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खेतों में अब भी पड़ा है पानी, फसलें तो पहले ही हो गई बर्बाद, अभी तक किसानों को न क्लेम मिला और न मुआवजा - kota overpowered farmers' crops

कोटा के रामगंजमंडी उपखंड क्षेत्र में अतिवृष्टि से किसानों की फसलें तबाह हो गई. किसान के खेतों में पकी-पकाई फसल खराब हो चुकी है. किसानों के खेतों में हर तरफ नुकसान ही नुकसान नजर आ रहा है. वहीं अभी तक न तो बीमा कंपनी ने क्लेम दिया है और न ही सरकार से मुआवजा मिल पाया है.

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Published : Oct 11, 2019, 8:31 AM IST

रामगंजमंडी (कोटा). उपखंड क्षेत्र में अतिवृष्टि से किसानों की फसलें तबाह हो गई. किसान की पकी-पकाई फसलें खराब हो चुकी है. खेतों में हर तरफ नुकसान ही नुकसान नजर आ रहा है. वहीं सरकार द्वारा किसानों की फसलों का सर्वे तो करवाया गया. जिसमें विभाग द्वारा 70 प्रतिशत खराबा भी दर्ज किया गया.

वहीं अभी तक न तो बीमा कंपनी ने क्लेम दिया और न सरकार से मुआवजा

लेकिन सरकार से अभी भी किसान मुआवजे की मांग करते नजर आ रहे हैं. वहीं किसानों द्वारा फसल का करवाया गया बीमा अभी तक पास नहीं हो पाया है. वहीं किसान का कहना है कि कर्ज लेकर खेतों में फसल तो की बुवाई तो कर दी, लेकिन कुदरत के कहर ने सब कुछ बर्बाद कर दिया.

अब खेतों में खराब फसलों को निकालना भी महंगा पड़ रहा है. वहीं सरकार अभी भी किसानों का दर्द नहीं समझ पा रही है. वहीं गादीया पंचायत के किसान पूनम चंद ने बताया कि उसके 40 बीघा जमीन पर खरीफ की फसल को बोने में 10 हजार रुपए बीघा का खर्च आया था.

यह भी पढ़ें- कोटा में बिना सिटी बस के बेहाल शहरवासी, वर्क ऑर्डर जारी होने के बाद भी कंपनी ने सड़कों पर नहीं उतारी गाड़ियां

लेकिन अतिवृष्टि होने से सभी फसल खराब हो गई. अब इस खराब फसल को निकालने के लिए जो खर्च हो रहा है. वह शायद फसल की बुवाई में नहीं हुआ होगा. खेतों में अभी भी पानी भरा पड़ा है. जिसमें बहुत ही मुश्किल से खरीफ फसल को बाहर निकालने में लगे है.

अगर समय रहते राहत मिली तो रबी की फसल की तैयारी की जाएगी. वहीं बीमा कंपनी हर साल हमारी फसलों का बीमा तो करती है. लेकिन अभी तक कोई सहायता नहीं दी है. वहीं आपको बता दें कि इस बार तीन महीने तक बारिश का दौर जारी रहा.

यह भी पढ़ें- कोटा: दशहरे मेले में समिति के निर्णयों को नहीं मान रहे अधिकारी

इस समय तो खरीफ की फसल कटकर घर आ जाती थी और रबी की फसल की बुवाई शुरू हो जाती थी. लेकिन इस बार बारिश ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए. वहीं धनराज ने फसल बीमा कंपनी पर आरोप लगाते हुए बताया कि बीमा कंपनी हर साल किसान फसल बीमे के नाम पर किसानों से किसान कार्ड के माध्यम से पैसा तो काट लेती है, लेकिन हमको उसका फायदा समय पर नहीं मिल पाता.

रामगंजमंडी (कोटा). उपखंड क्षेत्र में अतिवृष्टि से किसानों की फसलें तबाह हो गई. किसान की पकी-पकाई फसलें खराब हो चुकी है. खेतों में हर तरफ नुकसान ही नुकसान नजर आ रहा है. वहीं सरकार द्वारा किसानों की फसलों का सर्वे तो करवाया गया. जिसमें विभाग द्वारा 70 प्रतिशत खराबा भी दर्ज किया गया.

वहीं अभी तक न तो बीमा कंपनी ने क्लेम दिया और न सरकार से मुआवजा

लेकिन सरकार से अभी भी किसान मुआवजे की मांग करते नजर आ रहे हैं. वहीं किसानों द्वारा फसल का करवाया गया बीमा अभी तक पास नहीं हो पाया है. वहीं किसान का कहना है कि कर्ज लेकर खेतों में फसल तो की बुवाई तो कर दी, लेकिन कुदरत के कहर ने सब कुछ बर्बाद कर दिया.

अब खेतों में खराब फसलों को निकालना भी महंगा पड़ रहा है. वहीं सरकार अभी भी किसानों का दर्द नहीं समझ पा रही है. वहीं गादीया पंचायत के किसान पूनम चंद ने बताया कि उसके 40 बीघा जमीन पर खरीफ की फसल को बोने में 10 हजार रुपए बीघा का खर्च आया था.

यह भी पढ़ें- कोटा में बिना सिटी बस के बेहाल शहरवासी, वर्क ऑर्डर जारी होने के बाद भी कंपनी ने सड़कों पर नहीं उतारी गाड़ियां

लेकिन अतिवृष्टि होने से सभी फसल खराब हो गई. अब इस खराब फसल को निकालने के लिए जो खर्च हो रहा है. वह शायद फसल की बुवाई में नहीं हुआ होगा. खेतों में अभी भी पानी भरा पड़ा है. जिसमें बहुत ही मुश्किल से खरीफ फसल को बाहर निकालने में लगे है.

अगर समय रहते राहत मिली तो रबी की फसल की तैयारी की जाएगी. वहीं बीमा कंपनी हर साल हमारी फसलों का बीमा तो करती है. लेकिन अभी तक कोई सहायता नहीं दी है. वहीं आपको बता दें कि इस बार तीन महीने तक बारिश का दौर जारी रहा.

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इस समय तो खरीफ की फसल कटकर घर आ जाती थी और रबी की फसल की बुवाई शुरू हो जाती थी. लेकिन इस बार बारिश ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए. वहीं धनराज ने फसल बीमा कंपनी पर आरोप लगाते हुए बताया कि बीमा कंपनी हर साल किसान फसल बीमे के नाम पर किसानों से किसान कार्ड के माध्यम से पैसा तो काट लेती है, लेकिन हमको उसका फायदा समय पर नहीं मिल पाता.

Intro:रामगंजमंडी /कोटा
उपखण्ड क्षेत्र में अतिवृष्टि से किसानों की फसलें तो तबाह हो गई। किसान की पकी पकाई फसलें खराब हो चुकी है। हर तरफ किसानों को नुकसान ही नजर आ रहा है। वही अभी तक न तो बीमा कंपनी ने क्लेम दिया और न सरकार से मुवावजा मिला।Body:रामगंजमंडी /कोटा
उपखण्ड क्षेत्र में अतिवृष्टि से किसानों की फसलें तबाह हो गई। किसान की पकी पकाई फसलें खराब हो चुकी है। हर तरफ नुकसान ही नजर आ रहा है ।वही सरकार द्वारा किसानों की फसलों का सर्वे तो करवाया गया जिसमे विभाग द्वारा 70 प्रतिशत खरफा भी दर्ज किया गया ।  लेकिन सरकार से अभी भी किसान मुवावजे की मांग करते नजर आ रहे है । वही किसानों द्वारा फसल का करवाया गया बीमा तक पास नही हो पाया है। वही किसान का कहना है कि कर्ज लेकर खेतो में फसल तो की बुवाई तो कर दी लेकिन कुदरत के कहर ने सब कुछ बर्बाद कर दिया । अब खेतो में खराब फसलो को निकालना भी महंगा पड़ रहा है । वही सरकार अभी  भी किसानों का दर्द नही समझ पा रही है ।वही गादीया पंचायत किसान पूनम चंद ने बताया कि उसके 40 बीघा जमीन पर ख़रीब की फसल को बोन में 10 हजार रुपये बीघा का खर्च आया था लेकिन अतिवर्ष्टि होने से सभी फसल खराब हो गई ।अब इस खराब फसल को निकालने के लिये जो खर्च हो रहा है वह शायद फसल की बुवाई में नही हुआ होगा । खेतो में अभी भी पानी है जिसमे बहुत ही मुश्कील से खराब फसल को बाहर निकालने में लगे है। अगर समय से राहत मिली तो रबी की फसल की तैयारी की जाएगी । वही बीमा कंपनी हर साल हमारी फसलो का बीमा तो करती है लेकिन अभी तक कोई सहायता नही दी है । वही जानकारी के अनुसार आपको बतादे की इस बार तीन महीने से लगातार बारिश हो रही है। इस समय तो खरीब की फसल कटकर घर आ जाती थी और रबी की फसल की बुवाई शुरू हो जाती थी, लेकिन इस बार बारिश ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। वही धनराज ने फसल बीमा कंपनी पर आरोप लगाते हुए बताया कि किसानों द्वारा बीमा कंपनी हर साल किसान  फसल बीमे के नाम पर किसानों से किसान कार्ड में माध्यम से पैसा तो काट लेती है लेकिन हमको उसका फायदा समय पर नही मिल पता ।
 Conclusion:रामगंजमंडी /कोटा
उपखण्ड क्षेत्र में अतिवृष्टि से किसानों की फसलें तो तबाह हो गई। किसान की पकी पकाई फसलें खराब हो चुकी है। हर तरफ किसानों को नुकसान ही नजर आ रहा है। वही अभी तक न तो बीमा कंपनी ने क्लेम दिया और न सरकार से मुवावजा मिला। किसान कैसे करेगा रबी की फसल को तैयार।
बाईट- किसान पूनमचन्द
बाईट- किसान धनराज गादिया
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