कोटा. केंद्र और राज्य सरकार की ओर से कोटा में कृषि महोत्सव का आयोजन किया गया है. मंगलवार को दशहरा मेले में महोत्सव का उद्घाटन किया गया. इस दौरान लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने ट्रैक्टर चलाया. इसके बाद लोकसभा स्पीकर और केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी मंच से ड्रोन उड़ाते हुए नजर आए. उन्होंने वहां मौजूद जनता को बताया कि किस तरह से ड्रोन के जरिए भी अब खेतों में पेस्टिसाइड और उर्वरक का छिड़काव किया जा सकता है.
प्रोडक्शन को प्रोसेसिंग कर वैल्यू एडिशन करें किसान : स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा. उन्होंने कहा कि इसके लिए किसान को ही आगे आना होगा. उन्हें कम लागत में अच्छी फसल का उत्पादन करना होगा. इसके लिए तकनीक अपनानी होगी. साथ ही उन्होंने कहा कि किसानों को ही अपने प्रोडक्शन का प्रोसेस करके बाजार में बेचना होगा. इससे उन्हें ज्यादा फायदा मिलेगा. साथ ही किसानों को अपने प्रोडक्ट में वैल्यू एडिशन भी करना होगा.
विश्व में भारतीय कर रहे नए अनुसंधान : लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि वे विश्व में कई जगह पर गए हैं, जहां भारतीय प्रोडक्ट्स की काफी ज्यादा मांग देखने को मिलती है. नीदरलैंड के लोगों ने राजस्थान के बूंदी के चावल की तारीफ की है. दुबई में धनिया की तारीफ हुई. उन्होंने बताया कि वह मेक्सिको गए थे, वहां पर गेहूं का नवीनतम बीज का आविष्कार एक भारतीय ने किया था. वो मेक्सिको में कृषि यूनिवर्सिटी का डायरेक्टर भी था.
स्पीकर बिरला ने कहा कि विदेश में जहां भी जाते हैं, वहां पर कृषि के नवाचारों के संबंध में जानकारी लेते हैं. इसमें अधिकांश देशों में सामने आता है कि भारतीय वैज्ञानिक व किसान ही वहां पर खेती और अनुसंधान के नवीनतम कार्य कर रहे हैं. जब हमारे ही देश के लोग दूसरे देशों में नवीनतम कार्य कर रहे हैं, तो हम भी यहां पर कृषि के नवाचारों का उपयोग कर सकते हैं.
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दुनिया में पहुंच रहा राजस्थान के मिलेट्स का स्वाद : कृषि महोत्सव में केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि भारत सरकार ने कृषि बजट को बढ़ाकर 132000 करोड़ कर दिया है. जबकि 2013 में ये महज 23000 करोड़ था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर ही यूनाइटेड नेशन ने 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स ईयर घोषित किया है. इसमें 72 देशों ने समर्थन भी दिया है.
उन्होंने कहा कि दुनियाभर में जागरूकता बढ़ रही है. दुनिया में मिलेट्स के एक्सपोर्ट का फायदा राजस्थान सहित देशभर में मोटे अनाज का उत्पादन करने वाले हमारे किसानों को मिलेगा. ऐसे में राजस्थान की थाली का स्वाद पूरी दुनिया तक पहुंच रहा है. सरकार फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन बना रही है. इनके जरिए लोकल स्तर पर बन रहे प्रोडक्ट की मार्केटिंग और प्रोसेसिंग की जाएगी. इससे सीधे तौर पर किसानों को फायदा मिलेगा. साथ ही उन्होंने कहा कि एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के जरिए भी कई योजनाओं और उपकरण खरीदने पर सरकार जोर दे रही है.
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दो हजार करोड़ का मोबिलाइजेशन फंड : कार्यक्रम में राजस्थान के मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि किसानों को कम लागत में अच्छी फसल का उत्पादन करना होगा. नई तकनीक का उपयोग करते हुए ज्यादा उत्पादन लेना होगा. सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने कहा कि वे लगातार एमएसपी पर खरीद के लिए केंद्र बढ़ाए जा रहे हैं. पहले 250, आज 800 से ज्यादा केंद्रों पर खरीद हो रही है. इससे किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए ज्यादा दूर नहीं जाना पड़ता है.
उन्होंने कहा कि ग्राम सेवा सहकारी के जरिए अब भंडारण क्षमता बढ़ाने के लिए गोदाम बनाने की भी योजना है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भी चाहती है कि किसानों को फसल के उचित दाम मिले. ऐसे में एमएसपी या अन्य खरीद के लिए 2000 करोड़ रुपए का मोबिलाइजेशन फंड राज्य सरकार ने सहकारिता विभाग को दिया है. ताकि किसानों की उपज खरीद पर उन्हें तुरंत भुगतान किया जा सके.
उद्घाटन समारोह के बाद लोकसभा स्पीकर ओम बिरला, केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी, राजस्थान के कृषि मंत्री लालचंद कटारिया और सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने पूरे परिसर में आयोजित नए स्टार्टअप और प्रदर्शनी का जायजा लिया. इस दौरान मंच पर प्रमुख शासन सचिव कृषि राजस्थान दिनेश कुमार, पूर्व विधायक हीरालाल नागर, भाजपा जिला अध्यक्ष शहर कृष्ण कुमार सोनी रामबाबू, देहात मुकुट नागर व बूंदी शीतल लाल राणा मौजूद थे.
फसल बीमा नहीं मिलने पर हंगामाः किसान महोत्सव में किसानों का फसल बीमा कंपनी पर आक्रोश भी नजर आया. किसान कोटा जिले की फसल बीमा कंपनी का स्टॉल देखकर महोत्सव में उखड़ गए. एक के बाद एक करते हुए भारी संख्या में किसान वहां पर एकत्रित हो गए. किसान कंपनी के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. किसानों ने आक्रोश जताते हुए कहा कि उनसे बीमा राशि ले ली जाती है, लेकिन क्लेम नहीं दिया जाता है.
इस दौरान आक्रोशित किसानों ने बीमा कंपनी से स्टॉल खाली करवाने की मांग रख दी. इस दौरान पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी. कई बार पुलिस और किसान आमने-सामने हो गए और धक्का-मुक्की भी हुई. बाद में बड़ी मशक्कत के बाद किसानों को वहां से हटाया गया. आक्रोशित किसानों ने बीमा कंपनी के बैनर पोस्टर फाड़ दिए और प्रतिनिधियों के साथ भी धक्का-मुक्की कर दी. बाद में सभी प्रतिनिधि काउंटर छोड़कर चले गए, तब जाकर आक्रोशित किसान शांत हुए.