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कोटाः चम्बल के किनारे बसे होने के बाद भी प्यासे मर रहे लोग, सरकार और प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान - flood in Chambal river

कोटा जिले में चम्बल नदी में बाढ़ से जलदाय विभाग ने पानी की सप्लाई बंद कर दिया था. जिसको अभी भी सुचारू नहीं किया गया. इसके चलते कुन्हाड़ी इलाके में लोगों को हैंडपम्प और बोरवेल का सहारा लेना पड़ रहा है. जिससे पानी खराब आने से बच्चों और महिलाओं को उल्टी दस्त की शिकायतें सामने आने लगी हैं.

Water crisis in Kota, situation uncontrolled, kota news, हालात हुए बेकाबू, कोटा न्यूज
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Published : Sep 19, 2019, 7:56 PM IST

कोटा. चम्बल में बाढ़ के बाद अब हालात धीरे-धीरे सामान्य होते जा रहे हैं. नदी के किनारे बसे कुन्हाड़ी गांव में चंबल नदी के पानी में गंदगी ज्यादा होने से जलदाय विभाग ने पानी की सप्लाई सुचारू नहीं की, जिससे लोगों को बोरवेल और हेडपंप का सहारा लेना पड़ रहा है. जिसमें पानी की खराबी के चलते लोगों को उल्टी और दस्त की शिकायतें होनी शुरू हो गई.

कोटा में पानी की हाहाकार

पढ़ेंः बाढ़ ने तबाह किया किसानों को, खेतों में भरा है लबालब पानी

कई लोग इस पानी को पीने से बीमार हो रहे हैं. वहीं बच्चों को भी उल्टी और दस्त की शिकायतें ज्यादा हो रही हैं. इलाके की महिलाओं ने बताया कि अभी भी जलदाय विभाग ने पानी की सप्लाई सुचारू नही की, हेडपंप का पानी इतना गंदा आ रहा है कि इसको पीने के बाद बच्चे बीमार हो रहे हैं.
बता दे कि कोटा आए पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी का कहना है कि कोटा चम्बल के किनारे बसा होने के बाद भी प्यासा है. इस ओर प्रशासन और राज्य सरकार कोई ध्यान नही दे रहे हैं. जिससे लगातार इसकी स्थिति बिगड़ती जा रही है.

कोटा. चम्बल में बाढ़ के बाद अब हालात धीरे-धीरे सामान्य होते जा रहे हैं. नदी के किनारे बसे कुन्हाड़ी गांव में चंबल नदी के पानी में गंदगी ज्यादा होने से जलदाय विभाग ने पानी की सप्लाई सुचारू नहीं की, जिससे लोगों को बोरवेल और हेडपंप का सहारा लेना पड़ रहा है. जिसमें पानी की खराबी के चलते लोगों को उल्टी और दस्त की शिकायतें होनी शुरू हो गई.

कोटा में पानी की हाहाकार

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कई लोग इस पानी को पीने से बीमार हो रहे हैं. वहीं बच्चों को भी उल्टी और दस्त की शिकायतें ज्यादा हो रही हैं. इलाके की महिलाओं ने बताया कि अभी भी जलदाय विभाग ने पानी की सप्लाई सुचारू नही की, हेडपंप का पानी इतना गंदा आ रहा है कि इसको पीने के बाद बच्चे बीमार हो रहे हैं.
बता दे कि कोटा आए पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी का कहना है कि कोटा चम्बल के किनारे बसा होने के बाद भी प्यासा है. इस ओर प्रशासन और राज्य सरकार कोई ध्यान नही दे रहे हैं. जिससे लगातार इसकी स्थिति बिगड़ती जा रही है.

Intro:चम्बल के किनारे बसे होने के बाद भी प्यासे मर रहे है।इसके लिए सरकार व प्रशासन का ध्यान नही देने से स्थिति बिगड़ रही है...अरुण चतुर्वेदी, पूर्व मंत्री
कुन्हाड़ी इलाके में पानी में गंदगी आने से लोग हो रहे हैं बीमार।
जलदाय विभाग ने नही की पानी की सप्लाई चालू

कोटा में चम्बल में बाढ़ से जलदाय विभाग ने पानी की सप्लाई बंद कर दिया था जिसको अभी भी सुचारू नही किया गया।इसके चलते कुन्हाड़ी इलाके में लीगो को हेंडपम्प ओर बोरवेलों का सहारा लेना पड़ रहा है।जिससे पानी खराब आने से बच्चो ओर महिलाओ को उल्टी दस्त की शिकायते सामने आने लगी है।पानी की किल्लत से क्षेत्र में पानी के लिए लंबी कतारें भी देखने को मिली है।
Body:चम्बल में बाढ़ के बाद अब हालात धीरे धीरे सामान्य होते जा रहे हैं नदी पार क्षेत्र कुन्हाड़ी में चंबल के पानी में तर्बिलिटी ज्यादा होने से अभी जलदाय विभाग ने पानी की सप्लाई सुचारू नहीं की लोगों को बोरवेल व हेड पंप का सहारा लेना पड़ रहा है जिसमें पानी की खराबी के चलते लोगों को उल्टी और दस्त की शिकायतें होना शुरू हो गई कई लोग इस पानी को पीने से बीमार हो रहे हैं बच्चों को भी उल्टी और दस्त की शिकायत ज्यादा हो रही है इलाके की महिलाओं ने बताया कि अभी भी जलदाय विभाग ने पानी की सप्लाई सुचारू नहीं की हेडपंप का पानी इतना गंदा आ रहा है कि इसको पीने के बाद बच्चे बीमार हो रहे हैं महिलाओं ने बताया कि एक टैंकर की सप्लाई आती है जिससे वह टैंकर भी पूरा नहीं पड़ रहा है बोरवेल से पानी लेने पर लंबी कतारें मैं लगना पड़ता है बच्चे बीमार हो रहे हैं।
Conclusion:कोटा आये पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी का कहना है कि कोटा चम्बल के किनारे बसा होने के बाद भी प्यासा है।इस ओर प्रशासन व राज्य सरकार कोई ध्यान नही दे रहे है।इससे लगातार इसकी स्थिति बिगड़ती जा रही है।
बाईट-लक्ष्मी केवट,स्थानीय निवासी
बाईट-संतोष बाई, स्थानीय निवासी
बाईट-अरुण चतुर्वेदी, पूर्व मंत्री
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