कोटा. कोचिंग स्टूडेंट में बढ़ते तनाव को लेकर हर कोई चिंतित है. कोटा जिला प्रशासन से लेकर राज्य सरकार तक इस बात को लेकर चर्चा भी हुई है. देश भर से कोटा आकर कोचिंग करने वाले विद्यार्थियों के लिए लगातार अलग-अलग तरह के आयोजन किए जाते रहे हैं. सोमवार को कोटा में जिला प्रशासन और मोशन कोचिंग संस्थान की तरफ से मोटिवेशनल स्पीच कार्यक्रम आयोजित किया गया. इसमें भाग लेने के लिए कथावाचक जया किशोरी पहुंची. उन्होंने विद्यार्थियों से लगातार 2 घंटे तक बातचीत की और इस दौरान उनके सवालों के जवाब भी दिए. इस दौरान जया किशोरी ने कहा कि मेरे हिसाब से विनर वह है, जो खुश है. आप कर्म करो, मेहनत करो, उसके बाद जो होगा, अच्छा होगा.
जया किशोरी ने कहा कि संघर्ष एक ऐसी चीज है, जो आपको हमेशा सफलता की तरफ ले जाती है. मुझे नहीं लगता कि आपको संघर्ष के बिना स्थाई रूप से कामयाबी मिल सकती है. शॉर्टकट वाले रास्ते भी आपको कामयाबी दिला सकते हैं, लेकिन वह कुछ समय तक ही रहती है. मानसिक स्वास्थ्य के लिए अच्छे विचार जरूरी हैं. स्पिरिचुअल कनेक्शन काफी जरूरी है. ऐसे में प्रकृति, डिवाइन पावर से कनेक्ट हों. यह ऊर्जा देते हैं. इससे होश व जोश मिलेगा. नेम- फेम जीत नहीं है.
कथावाचक जया किशोरी ने कहा कि विद्यार्थियों को अपने अंदर कोई बुराई या कमी है, तो उसे समय रहते दुरुस्त करना चाहिए. यह आपके और सफलता के बीच की दूरी को कम कर देगा. जीवन में हमारा सीखा ही काम आता है. इसलिए लर्निंग महत्वपूर्ण है, नंबर मायने नहीं रखते. हम कोई भी काम करें, लेकिन उसे पर पूरा ध्यान केंद्रित होना चाहिए. ऐसा करना चाहिए कि उस एरिया के एक्सपर्ट बन जाएं. कोशिश करें कि आपसे आगे उस क्षेत्र में कोई ना हो. हेल्थ भी जरूरी है. इसके लिए फिजिकल एक्टिविटी और सात्विक खाना जरूरी है.
यह पूछे सवाल: पढ़ाई का स्ट्रेस कैसे मैनेज करें? जया किशोरी ने कहा कि आप किसी से तुलना नहीं करें और अपना बेस्ट ट्राई करें. स्ट्रेस तब आता है, जब आप जो कर रहे हैं, वह करना नहीं चाहते. इसलिए यह मानते हुए पढाई करें कि आज पढ़ाई कर ली, तो आगे का जीवन आसान होगा. आज मजे किए, तो कल आप अपनी जिंदगी में संघर्ष कर रहे होंगे.
सवाल-सलेक्ट नहीं हुआ तो मम्मी-पापा को फेस कैसे करूंगा? जया किशोरी ने कहा कि अगर सलेक्ट नहीं हुए तो आप मान लेना कि पूरी कोशिश के बाद भी मैं नहीं कर पाया. मान कर चलें कि इस पूरी दुनिया मे मम्मी-पापा से ज्यादा आपको कोई प्यार नहीं करता. उनके लिए आपकी सक्सेस जरूरी है, पर आप उससे भी जरूरी हो.
सवाल-गुस्से में कुछ बोल जाते हैं, बाद में पछताते हैं, इससे कैसे बचें? जया किशोरी ने कहा कि जो आपके अपने हैं, उनके सामने सोच समझ के बोलिए. एंगर मैनेजमेंट घर से शुरू होता है. इसका पहला तरीका स्प्रिचुअल है. जब आप अध्यात्म से जुड़ते हैं, तो शांत होते हैं, खुद पर कंट्रोल आता है. दूसरा तरीका है कि जब भी आपको लगे आपके इमोशन बैलेंस नहीं हैं, तो तब बात नहीं करें. मेरी इमोशन बैलेंस नहीं रहती हैं, तो मैं दो-तीन घंटे बात नहीं करती हूं.
सवाल-खुश कैसे रहें? जया किशोरी ने कहा कि आपके पास जो है, वो किसी और की जिंदगी का सपना हो सकता है. इसलिए जो मिला है, उस पर ध्यान दीजिए, तो आप अपने आप खुश हो जाएंगे. जिंदगी के 80 फीसदी दुख इसीलिए हैं कि जो है, उस पर ध्यान नहीं है, जो नहीं है, उस पर फोकस है. यह फोकस बदल लीजिए.
समारोह में पुलिस अधीक्षक शरद चौधरी, अतिरिक्त जिला कलक्टर राजकुमार सिंह, जिला परिषद सीईओ ममता तिवारी, मोशन एजुकेशन के चेयरमैन सुरेंद्र विजय, सीईओ, नितिन विजय, डायरेक्टर सुशीला विजय व डॉ. स्वाति विजय भी मौजूद थी.