कोटा. सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) व बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (RBSE) की 12वीं बोर्ड की परीक्षाएं फरवरी-मार्च से शुरू होगी. इसी तरह से अप्रैल में जेईईमेन का सेशन-2 आयोजित किया जाएगा. बारहवीं बोर्ड में अध्ययनरत विद्यार्थियों के सामने दोनों ही एग्जाम्स में बैलेंस मेंटेन करने का बड़ा सवाल है. बोर्ड परीक्षा और जेईई मेन प्रवेश परीक्षा की तैयारी को संतुलित कैसे करें ये एक्सपर्ट्स बताते हैं.
एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि 12वीं बोर्ड (सीबीएसई व राजस्थान बोर्ड) और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई मेन प्रवेश परीक्षा के परीक्षा पैटर्न का विश्लेषण करने पर सामने आता है कि नए पैटर्न में 20 से 25 फ़ीसदी ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न पूछे जाते हैं. जबकि जेईईमेन में 80 फ़ीसदी ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न होते हैं. इसी तरह से 20 फीसदी प्रश्न न्यूमैरिक वैल्यू बेस्ड हैं.
ऐसी स्थिति में यदि विद्यार्थी ऑब्जेक्टिव टाइप क्वेश्चंस पर अपनी पकड़ मजबूत बना लें तो बोर्ड परीक्षाओं के साथ अप्रैल में होने वाली जेईईमेन प्रवेश परीक्षा में भी बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं. देव शर्मा ने बताया कि जेईई मेन 2023 जनवरी अटेम्प्ट में भी असर्शन रीजन आधारित ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न पूछे गए हैं. इसी प्रकार के प्रश्न नए परीक्षा पैटर्न के अनुसार सीबीएसई 12वीं बोर्ड में भी पूछे जाएंगे. ऐसी स्थिति में विद्यार्थियों को असर्शन रीजन टाइप ऑब्जेक्टिव क्वेश्चंस को हल करने की प्रैक्टिस करना जरूरी है.
देव शर्मा ने बताया कि सीबीएसई 12वीं बोर्ड के फिजिक्स, केमेस्ट्री, मैथमेटिक्स व बायोलॉजी विषयों के सैंपल क्वेश्चन पेपर्स के अनुसार 22 से 25 फीसदी मार्क्स वेटेज ऑब्जेक्टिव टाइप क्वेश्चंस का है. बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन राजस्थान के जारी किए गए 12वीं बोर्ड के मॉडल क्वेश्चन पेपर्स के अनुसार यह अंक भर 23 फीसदी ऑब्जेक्टिव टाइप क्वेश्चंस का है.