कोटा. राज्य और केंद्र सरकार के बीच कोटा के एयरपोर्ट की कड़ी उलझी हुई है. दोनों एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हाल ही लोकसभा स्पीकर ओम बिरला पर एयरपोर्ट के मुद्दे को लेकर हमला बोला था. जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने इसका विरोध जताया था. अब इस पूरे मामले पर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का बयान आया है. उन्होंने कहा कि गहलोत एयरपोर्ट के मुद्दे पर गलत बयानबाजी कर रहे हैं.
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि कोटा एयरपोर्ट के मामले पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत संवेदनशील नहीं हैं. साथ ही उनकी कोई रुचि भी इस मामले पर नहीं है. यहां तक की उन्होंने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण भ्रामक प्रचार और बयान भी मुख्यमंत्री गहलोत दे रहे हैं. मंत्री सिंधिया ने ट्वीट में लिखा है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत ने बिना तथ्यों के भ्रामक बयान दिया है.
राज्य सरकार ने 440 हेक्टेयर में से महज 33.4 हेक्टेयर भूमि ही कोटा एयरपोर्ट के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पक्ष में आवंटित अभी तक की है. जबकि राजस्थान के मुख्यमंत्री बयान दे रहे हैं कि उन्होंने पूरी भूमि एयरपोर्ट के नाम ट्रांसफर कर दी है. जबकि मिनिस्ट्री ऑफ सिविल एविएशन और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने 7 जुलाई, 26 जुलाई और 29 अगस्त को भी शेष भूमि के डायवर्जन की प्रक्रिया पत्र राज्य सरकार को लिखे हैं. इसके साथ ही राज्य सरकार को यह भी बताया गया है कि पावर ग्रीड की लाइनों को स्थानांतरण करने की प्रक्रिया भी राज्य सरकार के स्तर पर ही होगी.
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The back-and-forth, staggered response and tardy pace of handing over of the land by the State govt. have delayed the process of development of the #KotaAirport
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) September 16, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
It shows that CM @ashokgehlot51 Ji is least interested in the development of Kota Greenfield Airport or civil… pic.twitter.com/CJ1VNHt62V
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हमने अपनी प्रक्रिया काफी आगे बढ़ाई: मंत्री सिंधिया ने अपने बयान के जरिए यह भी बताया है कि उन्होंने टोपोग्राफिकल सर्वे, सॉइल टेस्टिंग, पर्यावरण स्वीकृत की प्रक्रिया, राज्य पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड को एनवायरमेंटल इंपैक्ट एसेसमेंट भी सबमिट कर दिया है. इसके बाद 6 जुलाई और 25 अगस्त को पब्लिक हियरिंग भी हुई है. इसके अलावा हमने एयरपोर्ट डिजाइन के लिए आर्किटेक्चर और इंजीनियरिंग के लिए डीपीआर बनाने की निर्देश भी दे दिए है. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने हमला करते हुए कहा है कि जमीन सौंपने के लिए राज्य सरकार लड़खड़ा रही है. इसके चलते हवाई अड्डे के निर्माण में देरी हो रही है.
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क्रेडिट के चक्कर में बिरला डाल रहे हैं अड़चन: गहलोत ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला पर हाल ही हमला बोला था. उन्होंने कहा था कि लोकसभा स्पीकर कोटा एयरपोर्ट का क्रेडिट कांग्रेस सरकार को नहीं चला जाए, इसीलिए उसका काम अटका रहे हैं. इसीलिए रोज नई-नई अड़चन इस मामले में डाली जा रही है. इन सबके हिसाब से 106 करोड़ रुपए राज्य सरकार से मांग की जा रही है. जबकि राज्य सरकार की जगह केंद्र सरकार भी इस राशि को खर्च कर सकती है.