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कोटा के साहित्यकार हरिचरण अहरवाल की किताब 'बावली' का लोकार्पण

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Published : Jan 11, 2020, 10:18 AM IST

कोटा के युवा कवि और साहित्यकार हरिचरण अहरवाल की किताब 'बावली' का लोकार्पण विश्व पुस्तक मेला प्रगति मैदान नई दिल्ली में किया गया.इस अवसर पर अतिथि के रूप में विख्यात साहित्यकार लालित्य ललित भी मौजूद रहे.

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साहित्यकार हरिचरण अहरवाल की किताब 'बावली' का लोकार्पण

दिल्ली/ कोटा. 100 कविताओं का संग्रह 'बावली' का विमोचन विश्व पुस्तक मेला प्रगति मैदान, नई दिल्ली में किया गया.यह किताब कोटा के युवा कवि और साहित्यकार कहे जाने वाले हरिचरण अहरवाल ने लिखा है.

साहित्यकार हरिचरण अहरवाल की किताब 'बावली' का लोकार्पण

बता दें, कि पुस्तक में प्रेम की स्थापना का प्रयास है. प्रेम पर आधारित सभी कविताएं बेजोड़ हैं, मर्मस्पर्शी हैं. सभी कविताएं एक नया भाव प्रदान करती हैं . वहीं प्रेम की स्थापना का पर्याय है बावली और ये काम हरिचरण अहरवाल ने इसे पूरे भावात्मक तरीके से लिखा है.

वहीं इस अवसर पर मधु आचार्य आशावादी ने कहा, कि ये अच्छी बात है, कि युवा अपनी मायड़ भाषा में रचना कर्म कर रहे हैं. युवा के लेखन से राजस्थानी भाषा को सबक मिलेगा. बता दें, कि सृजन साहित्य और सांस्कृतिक समिति कोटा के अध्यक्ष राजेंद्र पंवार ने बताया, कि राजस्थानी कविताओं का संग्रह बावळी पुस्तक साहित्य और राजस्थानी भाषा शिल्प के प्रभाव से एक विशेष स्थान रखती है.

पढ़ें: कोटा: केशवरायपाटन में बंद पड़ी शुगर मिल को फिर से शुरू करने की मांग, अतिरिक्त संभागीय आयुक्त को दिया ज्ञापन

कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्रिय साहित्य अकादमी नई दिल्ली के सलाहकार मधु आचार्य आशावादी ने किया और अतिथि के रूप में विख्यात साहित्यकार लालित्य ललित,बीकानेर के वरिष्ठ साहित्यकार राजेंद्र जोशी, नवनी पांडेय, राजेंद्र पंवार,आनन्द हजारी ,नंदसिह पंवार, पुस्तक प्रकाशक ज्ञान गीता प्रकाशक के निदेशक मुकेश शर्मा मौजूद रहे.

दिल्ली/ कोटा. 100 कविताओं का संग्रह 'बावली' का विमोचन विश्व पुस्तक मेला प्रगति मैदान, नई दिल्ली में किया गया.यह किताब कोटा के युवा कवि और साहित्यकार कहे जाने वाले हरिचरण अहरवाल ने लिखा है.

साहित्यकार हरिचरण अहरवाल की किताब 'बावली' का लोकार्पण

बता दें, कि पुस्तक में प्रेम की स्थापना का प्रयास है. प्रेम पर आधारित सभी कविताएं बेजोड़ हैं, मर्मस्पर्शी हैं. सभी कविताएं एक नया भाव प्रदान करती हैं . वहीं प्रेम की स्थापना का पर्याय है बावली और ये काम हरिचरण अहरवाल ने इसे पूरे भावात्मक तरीके से लिखा है.

वहीं इस अवसर पर मधु आचार्य आशावादी ने कहा, कि ये अच्छी बात है, कि युवा अपनी मायड़ भाषा में रचना कर्म कर रहे हैं. युवा के लेखन से राजस्थानी भाषा को सबक मिलेगा. बता दें, कि सृजन साहित्य और सांस्कृतिक समिति कोटा के अध्यक्ष राजेंद्र पंवार ने बताया, कि राजस्थानी कविताओं का संग्रह बावळी पुस्तक साहित्य और राजस्थानी भाषा शिल्प के प्रभाव से एक विशेष स्थान रखती है.

पढ़ें: कोटा: केशवरायपाटन में बंद पड़ी शुगर मिल को फिर से शुरू करने की मांग, अतिरिक्त संभागीय आयुक्त को दिया ज्ञापन

कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्रिय साहित्य अकादमी नई दिल्ली के सलाहकार मधु आचार्य आशावादी ने किया और अतिथि के रूप में विख्यात साहित्यकार लालित्य ललित,बीकानेर के वरिष्ठ साहित्यकार राजेंद्र जोशी, नवनी पांडेय, राजेंद्र पंवार,आनन्द हजारी ,नंदसिह पंवार, पुस्तक प्रकाशक ज्ञान गीता प्रकाशक के निदेशक मुकेश शर्मा मौजूद रहे.

Intro:कोटा के युवा कवि और साहित्यकार हरिचरण अहरवाल की किताब 'बावळी' का लोकार्पण विश्व पुस्तक मेला प्रगति मैदान नई दिल्ली में किया गया.
पुस्तक पर प्रकाश डालते हुए विख्यात साहित्यकार लालित्य ललित ने बताया कि बावळी किताब राजस्थानी में विरचित शुद्ध प्रेम की 100 कविताओं का संग्रह है।पुस्तक में प्रेम की स्थापना का प्रयास है ।
Body:प्रेम पर आधारित सभी कविताएं बेजोड़ है मर्म स्पर्शी है । सभी कविताएं एक नया भाव प्रदान करती है । प्रेम की स्थापना का पर्याय है बावळी ।और ये काम हरिचरण अहरवाल ने अच्छे से किया है ।

इस अवसर पर मधु आचार्य आशावादी ने कहा की ये अच्छी बात है कि युवा अपनी मायड़ भाषा में रचना कर्म कर रहे हैं । युवा के लेखन से राजस्थानी भाषा को संबलन मिलेगा।सृजन साहित्य एवं सांस्कृतिक समिति कोटा के अध्यक्ष राजेंद्र पंवार ने बताया कि राजस्थानी कविताओं का संग्रह बावळी पुस्तक साहित्य और राजस्थानी भाषा शिल्प के प्रभाव से एक विशेष स्थान रखती है।
Conclusion:कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्रिय साहित्य अकादमी नई दिल्ली के सलाहकार मधु आचार्य आशावादी ने की । अतिथि के रूप में विख्यात साहित्यकार लालित्य ललित, बीकानेर के वरिष्ठ साहित्यकार राजेंद्र जोशी, नवनी पांडेय, राजेंद्र पंवार, आनन्द हजारी , नंदसिह पंवार, पुस्तक प्रकाशक ज्ञान गीता प्रकाशक के निदेशक मुकेश शर्मा उपस्थित रहे ।
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