कोटा. शहर का खनन विभाग बड़ी मात्रा में अवैध खनन होने के बावजूद भी इस बार पेनल्टी वसूलने में पिछड़ गया है. पिछले वित्तीय वर्ष में यहां पूरे 1 साल में 281 लाख रुपए की पेनल्टी वसूली गई थी. इस साल नवंबर माह में अब तक यह वसूली आधी ही हो पाई है. जबकि पिछली बार से इस बार ज्यादा मुकदमे दर्ज करवाए गए हैं.
जानकारी के अनुसार वर्ष 2019-20 में अप्रैल से अब तक कोटा में खनन विभाग ने अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई करते हुए चालू वित्तीय वर्ष में अब तक 1 करोड़ 44 लाख रुपए की पेनल्टी की वसूली की है.
बता दें कि अवैध खनन के खिलाफ 243 प्रकरण दर्ज हुए है. साथ ही अब तक कुल 39 एफआईआर भी अवैध खननकर्ताओं के खिलाफ विभिन्न थानों में दर्ज करवाई गई है. जबकि पिछले वित्तीय वर्ष 2018-19 की बात की जाए तो अवैध खनन के खिलाफ कुल 384 प्रकरण दर्ज किए गए थे. जिनमें कुल 2 करोड़ 81 लाख रुपए का राजस्व वसूला गया था. साथ ही अवैध खनन करने वालों के खिलाफ कुल 31 मामलों में एफआईआर दर्ज की गई थी.
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वहीं, रिपोर्ट कार्ड पर बात करते हुए कोटा खनन विभाग के एमई जगदीश मेहरावत ने बताया कि अवैध खनन के मामलों में सरकार को रॉयल्टी का नुकसान होता है. ऐसे में अवैध खनन के मामलों में रॉयल्टी का दस गुना पैनल्टी राशि कम्पाउंड फीस वसूली जाती है. ये चेकिंग समय समय पर इलाकों मे की जाती है.
ये है पेनल्टी वसूली का आंकड़ा
वर्ष- 2018
प्रकरण- 384
पेनल्टी (लाखों में)- 281
मुकदमें- 31
वर्ष- 2019
प्रकरण- 243
पेनल्टी (लाखों में)- 144
मुकदमें- 39