कोटा. जेके लोन अस्पताल में 2 दिन में 10 बच्चों की मौत के बाद मुख्यमंत्री के जांच के निर्देश पर गठित उच्च स्तरीय कमेटी ने शुक्रवार को कोटा में जेके लोन अस्पताल का निरीक्षण किया. कमेटी के साथ आए मेडिकल एजुकेशन के शासन सचिव वैभव गालरिया ने भी जेके लोन अस्पताल में ही जिला प्रशासन और मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के साथ 2 घंटे से भी ज्यादा लंबी मीटिंग ली. जिसमें अधिकारियों को तुरंत व्यवस्थाओं में सुधार के लिए कई निर्देश जारी किए गए हैं.
मेडिकल एजुकेशन के शासन सचिव वैभव गालरिया ने मीडिया को बताया कि जांच के लिए मेडिकल एजुकेशन सचिवालय में एसएमएस अस्पताल के चिकित्सकों की गठित 3 सदस्य कमेटी अपनी 48 घंटे में जांच रिपोर्ट सबमिट करेगी. उसके बाद ही जो भी दोषी होंगे उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
उन्होंने कहा कि डिटेल रिपोर्ट के आधार पर ही व्यवस्थाओं में भी बदलाव किया जाएगा. प्रारंभिक रूप से उपकरण खराब होने की बात सामने आई थी, इसमें जो भी उपकरण खराब है. उनकी एएमसी और सीएमसी तुरंत करवाई जाएगी. इसके निर्देश जारी कर दिए गए हैं. इसकी राशि राजस्थान मेडिकल रिलीफ सोसायटी के फंड से दी जाएगी. जिसमें भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना का पैसा आता है.
साथ ही उन्होंने कहा कि एनआईसी में ऑक्सीजन लाइन की जगह सिलेंडर से सप्लाई हो रही है. ऐसे में अभी इस व्यवस्था में बदलाव कर ऑक्सीजन लाइन लगवाई जाएगी. यह कार्य भी तुरंत करने के निर्देश दे दिए गए हैं. इंफेक्शन मॉनिटरिंग के सैंपल इन अब हर महीने करने के निर्देश दिए हैं. एसएमएस की तरह यह पैटर्न लागू किया गया है, जो इंफेक्शन की मॉनिटरिंग होती है. उसमें भी क्वालिटी रिपोर्ट को इंप्रूव करने के लिए कहा गया है.
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साथ ही डिस्चार्ज होने वाले मरीजों के बेड और वार्मर को फ्यूमिगेशन करवाने को कहा गया है. पीडियाट्रिक एचओडी को नए अस्पताल की जगह ज्यादा टाइम जेकेलोन में देने के निर्देश दिए हैं. वहीं नर्सिंग स्टाफ की भी कमी की बात सामने आई थी, जिसकी कमी को भी पूरा किया जाएगा.
इस दौरान जिला कलेक्टर ओमप्रकाश कसेरा, मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. विजय सरदाना, एमबीएस अधीक्षक डॉ. नवीन सक्सेना, नए अस्पताल के अधीक्षक डॉ. सीएस सुशील, पीडियाट्रिक एचओडी डॉ. एएल बैरवा सहित कई चिकित्सक मौजूद थे.