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खुशखबरी: इस साल MBBS में रिकॉर्ड 8000 सीटें बढ़ी, सरकारी मेडिकल कॉलेजों के कटऑफ में गिरावट की उम्मीद

इस साल देश में एक रिकॉर्ड मेडिकल सीटों की बढ़ोतरी को लेकर बना है. जिसमें 44 मेडिकल कॉलेजों में 8090 मेडिकल सीटें अब तक बढ़ चुकी है. जिन पर मेडिकल काउंसलिंग कमेटी और स्टेट काउंसलिंग बोर्ड के जरिए इन नई सीटों पर भी प्रवेश मिलेगा

इस साल MBBS में 8000 सीटें बढ़ी
इस साल MBBS में 8000 सीटें बढ़ी
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Published : May 15, 2023, 10:34 AM IST

Updated : May 15, 2023, 3:44 PM IST

कोटा. देश की सबसे बड़ी मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट यूजी 2023 का आयोजन हो चुका है. इस वर्ष की परीक्षा में रजिस्टर्ड 20 लाख 87 हजार 499 विद्यार्थी थे. जिनमें से करीब 97 फीसदी यानी 20 लाख 25 हजार विद्यार्थियों ने परीक्षा दी है. अब इन सभी को रिकॉर्डेड रिस्पांस शीट, आंसर की और प्रश्न पत्रों के जारी होने का इंतजार है. इनके जारी होने के बाद आंसर की चैलेंज और बाद में परीक्षा परिणाम जारी होगा. एमबीबीएस में प्रवेश लेने के लिए विद्यार्थी अभी से अपने प्रश्न पत्र के आधार पर ही अंको का जोड़ घटाव करने में जुटे हैं.

वहीं दूसरी तरफ नेशनल मेडिकल कमीशन से लगातार मेडिकल कॉलेजों को लेटर ऑफ परमिशन (एलोपी) जारी हो रही है. इन एलोपी के जरिए मेडिकल कॉलेजों में अगले सत्र 2023-24 के लिए अनुमति जारी हो रही है. कोटा के निजी कोचिंग संस्थान के कॅरियर काउंसलिंग एक्सपर्ट पारिजात मिश्रा ने बताया कि इन आंकड़ों के विश्लेषण करने से पता चलता है कि इस साल देश में मेडिकल सीटों की बढ़ोतरी का एक रिकॉर्ड बना है. जिसमें 44 मेडिकल कॉलेजों में 8090 मेडिकल सीटें अब तक बढ़ चुकी है. जिन पर भी मेडिकल काउंसलिंग कमेटी और स्टेट काउंसलिंग बोर्ड के जरिए प्रवेश मिलेगा. ऐसे में वर्तमान में एमबीबीएस सीटों की संख्या बढ़कर 1,05,383 व मेडिकल कॉलेज भी बढ़कर 689 हो गए हैं.

107000 को छू सकता है आंकड़ा : विद्यार्थियों को नए सरकारी मेडिकल कॉलेज खुलने से खुशी भी है. इनमें तेलंगाना में छह, राजस्थान में तीन व जम्मू कश्मीर में दो मेडिकल कॉलेजों को प्रवेश की स्वीकृति मिली है. वहीं आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, उड़ीसा, नागालैंड व असम में एक -एक मेडिकल कॉलेज को एलोपी मिली है. पारिजात मिश्रा को उम्मीद है कि दो से ढाई हजार सीटें अभी और बढ़ सकती है. ऐसे में ये आंकड़ा 1,07,000 को छू लेगा. उत्तर प्रदेश में अभी 13 मेडिकल कॉलेजों के प्रस्ताव लंबित है. इन पर काम चल रहा है और इन्हें एलोपी इसी साल मिल सकती है. इसी तरह से मध्यप्रदेश में भी कुछ मेडिकल कॉलेजों को स्वीकृति मिल सकती है.

44 मेडिकल कॉलेजों में अब तक बढ़ी 8090 एमबीबीएस सीटें : बीते साल 2022 में जहां पर 645 मेडिकल कॉलेजों की 97,293 सीटों पर प्रवेश दिया गया था. नेशनल मेडिकल कमिशन की वेबसाइट के अनुसार अभी तक मेडिकल कॉलेजों की संख्या 689 और एमबीबीएस सीटों की संख्या 1,05,383 हो गई है. इनमें लगातार इजाफा हो रहा है. अभी तक 44 नए मेडिकल कॉलेज में 8090 एमबीबीएस सीटें बढ़ चुकी है ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि यह आंकड़ा 1,07,000 तक पहुंच सकता है.

बीते साल मेडिकल सीटें बढ़ी थी 5900 : मेडिकल काउंसलिंग कमेटी और स्टेट काउंसलिंग बोर्ड में साल 2021 में करीब 610 मेडिकल कॉलेजों की 91,100 एमबीबीएस सीटों पर प्रवेश दिया था. इसके बाद लगातार सीटों का बढ़ने का क्रम जारी था साथ ही नीट यूजी 2022 की काउंसलिंग तक मेडिकल कॉलेज बढ़कर 645 हो गए. जिसमें एमबीबीएस की 97293 सीटें थी.

सबसे ज्यादा तेलंगाना में छह, फिर राजस्थान के 3 मेडिकल कॉलेजों को मिली : नए मेडिकल कॉलेजों में आंध्र प्रदेश के एलुरु, असम के नलबाड़ी, जम्मू कश्मीर के हंदवारा व उधमपुर, मध्यप्रदेश के सतना, महाराष्ट्र के रत्नागिरी, उड़ीसा के भवानीपटना, राजस्थान में अलवर, बूंदी व हनुमानगढ़, तेलंगाना के जनगांव, जयाशंकर भूपलपल्ली, कमारेड्डी, खम्मम, कोमाराम भीम असीफाबाद व विकाराबाद और नागालैंड के कोहिमा में नागालैंड इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च शामिल है. इन मेडिकल कॉलेजों को अप्रैल के अंतिम दिनों या फिर मई के पहले दूसरे सप्ताह में एलोपी जारी हुई है. ये सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं.

कम कटऑफ वाले स्टूडेंट्स को भी मिलेगी एमबीबीएस सीट : जानकारों का मानना है कि नए मेडिकल कॉलेज खुलने से नीट यूजी 2023 के ऑल इंडिया रैंक में सरकारी मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश की कट ऑफ थोड़ी गिर सकती है. ऐसे में इस बार भी जब लगातार मेडिकल कॉलेज खुल रहे हैं इनमें सरकारी मेडिकल कॉलेज की संख्या ज्यादा है. इसीलिए कटऑफ के नीचे गिरने की उम्मीद है. हालांकि एक्सपर्ट ये भी मानते हैं कि अभ्यर्थियों की संख्या बढ़ने से ये अंतर ज्यादा नहीं होगा.

कोटा. देश की सबसे बड़ी मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट यूजी 2023 का आयोजन हो चुका है. इस वर्ष की परीक्षा में रजिस्टर्ड 20 लाख 87 हजार 499 विद्यार्थी थे. जिनमें से करीब 97 फीसदी यानी 20 लाख 25 हजार विद्यार्थियों ने परीक्षा दी है. अब इन सभी को रिकॉर्डेड रिस्पांस शीट, आंसर की और प्रश्न पत्रों के जारी होने का इंतजार है. इनके जारी होने के बाद आंसर की चैलेंज और बाद में परीक्षा परिणाम जारी होगा. एमबीबीएस में प्रवेश लेने के लिए विद्यार्थी अभी से अपने प्रश्न पत्र के आधार पर ही अंको का जोड़ घटाव करने में जुटे हैं.

वहीं दूसरी तरफ नेशनल मेडिकल कमीशन से लगातार मेडिकल कॉलेजों को लेटर ऑफ परमिशन (एलोपी) जारी हो रही है. इन एलोपी के जरिए मेडिकल कॉलेजों में अगले सत्र 2023-24 के लिए अनुमति जारी हो रही है. कोटा के निजी कोचिंग संस्थान के कॅरियर काउंसलिंग एक्सपर्ट पारिजात मिश्रा ने बताया कि इन आंकड़ों के विश्लेषण करने से पता चलता है कि इस साल देश में मेडिकल सीटों की बढ़ोतरी का एक रिकॉर्ड बना है. जिसमें 44 मेडिकल कॉलेजों में 8090 मेडिकल सीटें अब तक बढ़ चुकी है. जिन पर भी मेडिकल काउंसलिंग कमेटी और स्टेट काउंसलिंग बोर्ड के जरिए प्रवेश मिलेगा. ऐसे में वर्तमान में एमबीबीएस सीटों की संख्या बढ़कर 1,05,383 व मेडिकल कॉलेज भी बढ़कर 689 हो गए हैं.

107000 को छू सकता है आंकड़ा : विद्यार्थियों को नए सरकारी मेडिकल कॉलेज खुलने से खुशी भी है. इनमें तेलंगाना में छह, राजस्थान में तीन व जम्मू कश्मीर में दो मेडिकल कॉलेजों को प्रवेश की स्वीकृति मिली है. वहीं आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, उड़ीसा, नागालैंड व असम में एक -एक मेडिकल कॉलेज को एलोपी मिली है. पारिजात मिश्रा को उम्मीद है कि दो से ढाई हजार सीटें अभी और बढ़ सकती है. ऐसे में ये आंकड़ा 1,07,000 को छू लेगा. उत्तर प्रदेश में अभी 13 मेडिकल कॉलेजों के प्रस्ताव लंबित है. इन पर काम चल रहा है और इन्हें एलोपी इसी साल मिल सकती है. इसी तरह से मध्यप्रदेश में भी कुछ मेडिकल कॉलेजों को स्वीकृति मिल सकती है.

44 मेडिकल कॉलेजों में अब तक बढ़ी 8090 एमबीबीएस सीटें : बीते साल 2022 में जहां पर 645 मेडिकल कॉलेजों की 97,293 सीटों पर प्रवेश दिया गया था. नेशनल मेडिकल कमिशन की वेबसाइट के अनुसार अभी तक मेडिकल कॉलेजों की संख्या 689 और एमबीबीएस सीटों की संख्या 1,05,383 हो गई है. इनमें लगातार इजाफा हो रहा है. अभी तक 44 नए मेडिकल कॉलेज में 8090 एमबीबीएस सीटें बढ़ चुकी है ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि यह आंकड़ा 1,07,000 तक पहुंच सकता है.

बीते साल मेडिकल सीटें बढ़ी थी 5900 : मेडिकल काउंसलिंग कमेटी और स्टेट काउंसलिंग बोर्ड में साल 2021 में करीब 610 मेडिकल कॉलेजों की 91,100 एमबीबीएस सीटों पर प्रवेश दिया था. इसके बाद लगातार सीटों का बढ़ने का क्रम जारी था साथ ही नीट यूजी 2022 की काउंसलिंग तक मेडिकल कॉलेज बढ़कर 645 हो गए. जिसमें एमबीबीएस की 97293 सीटें थी.

सबसे ज्यादा तेलंगाना में छह, फिर राजस्थान के 3 मेडिकल कॉलेजों को मिली : नए मेडिकल कॉलेजों में आंध्र प्रदेश के एलुरु, असम के नलबाड़ी, जम्मू कश्मीर के हंदवारा व उधमपुर, मध्यप्रदेश के सतना, महाराष्ट्र के रत्नागिरी, उड़ीसा के भवानीपटना, राजस्थान में अलवर, बूंदी व हनुमानगढ़, तेलंगाना के जनगांव, जयाशंकर भूपलपल्ली, कमारेड्डी, खम्मम, कोमाराम भीम असीफाबाद व विकाराबाद और नागालैंड के कोहिमा में नागालैंड इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च शामिल है. इन मेडिकल कॉलेजों को अप्रैल के अंतिम दिनों या फिर मई के पहले दूसरे सप्ताह में एलोपी जारी हुई है. ये सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं.

कम कटऑफ वाले स्टूडेंट्स को भी मिलेगी एमबीबीएस सीट : जानकारों का मानना है कि नए मेडिकल कॉलेज खुलने से नीट यूजी 2023 के ऑल इंडिया रैंक में सरकारी मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश की कट ऑफ थोड़ी गिर सकती है. ऐसे में इस बार भी जब लगातार मेडिकल कॉलेज खुल रहे हैं इनमें सरकारी मेडिकल कॉलेज की संख्या ज्यादा है. इसीलिए कटऑफ के नीचे गिरने की उम्मीद है. हालांकि एक्सपर्ट ये भी मानते हैं कि अभ्यर्थियों की संख्या बढ़ने से ये अंतर ज्यादा नहीं होगा.

Last Updated : May 15, 2023, 3:44 PM IST
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