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Delhi Mumbai Expressway : मुकुंदरा में बन रही टनल में पानी का तेज रिसाव, एक तरफ खुदाई का काम बंद, नहीं पता चला Source

राजस्थान के कोटा में भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत बन रहे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में सुरंग खुदाई में हैवी पानी लीकेज का मामला सामने आया है. काफी प्रेशर से आ रहे पानी का सोर्स अभी पता नहीं चल पाया है. इससे एक एरिया में काम बंद हो चुका है. देखिए ये खास रिपोर्ट...

Heavy water leakage in tunnel
मुकुंदरा में बन रही टनल में पानी का तेज रिसाव
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 31, 2023, 12:44 PM IST

Updated : Oct 31, 2023, 1:23 PM IST

टनल में पानी का तेज रिसाव

कोटा. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे जिले के मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के एरिया से गुजर रहा है. ऐसे में वहां इंटरनेशनल स्टैंडर्ड की 8 लेन की अंडरग्राउंड सुरंग बनाई जा रही है. इस सुरंग में दो ट्यूब का निर्माण किया जा रहा है. सुरंग निर्माण के दौरान कोटा की तरफ से हो रही खुदाई में हैवी पानी लीकेज का मामला सामने आया है. यहीं नहीं, पानी का प्रेशर भी बहुत अधिक है. इसके चलते कुछ दिनों से यहां काम भी बंद हो गया है. इस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट को झटका लगा है.

नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारी चंद दिनों से ही काम बंद होने की बात कह रहे हैं. हैवी पानी लीकेज की पूरी जानकारी को छुपाया जा रहा है, लेकिन सुरंग में काफी पानी भर गया है. इसके चलते वर्तमान में एक एरिया में काम करना असंभव हो गया है.

नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के डीजीएम और कार्यवाहक प्रोजेक्ट डायरेक्टर राकेश कुमार मीणा का कहना है-

टनल में पानी के लीकेज का इश्यू आता है, यह नेचुरल बात है. काम बंद नहीं हुआ है. वो खुद भी अब इसे देखने के लिए जा रहे हैं. वो एनएचएआई के पीआरओ नहीं हैं. ज्यादा जानकारी पीआरओ ही दे सकते है.

60 फीट दूर तक जा रहा पानी का प्रेशर : यह सुरंग ब्लास्टिंग तकनीक से बनाई जा रही है. ऐसे में करीब 1 सप्ताह पहले ब्लास्टिंग के लिए मशीन के जरिए सुरंग में ड्रिल किए गए थे. इनमें बारूद भरकर विस्फोट करना था. हालांकि, इनमें से एक हॉल में पानी का रिसाव शुरू हो गया था. यह शुरुआत में काफी कम था, लेकिन लगातार इनका प्रेशर बढ़ता रहा और अब 60 फीट दूर तक इसकी धारा जा रही है. इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि पानी का प्रेशर किस लेवल का होगा. साथ ही आसपास के तीन अन्य हॉल में भी पानी इसी प्रेशर से आने लगा है. हालात ऐसे हो गए हैं कि इन हॉल की साइज 45 एमएम की गई थी, लेकिन अब 75 से 100 एमएम तक बढ़ गए हैं.

पढ़ें : Special : वियतनाम मार्बल से बनी चंबल माता की 242 फीट ऊंची मूर्ति, 1500 टुकड़ों को जोड़कर बना स्ट्रक्चर, यह है खासियत

300 मीटर एरिया में भर गया है पानी : सुरंग खोदने के दौरान आए इस पानी के चलते काफी मात्रा में पानी भर गया है. करीब 6 से 8 फीट पानी आ गया है, जबकि यह पानी लीकेज से 300 मीटर दूर तक पहुंच गया है. मौके पर काम करने वाली टीम ने बताया कि एक वीक से ज्यादा समय हो गया है. यह रिसाव भी चार जगह से हो रहा है. एनएचएआई के अधिकारियों और काम कर रही दिलीप बिल्डकॉन के कार्मिक पानी के सोर्स का पता नहीं लगा पाए हैं. जिस जगह पर यह सुरंग बनाई जा रही है, वहां मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व की एक पहाड़ी है.

Heavy water leakage in tunnel
मुकुंदरा में बन रही टनल में पानी का तेज रिसाव

ऐसे में पानी को चेक करने के लिए पहाड़ी के ऊपर भी टीम को भेजा गया था, लेकिन वहां पर इतना पानी एकत्रित नहीं है, जितना पानी का प्रेशर नीचे लीकेज में आ रहा है. ऐसे में मशीनरी व सुरंग खोदने के लिए उपयोग किए जा रहे विद्युत उपकरण भी हटाए गए हैं. इनमें ट्रांसफार्मर, वायरिंग और इलेक्ट्रिक पैनल शिफ्ट किए गए हैं. यहां लगाए गए वाटर पंप को भी पीछे ले जाया गया है, ताकि जब यह पानी का रिसाव बंद होगा तब पानी निकालने में सुविधा हो.

'सुरंग निर्माण में इस तरह की कई समस्याएं आ जाती है. ये सब चैलेंज टनल निर्माण के होते हैं. इसमें आगे कोई दिक्कत नहीं आएगी. पानी को निकाल दिया जाएगा और फिर आगे काम किया जाएगा. हम जल्द ही इस काम को शुरू करवा देंगे. पंपिंग सहित अन्य इंतजाम हमने शुरू करवा दिए हैं. ये रिसाव का पानी अंडरग्राउंड वॉटर है, कहां से कहां होकर आ रहा है, यह भी नहीं समझ आ रहा है. जिस जगह से पानी निकल रहा है, वहां काफी ऊंचाई तक पहाड़ी है.' -

एलपी साहू (नेशनल हाई-वे अथॉरिटी ऑफ इंडिया की टनल निर्माण की कंसल्टेंसी फर्म के सीनियर टनल एक्सपर्ट)

पढ़ें : Special : कोटा संभाग के 89 फीसदी बांध रह गए 'प्यासे', भूजल और सिंचाई में होगी समस्या.. ये हैं आंकड़े

अभी 1900 मीटर तक हुई है खुदाई : यह टनल 4.9 किलोमीटर लंबी है. इसमें दोनों तरफ मिलाकर करीब 2 किलोमीटर सीमेंट कंक्रीट के जरिए सुरंग का रूप देना है, जबकि करीब 3 किलोमीटर तक सुरंग की खुदाई होनी है. इसमें से अभी 1900 मीटर ही खुदाई हुई है. शेष 1100 मीटर खुदाई अभी बाकी है. वहीं, कोटा की तरफ से 1500 मीटर खुदाई हुई है, जबकि रामगंजमंडी की तरफ से 400 मीटर खुदाई हुई है. इसमें दो अलग-अलग समानांतर सुरंग P1 और P2 बनाई जा रही है. ये दोनों आपस में नौ जगह से जुड़ी हुई भी है. जाहिर है चार जगहों पर खुदाई का कार्य जारी है, जिसमें अब एक जगह पर काम बंद हो गया है. P1 सुरंग में कोटा की तरफ से काम बंद हो गया है, जबकि P1 में ही रामगंज मंडी की तरफ से कार्य जारी है. वहीं P2 में बिना किसी अवरोधक के दोनों तरफ से काम जारी है.

टनल में पानी का तेज रिसाव

कोटा. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे जिले के मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के एरिया से गुजर रहा है. ऐसे में वहां इंटरनेशनल स्टैंडर्ड की 8 लेन की अंडरग्राउंड सुरंग बनाई जा रही है. इस सुरंग में दो ट्यूब का निर्माण किया जा रहा है. सुरंग निर्माण के दौरान कोटा की तरफ से हो रही खुदाई में हैवी पानी लीकेज का मामला सामने आया है. यहीं नहीं, पानी का प्रेशर भी बहुत अधिक है. इसके चलते कुछ दिनों से यहां काम भी बंद हो गया है. इस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट को झटका लगा है.

नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारी चंद दिनों से ही काम बंद होने की बात कह रहे हैं. हैवी पानी लीकेज की पूरी जानकारी को छुपाया जा रहा है, लेकिन सुरंग में काफी पानी भर गया है. इसके चलते वर्तमान में एक एरिया में काम करना असंभव हो गया है.

नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के डीजीएम और कार्यवाहक प्रोजेक्ट डायरेक्टर राकेश कुमार मीणा का कहना है-

टनल में पानी के लीकेज का इश्यू आता है, यह नेचुरल बात है. काम बंद नहीं हुआ है. वो खुद भी अब इसे देखने के लिए जा रहे हैं. वो एनएचएआई के पीआरओ नहीं हैं. ज्यादा जानकारी पीआरओ ही दे सकते है.

60 फीट दूर तक जा रहा पानी का प्रेशर : यह सुरंग ब्लास्टिंग तकनीक से बनाई जा रही है. ऐसे में करीब 1 सप्ताह पहले ब्लास्टिंग के लिए मशीन के जरिए सुरंग में ड्रिल किए गए थे. इनमें बारूद भरकर विस्फोट करना था. हालांकि, इनमें से एक हॉल में पानी का रिसाव शुरू हो गया था. यह शुरुआत में काफी कम था, लेकिन लगातार इनका प्रेशर बढ़ता रहा और अब 60 फीट दूर तक इसकी धारा जा रही है. इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि पानी का प्रेशर किस लेवल का होगा. साथ ही आसपास के तीन अन्य हॉल में भी पानी इसी प्रेशर से आने लगा है. हालात ऐसे हो गए हैं कि इन हॉल की साइज 45 एमएम की गई थी, लेकिन अब 75 से 100 एमएम तक बढ़ गए हैं.

पढ़ें : Special : वियतनाम मार्बल से बनी चंबल माता की 242 फीट ऊंची मूर्ति, 1500 टुकड़ों को जोड़कर बना स्ट्रक्चर, यह है खासियत

300 मीटर एरिया में भर गया है पानी : सुरंग खोदने के दौरान आए इस पानी के चलते काफी मात्रा में पानी भर गया है. करीब 6 से 8 फीट पानी आ गया है, जबकि यह पानी लीकेज से 300 मीटर दूर तक पहुंच गया है. मौके पर काम करने वाली टीम ने बताया कि एक वीक से ज्यादा समय हो गया है. यह रिसाव भी चार जगह से हो रहा है. एनएचएआई के अधिकारियों और काम कर रही दिलीप बिल्डकॉन के कार्मिक पानी के सोर्स का पता नहीं लगा पाए हैं. जिस जगह पर यह सुरंग बनाई जा रही है, वहां मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व की एक पहाड़ी है.

Heavy water leakage in tunnel
मुकुंदरा में बन रही टनल में पानी का तेज रिसाव

ऐसे में पानी को चेक करने के लिए पहाड़ी के ऊपर भी टीम को भेजा गया था, लेकिन वहां पर इतना पानी एकत्रित नहीं है, जितना पानी का प्रेशर नीचे लीकेज में आ रहा है. ऐसे में मशीनरी व सुरंग खोदने के लिए उपयोग किए जा रहे विद्युत उपकरण भी हटाए गए हैं. इनमें ट्रांसफार्मर, वायरिंग और इलेक्ट्रिक पैनल शिफ्ट किए गए हैं. यहां लगाए गए वाटर पंप को भी पीछे ले जाया गया है, ताकि जब यह पानी का रिसाव बंद होगा तब पानी निकालने में सुविधा हो.

'सुरंग निर्माण में इस तरह की कई समस्याएं आ जाती है. ये सब चैलेंज टनल निर्माण के होते हैं. इसमें आगे कोई दिक्कत नहीं आएगी. पानी को निकाल दिया जाएगा और फिर आगे काम किया जाएगा. हम जल्द ही इस काम को शुरू करवा देंगे. पंपिंग सहित अन्य इंतजाम हमने शुरू करवा दिए हैं. ये रिसाव का पानी अंडरग्राउंड वॉटर है, कहां से कहां होकर आ रहा है, यह भी नहीं समझ आ रहा है. जिस जगह से पानी निकल रहा है, वहां काफी ऊंचाई तक पहाड़ी है.' -

एलपी साहू (नेशनल हाई-वे अथॉरिटी ऑफ इंडिया की टनल निर्माण की कंसल्टेंसी फर्म के सीनियर टनल एक्सपर्ट)

पढ़ें : Special : कोटा संभाग के 89 फीसदी बांध रह गए 'प्यासे', भूजल और सिंचाई में होगी समस्या.. ये हैं आंकड़े

अभी 1900 मीटर तक हुई है खुदाई : यह टनल 4.9 किलोमीटर लंबी है. इसमें दोनों तरफ मिलाकर करीब 2 किलोमीटर सीमेंट कंक्रीट के जरिए सुरंग का रूप देना है, जबकि करीब 3 किलोमीटर तक सुरंग की खुदाई होनी है. इसमें से अभी 1900 मीटर ही खुदाई हुई है. शेष 1100 मीटर खुदाई अभी बाकी है. वहीं, कोटा की तरफ से 1500 मीटर खुदाई हुई है, जबकि रामगंजमंडी की तरफ से 400 मीटर खुदाई हुई है. इसमें दो अलग-अलग समानांतर सुरंग P1 और P2 बनाई जा रही है. ये दोनों आपस में नौ जगह से जुड़ी हुई भी है. जाहिर है चार जगहों पर खुदाई का कार्य जारी है, जिसमें अब एक जगह पर काम बंद हो गया है. P1 सुरंग में कोटा की तरफ से काम बंद हो गया है, जबकि P1 में ही रामगंज मंडी की तरफ से कार्य जारी है. वहीं P2 में बिना किसी अवरोधक के दोनों तरफ से काम जारी है.

Last Updated : Oct 31, 2023, 1:23 PM IST
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