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कोटा में बाढ़ पीड़ितों को भूखे प्यासे रहकर गुजारने पड़ रहे दिन

कोटा बैराज के गेट खुलने के बाद घरों में पानी घुसने से लोग परेशान होते नजर आ रहे हैं. लोग पानी में रहकर पीने के पानी और भोजन तक मोहताज हो रहे हैं. वहीं पीड़ितों ने प्रशासन पर ध्यान नहीं देने का आरोप भी लगाया है.

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Published : Sep 17, 2019, 2:03 PM IST

कोटा. बाढ़ पीड़ितों से जब हालात जाना गया तो उनका कहना है कि पीने का पानी तक नसीब नहीं हो रहा है. वहीं तीन दिनों से भूखे प्यासे पानी में रहकर दिन गुजारने पड़ रहे हैं. बाढ़ पीड़ित महिलाओं ने कहा कि हमारा खाने-पीने से लेकर सारा सामान डूब गया है. भूखे मरने तक की नौबत आ गई है.

बाढ़ पीड़ितों को भूखे प्यासे रहकर गुजरने पड़ रहे दिन

बाढ़ पीड़ित प्रेम कुमार ने कहा कि मकान सारे डूब गए हैं. ना ही खाने की व्यवस्था है और ना ही बिजनी पानी की. अंधेरे में रहकर रात गुजारनी पड़ रही है. पीड़ित राजकुमार सुमन ने बताया कि प्रशासन कोई व्यवस्था नहीं कर रही है. रात को कोई गार्ड भी नहीं है. बिजली के बिना अंधेरे में रहना पड़ रहा है. एक जनरेटर लगा कर उजाला किया जा सकता है.

पढ़ें- मोदी 2.0 के 100 दिनों का रिपोर्ट कार्ड: रसोई के बढ़ते खर्चे से चिंतित महिलाएं

उन्होंने आक्रोश जताते हुए कहा कि आधा किलोमीटर पर मंत्री महोदय का मकान है. लेकिन उनको एसी में बैठने से फुरसत तक नहीं है. पीड़ित महिला संजू सुमन ने कहा कि यहां पर ना ही बिजली है और ना ही पीने को पानी मिल रहा है. गौरतलब है कि डूब क्षेत्रों की स्थिति भयावाह बनी हुई है. वहीं पीड़ित प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैे.

कोटा. बाढ़ पीड़ितों से जब हालात जाना गया तो उनका कहना है कि पीने का पानी तक नसीब नहीं हो रहा है. वहीं तीन दिनों से भूखे प्यासे पानी में रहकर दिन गुजारने पड़ रहे हैं. बाढ़ पीड़ित महिलाओं ने कहा कि हमारा खाने-पीने से लेकर सारा सामान डूब गया है. भूखे मरने तक की नौबत आ गई है.

बाढ़ पीड़ितों को भूखे प्यासे रहकर गुजरने पड़ रहे दिन

बाढ़ पीड़ित प्रेम कुमार ने कहा कि मकान सारे डूब गए हैं. ना ही खाने की व्यवस्था है और ना ही बिजनी पानी की. अंधेरे में रहकर रात गुजारनी पड़ रही है. पीड़ित राजकुमार सुमन ने बताया कि प्रशासन कोई व्यवस्था नहीं कर रही है. रात को कोई गार्ड भी नहीं है. बिजली के बिना अंधेरे में रहना पड़ रहा है. एक जनरेटर लगा कर उजाला किया जा सकता है.

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उन्होंने आक्रोश जताते हुए कहा कि आधा किलोमीटर पर मंत्री महोदय का मकान है. लेकिन उनको एसी में बैठने से फुरसत तक नहीं है. पीड़ित महिला संजू सुमन ने कहा कि यहां पर ना ही बिजली है और ना ही पीने को पानी मिल रहा है. गौरतलब है कि डूब क्षेत्रों की स्थिति भयावाह बनी हुई है. वहीं पीड़ित प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैे.

Intro:
कोटा में बाढ़ पीड़ितों को भूखे प्यासे रहकर दिन गुजरने पड़ रहे है।
बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रो में बाढ़ पीड़ितों को पानी मे रहकर पीने के पानी की समस्या सता रही।
कोटा बैराज के गेट खुलने के बाद घरों में पानी घुसने से लोग परेशान होते नजर आ रहे है।पानी मे रहहकर पीने के पानी व भोजन तक मोहताज हो रहे हैं।वही पीड़ितों ने प्रशासन पर ध्यान नही देने का आरोप लगाया है।
Body:बाढ़ पीड़ितों से जब हालात जाने तो उनका कहना है कि पीने का पानी तक नसीब नही हो रहा है।वही तीन दिनों से भूखे प्यासे पानी मे रहकर दिन गुजार रहे हैं।बाढ़ पीड़ित महिलाओं ने कहा कि हमारा खाने पीने से लेकर सारा सामान डूब गया।भूखे मरने तक कि नोबत आ गई है।बाढ़ पीड़ित प्रेम कुमार ने कहा कि मकान सारे डूब गए हैं ना ही खाने की वेवस्था है और नही बिजनी पानी की।अंधेरे में रहकर पानी मे रात गुजारनी पड़ रही है।पीड़ित राजकुमार सुमन ने बताया कि प्रशासन ने कोई वेवस्था नही कर रखी है ना ही तो रात को कोई गार्ड है और नाही रात में गश्त है।बिजली के बिना अंधेरे में रहना पड़ रहा है।एक जनरेटर लगा कर उजाला किया जा सकता है।आधा किलोमीटर पर मंत्री महोदय का मकान है लेकिन उनको ऐसी में बैठने से पुरसत तक नही है।यहां किसी को संभाल नही है।लावारिसों की तरह छोड़ रखा है।पीड़ित महिला संजू सुमन ने कहा कि यहां पर ना ही बिजली है और ना ही पीने को पानी मिल रहा है।अंधेरे में रहकर रात गुजारनी पड़ रही है।
Conclusion:डूब क्षेत्रो में प्रशासन का ध्यान नही देने से बाढ़ ग्रस्त लपीड़ितों को भूखे प्यासे,अंधेरे में रहकर पानी मे राते गुजारने पर मजबूरी बनी हुई है।
बाईट-प्रेम कुमार, बाढ़ पीड़ित, डूब क्षेत्र
बाईट-राजकुमार सुमन, पीड़ित
बाईट-संजू सुमन, पीड़िता
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