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आरक्षित वर्ग से विवाह करने पर सभी महिलाओं को मिले आरक्षण : विधायक प्रताप सिंह - राजस्थान न्यूज

छबड़ा से बीजेपी के विधायक और पूर्व मंत्री प्रताप सिंह सिंघवी ने आरक्षित वर्ग से विवाह करने पर महिलाओं को आरक्षण का लाभ देने की मांग की है. इसके अलावा उन्होंने प्रदेश की गहलोत सरकार पर महिलाओं को नई भर्तियों से वंचित रखने के आरोप लगाए हैं.

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विधायक प्रताप सिंघवी ने कांग्रेस पर कसा तंज
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Published : Jul 1, 2020, 1:50 AM IST

कोटा. संभाग के छबड़ा से बीजेपी के विधायक और पूर्व मंत्री प्रताप सिंह सिंघवी ने आरक्षित वर्ग से विवाह करने पर महिलाओं को आरक्षण का लाभ देने की मांग की है. साथ ही सिंघवी ने प्रदेश सरकार पर महिलाओं को नई भर्तियों से वंचित रखने के आरोप लगाए हैं.

विधायक प्रताप सिंघवी ने कांग्रेस पर कसा तंज

सिंघवी ने कहा कि, केवल आदिवासी क्षेत्रों में ही राज्य सरकार ने ये लाभ देने की व्यवस्था की है, जबकि शेष राजस्थान की महिलाऐं इस लाभ से वंचित हैं. यहां तक की कई ऐसी महिलाएं जिन्होंने राज्य सरकार की भर्ती परीक्षा पास कर ली और नियुक्ति ले ली है, उनकी भी नियुक्ति रद्द की जा रही है.

यह भी पढ़ेंः झुंझुनू: जसरापुर-खरखड़ा के पास भीषण सड़क हादसा, दूल्हे के पिता सहित तीन की मौत

भाजपा शासन में रिजर्व महिलाओं को लाभ मिलता था. वहीं, कांग्रेस सरकार ने 21 दिसंबर 2019 को आदेश निकालकर इसको टीएसपी क्षेत्र तक सीमित कर दिया. ये महिलाओं के साथ अन्याय है. राजस्थान के करीब 25 जिले इससे वंचित हो गए हैं.

इसके अलावा उन्होंने कहा कि, ओबीसी, एससी और एसटी जनजाति की महिलाओं का आरक्षण समाप्त कर इस सरकार ने बहुत बड़ा कुठाराघात किया है. जबकि दूसरे प्रदेशों में ये नियम अब भी लागू है. राजस्थान की आरक्षित महिला अन्य प्रदेश में ब्याह कर जाती है तो उसे वहां उतना ही लाभ मिलता है, जितना पुरुष को मिलता है. लेकिन राजस्थान में दूसरे प्रांत से आने वाली महिलाएं इस लाभ से वंचित रह जाती हैं.

कोटा. संभाग के छबड़ा से बीजेपी के विधायक और पूर्व मंत्री प्रताप सिंह सिंघवी ने आरक्षित वर्ग से विवाह करने पर महिलाओं को आरक्षण का लाभ देने की मांग की है. साथ ही सिंघवी ने प्रदेश सरकार पर महिलाओं को नई भर्तियों से वंचित रखने के आरोप लगाए हैं.

विधायक प्रताप सिंघवी ने कांग्रेस पर कसा तंज

सिंघवी ने कहा कि, केवल आदिवासी क्षेत्रों में ही राज्य सरकार ने ये लाभ देने की व्यवस्था की है, जबकि शेष राजस्थान की महिलाऐं इस लाभ से वंचित हैं. यहां तक की कई ऐसी महिलाएं जिन्होंने राज्य सरकार की भर्ती परीक्षा पास कर ली और नियुक्ति ले ली है, उनकी भी नियुक्ति रद्द की जा रही है.

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भाजपा शासन में रिजर्व महिलाओं को लाभ मिलता था. वहीं, कांग्रेस सरकार ने 21 दिसंबर 2019 को आदेश निकालकर इसको टीएसपी क्षेत्र तक सीमित कर दिया. ये महिलाओं के साथ अन्याय है. राजस्थान के करीब 25 जिले इससे वंचित हो गए हैं.

इसके अलावा उन्होंने कहा कि, ओबीसी, एससी और एसटी जनजाति की महिलाओं का आरक्षण समाप्त कर इस सरकार ने बहुत बड़ा कुठाराघात किया है. जबकि दूसरे प्रदेशों में ये नियम अब भी लागू है. राजस्थान की आरक्षित महिला अन्य प्रदेश में ब्याह कर जाती है तो उसे वहां उतना ही लाभ मिलता है, जितना पुरुष को मिलता है. लेकिन राजस्थान में दूसरे प्रांत से आने वाली महिलाएं इस लाभ से वंचित रह जाती हैं.

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