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गजब! दहेज में न मांगा पैसा...न सोना-चांदी, दूल्हा हुआ एक बछिया पर राजी

कोटा में दहेज का एक अनोखा मामला सामने आया है, जिसमें दूल्हे ने दहेज में कीमती सामान, जेवरात और नकदी लेने की जगह गाय की बछिया को दहेज में मांगा है. जो मांग उसके ससुराल पक्ष ने पूरी भी की है. युवक ने गोपालन का संदेश देने के लिए यह कदम उठाया.

कोटा न्यूज, kota latest news, दहेज में ली बछिया, Heifer taken in dowry
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Published : Nov 23, 2019, 11:30 AM IST

कोटा. एक निजी मैरिज गार्डन में शुक्रवार को खेडली फाटक निवासी विवेक और महावीर नगर निवासी वर्षा के साथ विवाह हुआ है. विवेक ने सगाई के पहले ही ससुराल पक्ष के लोगों को दहेज नहीं लेने की बात कह दी थी, साथ ही शुक्रवार को आयोजित हुए विवाह समारोह में दहेज में केवल एक बछिया ली है, जिसका गोधारण संस्कार भी करवाया है.

कोटा के विवेक ने दहेज में ली बछिया

मामला खेड़ली फाटक निवासी विवेक गौतम का है, जिनका दाधीच मैरिज गार्डन में शुक्रवार को महावीर नगर निवासी वर्षा के साथ विवाह हुआ है. विवेक ने सगाई के पहले ही ससुराल पक्ष के लोगों को दहेज नहीं लेने की बात कह दी थी. साथ ही शुक्रवार को आयोजित हुए विवाह समारोह में दहेज में केवल एक बछिया ली है. हालांकि ससुराल पक्ष से विवेक ने दहेज में गाय की मांग की तो सुनते ही वे अचरज में पड़ गए, लेकिन जब उन्हें गोसेवा की बात बताई तो उन्हें भी खुशी हुई.

यह भी पढ़ें- 15 मीटर से ऊंची इमारतों और भवनों को लेनी होगी फायर एनओसी : मंत्री

दरअसल, विवेक बचपन से ही गो प्रेम रखता है, फिर बड़े होने पर ये प्रेम कुछ ऐसे बढ़ा कि, उसने निस्वार्थ तरीके से शहर की बीमार और सडक हादसे में घायल गोवंश के उपचार की जिम्मेदारी उठा ली. अब जब विवेक की शादी तय हुई तो भी दहेज में गौ माता को ही मांगा ताकि उसकी सेवा कर सके. विवेक का मानना है कि दहेज जैसी कुप्रथा के खिलाड़ उनके संदेश से समाज में बदलाव आएगा. विवेक बूंदी के तीरथ गांव में निजी स्कूल संचालित करते हैं. वही थेगड़ा में उन्होंने गोशाला भी बना रखी है.

कोटा. एक निजी मैरिज गार्डन में शुक्रवार को खेडली फाटक निवासी विवेक और महावीर नगर निवासी वर्षा के साथ विवाह हुआ है. विवेक ने सगाई के पहले ही ससुराल पक्ष के लोगों को दहेज नहीं लेने की बात कह दी थी, साथ ही शुक्रवार को आयोजित हुए विवाह समारोह में दहेज में केवल एक बछिया ली है, जिसका गोधारण संस्कार भी करवाया है.

कोटा के विवेक ने दहेज में ली बछिया

मामला खेड़ली फाटक निवासी विवेक गौतम का है, जिनका दाधीच मैरिज गार्डन में शुक्रवार को महावीर नगर निवासी वर्षा के साथ विवाह हुआ है. विवेक ने सगाई के पहले ही ससुराल पक्ष के लोगों को दहेज नहीं लेने की बात कह दी थी. साथ ही शुक्रवार को आयोजित हुए विवाह समारोह में दहेज में केवल एक बछिया ली है. हालांकि ससुराल पक्ष से विवेक ने दहेज में गाय की मांग की तो सुनते ही वे अचरज में पड़ गए, लेकिन जब उन्हें गोसेवा की बात बताई तो उन्हें भी खुशी हुई.

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दरअसल, विवेक बचपन से ही गो प्रेम रखता है, फिर बड़े होने पर ये प्रेम कुछ ऐसे बढ़ा कि, उसने निस्वार्थ तरीके से शहर की बीमार और सडक हादसे में घायल गोवंश के उपचार की जिम्मेदारी उठा ली. अब जब विवेक की शादी तय हुई तो भी दहेज में गौ माता को ही मांगा ताकि उसकी सेवा कर सके. विवेक का मानना है कि दहेज जैसी कुप्रथा के खिलाड़ उनके संदेश से समाज में बदलाव आएगा. विवेक बूंदी के तीरथ गांव में निजी स्कूल संचालित करते हैं. वही थेगड़ा में उन्होंने गोशाला भी बना रखी है.

Intro:दाधीच मैरिज गार्डन में शुक्रवार को खेडली फाटक निवासी विवेक और महावीर नगर निवासी वर्षा के साथ विवाह हुआ है. विवेक ने सगाई के पहले ही ससुराल पक्ष के लोगों को दहेज नहीं लेने की बात कह दी थी, साथ ही शुक्रवार को आयोजित हुए विवाह समारोह में दहेज में केवल एक बछिया ली है जिसका गोधारण संस्कार भी करवाया है.



Body:कोटा.
कोटा में एक दहेज का अनोखा मामला सामने आया है. जिसमें दूल्हे ने दहेज में कीमती सामान, जेवरात और नकदी लेने की जगह गाय की बछिया को दहेज में मांगा है. जो मांग उसके ससुराल पक्ष ने पूरी भी की है. युवक ने गोपालन का संदेश देने के लिए यह कदम उठाया है.
मामला खेड़ली फाटक निवासी विवेक गौतम का है, जिनका दाधीच मैरिज गार्डन में शुक्रवार को महावीर नगर निवासी वर्षा के साथ विवाह हुआ है. विवेक ने सगाई के पहले ही ससुराल पक्ष के लोगों को दहेज नहीं लेने की बात कह दी थी, साथ ही शुक्रवार को आयोजित हुए विवाह समारोह में दहेज में केवल एक बछिया ली है जिसका गोधारण संस्कार भी करवाया है.
Conclusion:हालांकि ससुराल पक्ष से विवेक ने दहेज में गाय की मांग की तो सुनते ही वे अचरज में पड़ गए, लेकिन जब उन्हें गौसेवा की बात सब बताई तो उन्हें भी खुशी हुई, दरसल विवेक बचपन से ही गौ प्रेम रखते है, फिर बड़े होने पर ये प्रेम कुछ ऐसे बढ़ा की, इन्होंने निस्वार्थ तरीके से शहर की बीमारी और सडक हादसे में घायल गौवंश के उपचार की जिम्मेदारी उठा ली. जब अब विवेक की शादी तय हुई तो भी उन्होंने दहेज में गौ माता को लिया ताकि उसकी सेवा कर सकें.
उनका मानना है कि दहेज जैसी कुप्रथा के खिलाड़ उनका संदेश से भी समाज मे बदलाव आएगा. विवेक बूंदी जिले के तीरथ गांव में निजी स्कूल संचालित करते हैं. वही थेगड़ा में उन्होंने गौशाला भी बना रखी है.
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