ETV Bharat / state

जन्माष्टमी के पर्व पर बांके बिहारी मंदिर में लगी श्रद्धालुओं की लंबी कतार - bake bihari temple news

शहर में श्री कृष्ण जन्माष्टमी की धूम रही.कृष्ण लीलाओं की झांकिया सजाई गई. रंगबाड़ी स्थित बांके बिहारी मंदिर में श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगी. प्रभु के भजनों पर मंदिर प्रांगण में श्रद्धालु झूम उठे.

रंगबाड़ी कोटा न्यूज, कोटा न्यूज, kota news, rangbadi kota news
author img

By

Published : Aug 24, 2019, 3:54 PM IST

कोटा. जिले के रंगबाड़ी स्थित बांके बिहारी मंदिर में बांके बिहारी का जन्मोत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया गया. सुबह मंगला आरती के पश्चात ही दर्शनार्थियों के लिए जैसे ही मंदिर को खोला गया वैसे ही श्रद्धालुओ की लंबी कतारें लग गई. मंदिर प्रांगण में भजनों पर श्रद्धालु नाचते हुए बांके बिहारी के दर्शन करते रहे.

जन्माष्टमी के पर्व पर बांके बिहारी मंदिर में लगी श्रद्धालुओं की लंबी कतार

मंदिर के मुख्य पुजारी 99 वर्षीय राधे बाबा ने जानकारी देते हुए बताया कि मंदिर करीब10 साल पुराना है. जिस जमीन पर मंदिर बना हुआ है, वह जगह पहले बेकार थी. गहरी अवैध खदाने होने से लोगों ने कचरा पात्र बना दिया. बाद में जैसे ही वृंदावन से दंडवत परिक्रमा लगा कर यहां आया तो इस जगह बांके बिहारी का मंदिर बनाने का विचार आया. सभी ने सहयोग दिया और आज स्वयं बांके बिहारी यहां विराजमान है.

पढ़ें- आवास, वाहन अन्य खुदरा ऋण होंगे सस्ते : निर्मला सीतारमण

वंदावन की तरह ही यहां भी पर्दा डालने की प्रथा है. मंदिर में सुबह मंगला आरती,दोपहर शयन आरती, संध्या आरती ओर रात्री को शयन आरती के बाद मंदिर बंद हो जाता है. शहर के प्रमुख मंदिरों में दर्शनार्थियों की भीड़ देखने को मिल रही है. बांके बिहारी के लिए देशी घी से निर्मित भोग भी मंदिर में ही बना कर लगाया जाता है.

कोटा. जिले के रंगबाड़ी स्थित बांके बिहारी मंदिर में बांके बिहारी का जन्मोत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया गया. सुबह मंगला आरती के पश्चात ही दर्शनार्थियों के लिए जैसे ही मंदिर को खोला गया वैसे ही श्रद्धालुओ की लंबी कतारें लग गई. मंदिर प्रांगण में भजनों पर श्रद्धालु नाचते हुए बांके बिहारी के दर्शन करते रहे.

जन्माष्टमी के पर्व पर बांके बिहारी मंदिर में लगी श्रद्धालुओं की लंबी कतार

मंदिर के मुख्य पुजारी 99 वर्षीय राधे बाबा ने जानकारी देते हुए बताया कि मंदिर करीब10 साल पुराना है. जिस जमीन पर मंदिर बना हुआ है, वह जगह पहले बेकार थी. गहरी अवैध खदाने होने से लोगों ने कचरा पात्र बना दिया. बाद में जैसे ही वृंदावन से दंडवत परिक्रमा लगा कर यहां आया तो इस जगह बांके बिहारी का मंदिर बनाने का विचार आया. सभी ने सहयोग दिया और आज स्वयं बांके बिहारी यहां विराजमान है.

पढ़ें- आवास, वाहन अन्य खुदरा ऋण होंगे सस्ते : निर्मला सीतारमण

वंदावन की तरह ही यहां भी पर्दा डालने की प्रथा है. मंदिर में सुबह मंगला आरती,दोपहर शयन आरती, संध्या आरती ओर रात्री को शयन आरती के बाद मंदिर बंद हो जाता है. शहर के प्रमुख मंदिरों में दर्शनार्थियों की भीड़ देखने को मिल रही है. बांके बिहारी के लिए देशी घी से निर्मित भोग भी मंदिर में ही बना कर लगाया जाता है.

Intro:शहर में श्री कृष्ण जन्माष्टमी की धूम रही।
क्षेत्र में कृष्ण लीलाओं की झांकिया सजाई गई।
रंगबाड़ी स्थित बांके बिहारी मंदिर में श्रद्धालुओं की लगी लंबी कतार।
भजनों पर मंदिर प्रांगण में झूम उठे श्रद्धालु
कोटा के रंगबाड़ी स्थित बाँके बिहारी मंदिर में बाँके बिहारी का जन्मोहत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया सुबह मंगला आरती के पश्चात ही दर्शनार्थियों के लिए मंदिर को खोल दिया।वही श्रद्धालुओ की लंबी कतारें लग गई।मंदिर प्रांगण में भजनों पर श्रद्धालु नाचते हुए बाँके बिहारी के दर्शन करते रहे।
मंदिर के मुख्य पुजारी 99 वर्षीय राधे बाबा ने Body:जानकारी देते हुए बताया कि मंदिर करीब10 साल पुराना है।जिस जमीन पर मंदिर बना हुआ है।वह जगह पहले बेकार थी।गहरी अवैध खदाने होने से लोगों ने कचरा पात्र बना दिया बाद में जैसे ही वंदावन से दंडवत परिक्रमा लगा कर यहां आया तो इस जगह बाँके बिहारी का मंदिर बनाने का विचार आया।सभी ने सहयोग दिया और आज स्वयम बाँके बिहारी यहां बिराजमान है।वही वंदावन की तरह ही यहां भी पर्दा डालने की प्रथा है।मंदिर में सुबह मंगला आरती, दोपहर शयन आरती, संध्या आरती ओर रात्री को शयन आरती के पश्चात मंदिर बंद हो जाता है।
Conclusion:शहर के प्रमुख मंदिरों में दर्शनार्थियों की भीड़ देखने को मिल रही है।बाँके बिहारी के लिए देशी घी से निर्मित रोज भोग भी मंदिर में ही बना कर लगाया जाता है।
बाईट-राधे बाबा, मुख्य पुजारी, बाँके बिहारी मंदिर
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.