कोटा. मेडिकल एंट्रेंस परीक्षा की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों के लिए खुशखबरी है. देश में मेडिकल की सीटें बढ़ कर एक लाख से ज्यादा हो गई है. नेशनल मेडिकल कमीशन के वेबसाइट पर अभी भी 654 मेडिकल कॉलेज दिखाए गए हैं. जिनके अनुसार एमबीबीएस की 99763 सीटें बताई गई हैं. हालांकि नेशनल मेडिकल कमिशन में हाल ही में छह मेडिकल कॉलेजों को लेटर ऑफ परमिशन यानी एलोपी जारी की गई है. यह छह मेडिकल कॉलेज सरकारी हैं, जिनमें दो असम और चार आंध्रप्रदेश के हैं. इनके अनुसार देश ने एक लाख मेडिकल सीटों के बैंचमार्क को क्रॉस कर दिया है और इतिहास बना लिया है. ऐसे में कुल 600 नई सीट बढ़ने के साथ ही अब देश की मेडिकल सीटों की संख्या बढ़कर एक लाख चार सौ के आसपास हो गई है.
कोटा के निजी कोचिंग संस्थान के करियर काउंसलिंग एक्सपर्ट पारिजात मिश्रा ने बताया कि हाल ही में भारत सरकार की नेशनल मेडिकल कमिशन में असम के कोकराझार और नौगांवा मेडिकल कॉलेज को हरी झंडी दे दी है. दोनों में 100 सीटें हैं. इनके लिए लेटर परमिशन जारी कर दिया गया है. इसके अलावा आंध्र प्रदेश के विजयानगरम, नांदयाल, राजमहेंद्रवरम व मछलीपट्टनम को भी लेटर ऑफ परमिशन जारी हुए हैं. इस तरह से देश की मेडिकल सीटें बढ़ कर एक लाख से ऊपर पहुंच गई है. एक-दो दिनों में एनएमसी की वेबसाइट पर भी यह मेडिकल कॉलेज शामिल हो जाएंगे कि देश के मेडिकल कॉलेजों की संख्या भी बढ़कर 660 हो गई है.
यह कॉलेज हैं कतार में, जल्द मिलेगी एलोपीः पारिजात मिश्रा ने बताया कि एलोपी जारी होने का मतलब है कि इस पार्टिकुलर सेक्शन में एमबीबीएस सीट पर एडमिशन का प्रावधान या अधिकार मिल जाता है. मिश्रा ने यह भी बताया कि मध्य प्रदेश के सतना और असम के नलबाड़ी मेडिकल कॉलेज भी पूरी तरह से तैयार हैं. इन्हें जल्द ही शुरू किया जा सकता है. ऐसे में इनके भी लेटर ऑफ परमिशन नीट यूजी 2023 एग्जाम के पहले जारी हो जाएंगे. तमिलनाडु, कर्नाटका व राजस्थान में भी नए कॉलेज शुरू होंगे.
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350 सरकारी और 310 प्राइवेट कॉलेजः एनएमसी के आंकड़ों के अनुसार वर्तमान में 350 सरकारी और गवर्नमेंट सोसायटी के मेडिकल कॉलेजों में 54 हजार एमबीबीएस सीटें हैं. इसी तरह से 310 प्राइवेट, डीम्ड, ट्रस्ट और सोसायटी के मेडिकल कॉलेज में 46 हजार के आसपास मेडिकल सीटें हैं. बीते समय में कई सारे प्राइवेट और ट्रस्ट के मेडिकल कॉलेज सरकारी हुए हैं. इसी के चलते सरकारी मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़ रही है. दूसरी तरफ केंद्र सरकार की घोषणा के साथ हर जिले में मेडिकल कॉलेज खोला जा रहा है, इसके चलते भी लगातार मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़ रही है.
बीते साल बढ़ी थी 5900, इस बार भी इतनी ही उम्मीदः नीट यूजी 2021 के तहत करीब 91100 सीटों पर प्रवेश दिया गया था. नीट यूजी 2022 में 97200 सीटों पर प्रवेश मिला था. इसके बाद 5900 एमबीबीएस सीट 2022 में आयोजित हुई नीट परीक्षा तक बढ़ गई थी. जिसके बाद 2022 में मेडिकल काउंसलिंग कमिटी की काउंसलिंग के जरिए 645 मेडिकल कॉलेजों में 97293 सीटों पर प्रवेश मिला है.
इसके बाद भी यह सीटें बढ़ रही हैं और अभी 100400 के आसपास पहुंच गई हैं. ऐसे में नीट यूजी 2022 के बाद अब तक करीब 3000 सीटें बढ़ चुकी हैं. एक्सपर्ट पारिजात मिश्रा का मानना है कि बीते साल जहां लगातार नए मेडिकल कॉलेज खुलने से सीटें बढ़ रही थी, इस बार भी यह संख्या बढ़कर 103000 को क्रॉस कर जाएंगी.
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कम कटऑफ वाले स्टूडेंट्स को भी मिलेगी एमबीबीएस सीटः एक्सपर्ट्स का मानना है कि जब भी मेडिकल कॉलेज नए खुलते हैं और सीटें बढ़ने पर कटऑफ नीचे गिर जाती है. ऐसे में इस बार भी बीते साल से कम रैंक वाले विद्यार्थियों को मेडिकल कॉलेज में प्रवेश मिल जाएगा. इससे यह फायदा होगा कि ज्यादा बच्चों का एमबीबीएस की तरफ रुझान होगा. एक्सपर्ट मिश्रा ने बताया कि जिस तरह से एमबीबीएस सीटों की संख्या बढ़ रही है, उसके हिसाब से इस बार नीट यूजी के लिए रजिस्ट्रेशन की संख्या भी बढ़ सकती है. बीते साल नीट यूजी 2022 में 18 लाख 74 हजार विद्यार्थियों ने रजिस्ट्रेशन करवाया था, इस बार यह संख्या बढ़कर 20 लाख से ज्यादा होने की उम्मीद है.