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वर्दी पहनकर करता था अवैध वसूली, पुलिस ने पकड़ा तो खुला ये बड़ा राज

कोटा के चंबल गार्डन और अन्य इलाकों में घूमने आने वाले लोगों को डरा धमका कर उनसे पैसे ऐंठने के मामले की शिकायत पुलिस को मिली थी. जिस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है. वहीं, पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासा (Kota police arrested two accused) हुए हैं. यहां जानिए पूरा मामला.

Kota police arrested two accused
Kota police arrested two accused
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Published : Jun 1, 2023, 10:34 PM IST

किशोरपुरा थाना सीआई हरलाल मीणा

कोटा. नकली पुलिस इंस्पेक्टर बनकर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश कोटा की किशोरपुरा थाना पुलिस ने किया है. मामले के अनुसार कोटा के चंबल गार्डन और अन्य इलाकों में घूमने आने वाले लोगों को डरा धमका कर उनसे पैसे ऐंठने के मामले की शिकायत पुलिस को मिली थी, जिस पर कार्रवाई करते हुए 2 लोगों को गिरफ्तार किया है. जिनमें से एक व्यक्ति पुलिस की वर्दी पहन कर एसयूवी गाड़ी में घूमा करता था. कपल्स को घूमता देख रुकवाता था और अवैध वसूली उनसे कर लेता था.

हालांकि, इस मामले में जब पुलिस ने गहनता से पूछताछ आरोपी से की, तब वह तीसरी पास निकला है, साथ ही सैकड़ों की संख्या में लोगों से इस तरह से अवैध वसूली वह कर चुका है. पुलिस भी इस आरोपी के तरीके को देखकर बिल्कुल चौक गई है. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जिस तरह से सीनियर पुलिस ऑफिसर फोन पर बात करते हैं, वैसे ही हुबहू या उन सभी बेहतर तरीके से फोन पर बात करता है. यह तीसरी पास जरूर है, लेकिन काफी शातिर है. साथ ही अंग्रेजी के शब्दों का उपयोग भी बातचीत के दौरान यह करता है.

कोटा शहर एसपी शरद चौधरी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में कोटा के ग्रामीण इलाके दीगोद थाना क्षेत्र के पारलिया निवासी 30 वर्षीय शिवा उर्फ गुड्डू पुत्र भगवान दास छीपा और देवली माझी थाना इलाका बमुलिया निवासी 27 वर्षीय भवनेश पुत्र बनवारी मीणा शामिल है.

पुलिस की वर्दी पहन कपल्स को तंग करता था आरोपी : किशोरपुरा थानाधिकारी हरलाल मीणा ने बताया कि आरोपी गार्डंस में जाने वाले कपल्स पर नजर रखता था. साथ ही पुलिस की वर्दी में उनके पास जाकर फर्जी इंस्पेक्टर बनकर रौब झाड़ता था और उनसे अवैध वसूली करता था. पुलिस का कहना है कि आरोपी को शुक्रवार को न्यायालय में पेश किया जाएगा, जहां से उसे रिमांड पर लाया जाएगा और पूछताछ की जाएगी. हालांकि, पुलिस का कहना है कि आरोपी पढ़ने वाले कोचिंग स्टूडेंट और कपल्स को धमका था. ऐसे में अधिकांश तो शिकायत करने थाने भी नहीं आते थे. वहीं, आरोपी की मोबाइल कॉल डिटेल भी निकलवाई जा रही है. ऐसे में उसने किस-किस व्यक्ति से क्या बात की है और उसके साथ कौन-कौन से लोग शामिल थे, उनके बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है.

इसे भी पढ़ें - चचेरा भाई ही निकला बच्चे का कातिल, 13 चाबियों के गुच्छे ने सुलझाई मर्डर मिस्ट्री

हिम्मत दिखाकर पीड़ित ने की शिकायत : पुलिस को 31 मई को ही इस संबंध में एक शिकायत मिली थी, जिसमें अंकित मेघवाल ने बताया था कि वह चंबल गार्डन के नजदीक से शाम 6 बजे निकल रहा था. उस वक्त उसके साथ उसकी दोस्त भी थी और दोनों कराई के बालाजी दर्शन के लिए जा रहे थे. लेकिन एक गाड़ी में बैठे दो लोगों ने उसे रोका और वो खुद को पुलिस इंस्ट्रक्टर बताए. साथ ही दादाबाड़ी थाने में बंद करने की धमकी दी. इस दौरान उन लोगों ने उसे गाड़ी में बैठा लिया और नयागांव की तरफ ले गए, जहां गाड़ी में उसके साथ मारपीट करने लगे और फिर 10 हजार रुपए की मांग की.

इस पर पीड़ित ने 4000 हजार रुपए ई-मित्र स्क्रीन पर डाले. साथ ही कैश पड़े 500 -500 रुपए भी ले लिए. इसके बाद उन्हें सीएडी रोड पर छोड़कर चले गए. इस मामले में किशोरपुरा थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की. हालांकि, इस संबंध में पुलिस का कहना है कि अधिकांश पीड़ित बदनामी के डर से या फिर बाहर से कोटा शहर में कोचिंग करने आए हैं. ऐसे में वे शिकायत करने से कतराते थे इसीलिए आरोपी लंबे समय से अवैध वसूली कर पा रहा था.

वाहन में मिली पुलिस की वर्दी, नेम प्लेट : सीआई हरलाल मीणा ने बताया कि पीड़ित व्यक्ति ने वाहन का नंबर भी बताया था, जिसके अनुसार यातायात पुलिस की टीम के साथ मिलकर वाहन की पड़ताल शुरू की गई. जिसके बाद गुरुवार को केशवपुरा चौराहे पर इस वाहन को रुकवाया गया. वहीं, दो आरोपियों को वहां से गिरफ्तार किया गया. जिनके पास से पुलिस की वर्दी, नेम प्लेट, शूज, कैप और एंड्राइड फोन मिले हैं. आरोपी लंबे समय से इस तरह की वारदातों को अंजाम दे रहे थे. वो कपल्स को देखकर उन्हें धमकाते थे और उनसे अवैध वसूली करते थे.

बनवारी को देते थे तनख्वाह, मोरबी से सीखा था धमकाने का तरीका : पुलिस को प्रारंभिक पूछताछ में आरोपी शिवा छीपा ने बताया कि उसने बनवारी मीणा को 15000 की तनख्वा पर रखा था. साथ ही खुद को क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर बताता था. आगे उसने बताया कि वह केवल कुछ रेड मारने के लिए ही ड्यूटी पर जाता है. ऐसे में वह उसके साथ जुट गया और इस तरह से ठगी के मामले को बीते 15 से 20 दिनों से अंजाम दे रहा था. दोनों कोटा शहर के आकाशवाणी इलाके में किराए का मकान लेकर रह रहे थे. आरोपी बेरोजगार है, लेकिन वो पूर्व में गुजरात के मोरबी में टाइल्स का काम करते थे. यहां पर टाइल्स वालों के यहां भुगतान अटकने पर इस तरह से फोन पर वह धमकाते थे.

देशभर में कई जगह कर चुके हैं ठगी के प्रयास : सीआई मीणा ने बताया कि शिवा उर्फ गुड्डू फर्जी आईपीएस बनकर अजमेर में भी ठगी कर चुका था. ऐसे में अजमेर की गांधीनगर पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था. आरोपी ने एक व्यक्ति को क्राइम ब्रांच के एसपी बनकर फोन किया था. उसकी शिकायत पर ही यह कार्रवाई पुलिस ने की थी. आरोपी शिवा का क्रिमिनल रिकॉर्ड लिया जा रहा है. जिसके तहत उसके खिलाफ देशभर में अन्य मुकदमे भी दर्ज होना सामने आ सकता है. आरोपी यूपी के कानपुर, लखनऊ, आगरा, कर्नाटक और महाराष्ट्र के नागपुर में भी ठगी के प्रयास कर चुका है. आरोपी अधिकांश ठगी की वारदातों में वर्दी पहन कर वीडियो कॉल भी करता था.

किशोरपुरा थाना सीआई हरलाल मीणा

कोटा. नकली पुलिस इंस्पेक्टर बनकर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश कोटा की किशोरपुरा थाना पुलिस ने किया है. मामले के अनुसार कोटा के चंबल गार्डन और अन्य इलाकों में घूमने आने वाले लोगों को डरा धमका कर उनसे पैसे ऐंठने के मामले की शिकायत पुलिस को मिली थी, जिस पर कार्रवाई करते हुए 2 लोगों को गिरफ्तार किया है. जिनमें से एक व्यक्ति पुलिस की वर्दी पहन कर एसयूवी गाड़ी में घूमा करता था. कपल्स को घूमता देख रुकवाता था और अवैध वसूली उनसे कर लेता था.

हालांकि, इस मामले में जब पुलिस ने गहनता से पूछताछ आरोपी से की, तब वह तीसरी पास निकला है, साथ ही सैकड़ों की संख्या में लोगों से इस तरह से अवैध वसूली वह कर चुका है. पुलिस भी इस आरोपी के तरीके को देखकर बिल्कुल चौक गई है. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जिस तरह से सीनियर पुलिस ऑफिसर फोन पर बात करते हैं, वैसे ही हुबहू या उन सभी बेहतर तरीके से फोन पर बात करता है. यह तीसरी पास जरूर है, लेकिन काफी शातिर है. साथ ही अंग्रेजी के शब्दों का उपयोग भी बातचीत के दौरान यह करता है.

कोटा शहर एसपी शरद चौधरी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में कोटा के ग्रामीण इलाके दीगोद थाना क्षेत्र के पारलिया निवासी 30 वर्षीय शिवा उर्फ गुड्डू पुत्र भगवान दास छीपा और देवली माझी थाना इलाका बमुलिया निवासी 27 वर्षीय भवनेश पुत्र बनवारी मीणा शामिल है.

पुलिस की वर्दी पहन कपल्स को तंग करता था आरोपी : किशोरपुरा थानाधिकारी हरलाल मीणा ने बताया कि आरोपी गार्डंस में जाने वाले कपल्स पर नजर रखता था. साथ ही पुलिस की वर्दी में उनके पास जाकर फर्जी इंस्पेक्टर बनकर रौब झाड़ता था और उनसे अवैध वसूली करता था. पुलिस का कहना है कि आरोपी को शुक्रवार को न्यायालय में पेश किया जाएगा, जहां से उसे रिमांड पर लाया जाएगा और पूछताछ की जाएगी. हालांकि, पुलिस का कहना है कि आरोपी पढ़ने वाले कोचिंग स्टूडेंट और कपल्स को धमका था. ऐसे में अधिकांश तो शिकायत करने थाने भी नहीं आते थे. वहीं, आरोपी की मोबाइल कॉल डिटेल भी निकलवाई जा रही है. ऐसे में उसने किस-किस व्यक्ति से क्या बात की है और उसके साथ कौन-कौन से लोग शामिल थे, उनके बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है.

इसे भी पढ़ें - चचेरा भाई ही निकला बच्चे का कातिल, 13 चाबियों के गुच्छे ने सुलझाई मर्डर मिस्ट्री

हिम्मत दिखाकर पीड़ित ने की शिकायत : पुलिस को 31 मई को ही इस संबंध में एक शिकायत मिली थी, जिसमें अंकित मेघवाल ने बताया था कि वह चंबल गार्डन के नजदीक से शाम 6 बजे निकल रहा था. उस वक्त उसके साथ उसकी दोस्त भी थी और दोनों कराई के बालाजी दर्शन के लिए जा रहे थे. लेकिन एक गाड़ी में बैठे दो लोगों ने उसे रोका और वो खुद को पुलिस इंस्ट्रक्टर बताए. साथ ही दादाबाड़ी थाने में बंद करने की धमकी दी. इस दौरान उन लोगों ने उसे गाड़ी में बैठा लिया और नयागांव की तरफ ले गए, जहां गाड़ी में उसके साथ मारपीट करने लगे और फिर 10 हजार रुपए की मांग की.

इस पर पीड़ित ने 4000 हजार रुपए ई-मित्र स्क्रीन पर डाले. साथ ही कैश पड़े 500 -500 रुपए भी ले लिए. इसके बाद उन्हें सीएडी रोड पर छोड़कर चले गए. इस मामले में किशोरपुरा थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की. हालांकि, इस संबंध में पुलिस का कहना है कि अधिकांश पीड़ित बदनामी के डर से या फिर बाहर से कोटा शहर में कोचिंग करने आए हैं. ऐसे में वे शिकायत करने से कतराते थे इसीलिए आरोपी लंबे समय से अवैध वसूली कर पा रहा था.

वाहन में मिली पुलिस की वर्दी, नेम प्लेट : सीआई हरलाल मीणा ने बताया कि पीड़ित व्यक्ति ने वाहन का नंबर भी बताया था, जिसके अनुसार यातायात पुलिस की टीम के साथ मिलकर वाहन की पड़ताल शुरू की गई. जिसके बाद गुरुवार को केशवपुरा चौराहे पर इस वाहन को रुकवाया गया. वहीं, दो आरोपियों को वहां से गिरफ्तार किया गया. जिनके पास से पुलिस की वर्दी, नेम प्लेट, शूज, कैप और एंड्राइड फोन मिले हैं. आरोपी लंबे समय से इस तरह की वारदातों को अंजाम दे रहे थे. वो कपल्स को देखकर उन्हें धमकाते थे और उनसे अवैध वसूली करते थे.

बनवारी को देते थे तनख्वाह, मोरबी से सीखा था धमकाने का तरीका : पुलिस को प्रारंभिक पूछताछ में आरोपी शिवा छीपा ने बताया कि उसने बनवारी मीणा को 15000 की तनख्वा पर रखा था. साथ ही खुद को क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर बताता था. आगे उसने बताया कि वह केवल कुछ रेड मारने के लिए ही ड्यूटी पर जाता है. ऐसे में वह उसके साथ जुट गया और इस तरह से ठगी के मामले को बीते 15 से 20 दिनों से अंजाम दे रहा था. दोनों कोटा शहर के आकाशवाणी इलाके में किराए का मकान लेकर रह रहे थे. आरोपी बेरोजगार है, लेकिन वो पूर्व में गुजरात के मोरबी में टाइल्स का काम करते थे. यहां पर टाइल्स वालों के यहां भुगतान अटकने पर इस तरह से फोन पर वह धमकाते थे.

देशभर में कई जगह कर चुके हैं ठगी के प्रयास : सीआई मीणा ने बताया कि शिवा उर्फ गुड्डू फर्जी आईपीएस बनकर अजमेर में भी ठगी कर चुका था. ऐसे में अजमेर की गांधीनगर पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था. आरोपी ने एक व्यक्ति को क्राइम ब्रांच के एसपी बनकर फोन किया था. उसकी शिकायत पर ही यह कार्रवाई पुलिस ने की थी. आरोपी शिवा का क्रिमिनल रिकॉर्ड लिया जा रहा है. जिसके तहत उसके खिलाफ देशभर में अन्य मुकदमे भी दर्ज होना सामने आ सकता है. आरोपी यूपी के कानपुर, लखनऊ, आगरा, कर्नाटक और महाराष्ट्र के नागपुर में भी ठगी के प्रयास कर चुका है. आरोपी अधिकांश ठगी की वारदातों में वर्दी पहन कर वीडियो कॉल भी करता था.

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