनिधि हेमेंद्र भैया सलीम काका ने मोहर्रम के कंधा लगाकर भाईचारे की मिसाल पेश कि इस मौके पर हुकम चंद जी गुरु हनुमान कमेटी के बाल चंद जी मीणा, सदस्य रामू जी गौतम, मुक्तिधाम कमेटी के अध्यक्ष गिर्राज जी शर्मा, सागर महाराज आजाद टेलर, मोहसिन कुरेशी, अकील मेंबर अनवर चाचा और कई हिंदू-मुस्लिम ताजिए के साथ चल रहे थे.
चाकसू में मोहर्रम के मौके पर कस्बे में मातमी धुनों के साथ निकाली ताजिया...
वहीं, जयपुर के चाकसू में भी मोहर्रम के मौके पर मंगलवार को ताजिए का जुलूस निकाला गया. मातमी धुनों के साथ निकाले जुलूस में पट्टेबाजों ने हैरतअंगेज करतब दिखाए. इसे देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ी.
चाकसू में पैगम्बर हजरत मोहम्मद के नवासे हजरत इमाम हुसैन की शहादत की याद में कस्बे में मातमी धुनों के साथ गमी के माहौल में मुस्लिम समाज ने ताजिया निकाली गयी.
अकीदतमन्दों ने जगह-जगह ठंडे पानी की छबीले और शर्बत लगा रक्खे थी. मुस्लिम नोजवान वेलफेयर कमेटी अध्यक्ष आमीन मोहम्मद और सचिव इरफान खत्री ने बताया कि कस्बे के मोहल्ला करार खानियांन, देशवालियान, कुरैशियान, दलालों का, नागोरियान, लुहारों का मोहल्ला सहित 7 ताजिए निकाले गए. इससे पहले बीती रात को कत्ल की रात मनाई गई. देर रात विभिन्न इलाकों की मस्जिद और इमामबडों से ढोलताशों की मातमी धुनों के बीच निकले ताजिए कई मोहल्लों से गुजरते हुए तहसील चौराहे पर पहुंचे.
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जहां पट्ठेबाजों ने हैरतअंगेज करतब और तलवारबाजी का प्रदर्शन किया. जिन्हें देखकर लोगो ने दांतो तले अंगुली दबा ली. वहीं अकीदतमंदों ने ताजियों की जियारत कर मन्नतें मांगी और सहरे और निशान चढ़ाए. इमामबाड़े से रवानगी लेकर एक-एक कर सभी ताजिए पहले तहसील चौराहा पहुंचे. इसके बाद मुख्य बाजार, सोलह दुकान होते हुए देर शाम कर्बला पहुँचे. जहां उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया गया.