कोटा. बाढ़ पीड़ितों से जब हालात जाना गया तो उनका कहना है कि पीने का पानी तक नसीब नहीं हो रहा है. वहीं तीन दिनों से भूखे प्यासे पानी में रहकर दिन गुजारने पड़ रहे हैं. बाढ़ पीड़ित महिलाओं ने कहा कि हमारा खाने-पीने से लेकर सारा सामान डूब गया है. भूखे मरने तक की नौबत आ गई है.
बाढ़ पीड़ित प्रेम कुमार ने कहा कि मकान सारे डूब गए हैं. ना ही खाने की व्यवस्था है और ना ही बिजनी पानी की. अंधेरे में रहकर रात गुजारनी पड़ रही है. पीड़ित राजकुमार सुमन ने बताया कि प्रशासन कोई व्यवस्था नहीं कर रही है. रात को कोई गार्ड भी नहीं है. बिजली के बिना अंधेरे में रहना पड़ रहा है. एक जनरेटर लगा कर उजाला किया जा सकता है.
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उन्होंने आक्रोश जताते हुए कहा कि आधा किलोमीटर पर मंत्री महोदय का मकान है. लेकिन उनको एसी में बैठने से फुरसत तक नहीं है. पीड़ित महिला संजू सुमन ने कहा कि यहां पर ना ही बिजली है और ना ही पीने को पानी मिल रहा है. गौरतलब है कि डूब क्षेत्रों की स्थिति भयावाह बनी हुई है. वहीं पीड़ित प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैे.