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RTU Case : ईशा की जमानत अर्जी खारिज, टिप्पणी में कोर्ट ने लिखा- गुरु और शिष्य के संबंधों को शर्मसार किया

आरटीयू केस में गिरफ्तार (Kota RTU Case) छात्रा ईशा यादव की जमानत अर्जी पर बुधवार को न्यायालय ने फैसला सुनाया. जिसमें एससी-एसटी कोर्ट ने जमानत को खारिज कर दिया और टिप्पणी में लिखा कि ईशा ने गुरु-शिष्य के संबंधों को शर्मसार किया है.

Isha Yadav Arrested in RTU Case
ईशा की जमानत अर्जी खारिज
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Published : Jan 4, 2023, 6:45 PM IST

विशिष्ट लोक अभियोजक हितेश जैन ने क्या कहा...

कोटा. राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय में अंक बढ़ाने और पास करने की एवज में छात्राओं से अस्मत मांगने के मामले में निलंबित एसोसिएट प्रोफेसर गिरीश परमार, स्टूडेंट अर्पित अग्रवाल व और ईशा यादव 10 जनवरी तक न्यायिक अभिरक्षा में हैं. बुधवार को ईशा यादव की जमानत अर्जी पर न्यायालय ने फैसला सुनाया, जिसमें एससी-एसटी कोर्ट ने जमानत को (Court Rejected Isha Yadav Bail Application) खारिज कर दिया.

विशिष्ट लोक अभियोजक हितेश जैन ने बताया कि न्यायाधीश ने अपने जमानत अर्जी पर सुनाए फैसले में साफ टिप्पणी करते हुए लिखा है कि सह अभियुक्त गिरीश परमार के घर जाकर ईशा यादव ने कॉपियों की जांच की है. खाली कॉपियों में भी ईशा यादव ने अर्पित अग्रवाल के साथ मिल 6-6 नंबर दिए थे. ईशा यादव ने स्वयं छात्रा होते हुए अन्य छात्राओं पर फिजिकल रिलेशन बनाने का दबाव डाला है. यह गुरु-शिष्य के संबंधों को शर्मसार करने जैसा है. इसीलिए ईशा यादव को जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता है. साथ ही न्यायालय ने यह भी लिखा है कि ईशा यादव को अगर जमानत का लाभ दिया जाता है तब अनुसंधान और साक्ष्य पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा. इसीलिए न्यायालय ने ईशा यादव की जमानत अर्जी को खारिज किया है.

पढ़ें : RTU Case : उत्तर पुस्तिकाओं को जांचने वाले से मिली ईशा की हैंडराइटिंग, जमानत अर्जी पर 4 को फैसला

परमार से मिलने कोई नहीं आया : आरटीयू के इलेक्ट्रॉनिक्स डिपार्टमेंट के निलंबित एसोसिएट प्रोफेसर गिरीश परमार (RTU Professor Girish Parmar Arrested) वर्तमान में न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे हैं. उसके पहले उन्हें 21 दिसंबर को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद 3-3 दिन के लिए दो बार पुलिस रिमांड पर भी रखा गया. साथ ही बाद में जेसी भेज दिया गया था.

हालांकि, गिरीश परमार से उसका कोई सगा संबंधी मिलने नहीं आया है, साथ ही उसकी कोई जमानत अर्जी भी न्यायालय में दाखिल नहीं की गई है. स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम में अनुसंधान कर रहे पुलिस उप अधीक्षक प्रथम अमर सिंह राठौड़ ने बताया कि पुलिस कस्टडी के दौरान एसोसिएट प्रोफेसर गिरीश परमार से कोई मिलने नहीं आया था. दूसरी तरफ, पुलिस ने भी बुधवार को इस संबंध में गिरीश परमार पर दादाबाड़ी थाने में दूसरा मुकदमा दर्ज करवाने वाली आरटीयू की छात्रा के बयान न्यायालय में करवाएं हैं.

विशिष्ट लोक अभियोजक हितेश जैन ने क्या कहा...

कोटा. राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय में अंक बढ़ाने और पास करने की एवज में छात्राओं से अस्मत मांगने के मामले में निलंबित एसोसिएट प्रोफेसर गिरीश परमार, स्टूडेंट अर्पित अग्रवाल व और ईशा यादव 10 जनवरी तक न्यायिक अभिरक्षा में हैं. बुधवार को ईशा यादव की जमानत अर्जी पर न्यायालय ने फैसला सुनाया, जिसमें एससी-एसटी कोर्ट ने जमानत को (Court Rejected Isha Yadav Bail Application) खारिज कर दिया.

विशिष्ट लोक अभियोजक हितेश जैन ने बताया कि न्यायाधीश ने अपने जमानत अर्जी पर सुनाए फैसले में साफ टिप्पणी करते हुए लिखा है कि सह अभियुक्त गिरीश परमार के घर जाकर ईशा यादव ने कॉपियों की जांच की है. खाली कॉपियों में भी ईशा यादव ने अर्पित अग्रवाल के साथ मिल 6-6 नंबर दिए थे. ईशा यादव ने स्वयं छात्रा होते हुए अन्य छात्राओं पर फिजिकल रिलेशन बनाने का दबाव डाला है. यह गुरु-शिष्य के संबंधों को शर्मसार करने जैसा है. इसीलिए ईशा यादव को जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता है. साथ ही न्यायालय ने यह भी लिखा है कि ईशा यादव को अगर जमानत का लाभ दिया जाता है तब अनुसंधान और साक्ष्य पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा. इसीलिए न्यायालय ने ईशा यादव की जमानत अर्जी को खारिज किया है.

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परमार से मिलने कोई नहीं आया : आरटीयू के इलेक्ट्रॉनिक्स डिपार्टमेंट के निलंबित एसोसिएट प्रोफेसर गिरीश परमार (RTU Professor Girish Parmar Arrested) वर्तमान में न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे हैं. उसके पहले उन्हें 21 दिसंबर को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद 3-3 दिन के लिए दो बार पुलिस रिमांड पर भी रखा गया. साथ ही बाद में जेसी भेज दिया गया था.

हालांकि, गिरीश परमार से उसका कोई सगा संबंधी मिलने नहीं आया है, साथ ही उसकी कोई जमानत अर्जी भी न्यायालय में दाखिल नहीं की गई है. स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम में अनुसंधान कर रहे पुलिस उप अधीक्षक प्रथम अमर सिंह राठौड़ ने बताया कि पुलिस कस्टडी के दौरान एसोसिएट प्रोफेसर गिरीश परमार से कोई मिलने नहीं आया था. दूसरी तरफ, पुलिस ने भी बुधवार को इस संबंध में गिरीश परमार पर दादाबाड़ी थाने में दूसरा मुकदमा दर्ज करवाने वाली आरटीयू की छात्रा के बयान न्यायालय में करवाएं हैं.

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