कोटा. सांगोद के विधायक भरत सिंह में कोटा डेवलपमेंट अथॉरिटी का विरोध शुरू कर दिया है. भरत सिंह ने कहा कि चोरी चुपके कोटा डेवलपमेंट अथॉरिटी का बिल को पास किया गया है. इस मामले में विधायकों और अन्य जनप्रतिनिधियों को भी जानकारी नहीं दी गई. कलेक्टर को इसकी जानकारी थी, लेकिन उन्होंने भी हमें नहीं बताया है. यह बिल चोरी चुपके पास किया गया है, जिससे ग्रामीण क्षेत्र की जनता के साथ अन्याय हुआ है.
भरत सिंह ने कहा कि कोटा डेवलपमेंट अथॉरिटी अब बना है, पहले यूआईटी थी जिसका चेयरमैन जिला कलेक्टर था. कोटा कलेक्टर का अधिकार केवल कोटा जिले की सीमा में होना चाहिए था. ऐसे में बूंदी जिले के गांवों को किस हैसियत से शामिल कर लिया गया, यह भी गलत है. भरत सिंह का कहना है कि यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने इसको पास करवाया है, लेकिन मैं इसका विरोध कर रहा हूं. उनसे कहा गया कि मंत्री धारीवाल केडीए से विकास की बात कह रहे हैं. इस पर उन्होंने कहा कि मंत्री धारीवाल को अच्छा दिख रहा है, लेकिन मुझे इससे होने वाले नुकसान नजर आ रहे हैं.
अधिकारियों को निकम्मा बता कार्रवाई की मांग : भरत सिंह का कहना है कि बीते दिनों कुंदनपुर में मोहर्रम का जुलूस निकलना था. इसको लेकर कुछ लोगों ने विवाद कर दिया था, इन पर कार्रवाई होनी चाहिए. सिंह ने कहा कि निगम में अधिकारियों ने ही यह विवाद बढ़ाया है. ऐसे में जिला प्रशासन के अधिकारियों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए. भरत सिंह ने यह भी आरोप लगाया है कि कुछ लोग कुंदनपुर गांव में अशांति फैलाना चाहते थे, वह धार्मिक उन्माद करना चाह रहे थे. ऐसे सभी लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर यह कार्रवाई नहीं हुई तो इस मामले में भी वे प्रदर्शन करेंगे. प्रशासन को भी सब लोगों के नाम मालूम हैं.
हम बंदरों की तरह उछल कूद नहीं करते, इतनी पुलिस सही नहीं : भरत सिंह के प्रदर्शन को लेकर बड़ी संख्या में पुलिस जाप्ता भी तैनात किया गया था. इस बात को लेकर भी भरत सिंह ने संभागीय आयुक्त के सामने आपत्ति जता दी. साथ ही कहा कि हम प्रदर्शन के दौरान बंदर की तरह उछल कूद नहीं करते हैं. ऐसे में इतनी भारी मात्रा में पुलिस लगाने की आवश्यकता नहीं है. हम अन्य नेताओं की तरह हरकत नहीं करते हैं. पूरी तरह से अनुशासन में रहते हैं. एक दो व्यक्तियों को भी लगाया जा सकता है. हालांकि, इस पर संभागीय आयुक्त ने कहा कि यह पुलिस का मसला है. मैंने यह जाप्ता डिप्लॉय नहीं करवाया था.