रामगंजमंडी (कोटा). 20 साल पहले मां भारती के वीर सपूतों ने कारगिल युद्ध में पाकिस्तान को परास्त कर तिरंगा लहराया था. जिसकी विजय शौर्यगाथा पूरे भारत में अविस्मरणीय रही है. ऐसे ही रामगंजमंडी के पूर्व सैनिक ओमप्रकाश मेघवाल, जो कारगिल के युद्ध का हिस्सा रहे. वहीं सेवानिवृत्त होने के बाद सभी को मां भारती की सेवा करने और भारतीय सेना में जाने का संदेश दे रहे हैं.
शहर के पन्नलाल चौराहे पर पूर्व सैनिक प्रकोष्ठ के तत्वाधान में कोटा संभाग अध्यक्ष फौजी ओमप्रकाश मेघवाल के नेतृत्व में कारगिल विजय दिवस स्वतंत्रता सेनानी शहीद पन्नालाल यादव की प्रतिमा कर माला पहना कर मनाया गया. वहीं साथ ही सभी से कारगिल युद्ध में शहीद हुए मां भारती के सपूतों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई. वहीं कारगिल योद्धा फौजी ओमप्रकाश मेघवाल ने कारगिल के समय उनके साथ हुए अनुभवों को साझा किया.
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उन्होंने बताया कि एक फौजी अपने अफसर के एक आदेश पर अपना सर्वस्व न्योछावर कर देता है. कारगिल युद्ध में अलग-अलग टोलियां बना कर हवाई जहाज से घाटी में प्रवेश किया था. हर 1 मिनिट में हमारे इधर से 1 गोला दागा जा रहा था. करीबन 2000 से ज्यादा पाकिस्तान सैनिकों को मार कर कारगिल पर तिरंगा लहराया गया.
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वहीं कारगिल दिवस पर पालिकाध्यक्षा हेमलता शर्मा ने बताया कि कारगिल युद्ध के समय मैं जम्मू कश्मीर में ही थी. फौजियों की गाड़िया बड़ी तादात में कारगिल की ओर जा रही थीं. सभी जवानों के चेहरे पर विजय तेज दिख रहा था. तब हमने वहां भारत माता की जय नारा लगा कर उनका उत्साह वर्धन किया था.