कोटा. राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय में छात्राओं को पास करने की एवज में अस्मत मांगने के एक दूसरे मामले में पुलिस ने कार्रवाई शुरू की है. बीते साल दिसंबर में एक के बाद एक कुल छह मामले दर्ज हुए थे, जिनमें स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम कार्रवाई कर रही है. एक मामले में तीनों आरोपी एसोसिएट प्रोफेसर गिरीश परमार, स्टूडेंट अर्पित अग्रवाल और ईशा यादव न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे हैं. इसी बीच पुलिस ने गिरीश परमार और अर्पित अग्रवाल को दूसरे मामले में प्रोडक्शन वारंट पर मंगलवार रात को गिरफ्तार किया है. वहीं, आगे इस मामले में आरोपी ईशा यादव को भी गिरफ्तार किया जा सकता है.
पुलिस उप अधीक्षक प्रथम अमर सिंह राठौड़ ने बताया कि दोनों आरोपियों को दूसरे मामले में पूछताछ के लिए जेल से प्रोडक्शन वारंट पर लाया गया है. इनसे पूछताछ के बाद जांच के पूरी होने पर कोर्ट में चालान पेश किया जाएगा. बता दें कि राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय, मोदी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी की छात्रा, आरटीयू के असिस्टेंट प्रोफेसर सहित संविदा कार्मिक ने एसोसिएट प्रोफेसर गिरीश परमार के खिलाफ दादाबाड़ी और आरकेपुरम थाने में मुकदमा दर्ज करवाया था. जिनमें छेड़छाड़, पास करने की एवज में अस्मत मांगना और गाली गलौज सहित कई आरोप लगाए गए हैं.
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अर्पित और परमार की नहीं लगी जमानत अर्जी - डीएसपी अमर सिंह राठौड़ ने बताया कि गिरीश परमार और अर्पित अग्रवाल की जमानत के लिए अर्जी दाखिल नहीं हुई है. वो बीते एक माह से ज्यादा समय से न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे हैं. जबकि अन्य स्टूडेंट ईशा यादव की जमानत अर्जी कोटा के न्यायालय से खारिज हो गई थी. इसके बाद वो भी न्यायिक अभिरक्षा में है. ईशा के परिजनों ने हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की है, जिस पर सुनवाई होनी है.
एफएसएल कर रही थी हैंडराइटिंग के नमूनों की जांच - इस मामले में जांच करते हुए एसआईटी ने एफएसएल की भी काफी मदद ली है. जिसमें आरोपी छात्र-छात्रा और गिरीश परमार की हैंडराइटिंग के नमूने लिए गए हैं. जिसके जरिए यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि स्टूडेंट्स की कॉपियां कौन जांच करता था. इस मामले में यह बात सामने आई थी कि कॉपियां अर्पित और ईशा जांचते थे. इनको कॉपियों के जरिए ही छात्राओं को फेल करवाने की बात कहकर ये दोनों छात्राओं को धमकाते थे और आरोपी गिरीश परमार के साथ शारीरिक संबंध बनाने का दबाव डालते थे.
अन्य मामलों में रूक गई जांच - पुलिस ने गिरीश परमार और अर्पित अग्रवाल को तो दूसरे मामले में गिरफ्तार कर लिया है. लेकिन इसी संबंध में एक फैकल्टी और पूर्व संविदाकर्मी युवती ने कॉलेज के ही एक सीनियर प्रोफेसर डॉ. राजीव गुप्ता के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज करवाया था. इस मामलों में पुलिस ने केवल बयान ही लिए हैं, लेकिन आगे कार्रवाई अभी नहीं हो सकी है.