कोटा. जिले के रंगबाड़ी स्थित बांके बिहारी मंदिर में बांके बिहारी का जन्मोत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया गया. सुबह मंगला आरती के पश्चात ही दर्शनार्थियों के लिए जैसे ही मंदिर को खोला गया वैसे ही श्रद्धालुओ की लंबी कतारें लग गई. मंदिर प्रांगण में भजनों पर श्रद्धालु नाचते हुए बांके बिहारी के दर्शन करते रहे.
मंदिर के मुख्य पुजारी 99 वर्षीय राधे बाबा ने जानकारी देते हुए बताया कि मंदिर करीब10 साल पुराना है. जिस जमीन पर मंदिर बना हुआ है, वह जगह पहले बेकार थी. गहरी अवैध खदाने होने से लोगों ने कचरा पात्र बना दिया. बाद में जैसे ही वृंदावन से दंडवत परिक्रमा लगा कर यहां आया तो इस जगह बांके बिहारी का मंदिर बनाने का विचार आया. सभी ने सहयोग दिया और आज स्वयं बांके बिहारी यहां विराजमान है.
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वंदावन की तरह ही यहां भी पर्दा डालने की प्रथा है. मंदिर में सुबह मंगला आरती,दोपहर शयन आरती, संध्या आरती ओर रात्री को शयन आरती के बाद मंदिर बंद हो जाता है. शहर के प्रमुख मंदिरों में दर्शनार्थियों की भीड़ देखने को मिल रही है. बांके बिहारी के लिए देशी घी से निर्मित भोग भी मंदिर में ही बना कर लगाया जाता है.